Tata Group देगा 45,000 महिलाओं को नौकरी, होसुर प्लांट के लिए होगी हायरिंग
सितंबर में टाटा समूह ने होसुर प्लांट में 5,000 महिलाओं को दी थी नौकरी.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट है कि टाटा ग्रुप तमिलनाडु के होसुर स्थित अपने प्लांट में कर्मचरियों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रहा है और इस प्रक्रिया में 45,000 महिलाओं को नौकरी देने की योजना है. आने वाले 18 से 24 महीनों के भीतर टाटा में 45,000 महिलाओं को जॉब मिलेगी. टाटा के होसुर स्थित इस प्लांट में आईफोन के केस का प्रोडक्शन होता है.
तमिलनाडु के इस इलेक्ट्रॉनिक प्लांट में पहले से दस हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं. इसी वर्ष सितंबर में टाटा ने 5,000 महिलाओं को नौकरी दी थी.
भारत में आईफोन मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट खड़ी करने की योजना
एक साथ इतनी बड़ी संख्या में महिला कर्मचारियों को हायर करने के पीछे कारण यह है कि टाटा अपनी प्रोडक्शन कैपेसिटी को बढ़ाना चाहता है. वर्ष 2017 में एपल ने भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग की शुरुआत की थी. लेकिन उसकी प्रोडक्शन कैपिसिटी बहुत कम थी. एक बार टाटा के इस इलाके में प्रवेश करने के साथ चीन के समानांतर भारत एक बड़े मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में उभर सकता है.
टाटा ग्रुप की विस्ट्रॉन के साथ बातचीत चल रही है. टाटा विस्ट्रॉन के साथ मिलकर भारत में एक आईफोन असेंबलिंग मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने की योजना बना रहा है. यदि टाटा समूह और विस्ट्रॉन की डील तय हो जाती है तो टाटा आईफोन बनाने वाली भारत की पहली कंपनी बन जाएगी.
चीन रहा है आईफोन मैन्यूफैक्चरिंग का केंद्र
पूरी दुनिया में आईफोन मैन्यूफैक्चरिंग का सबसे बड़ा केंद्र चीन ही है. फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन आदि कंपनियां एपल की कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरर्स हैं. एपल इन मैन्यूफैक्चरर कंपनियों को आई फोन के पार्ट सप्लाय करता है और ये कंपनियां उन पार्ट्स को एसेंबल करके आईफोन बनाती हैं.
चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों से बदलते बिजनेस डायनेमिक्स
अभी तक अमेरिकन कंपनी एपल के आईफोन मैन्यूफैक्चरिंग पर चीन का एकछत्र साम्राज्य रहा है. न सिर्फ पूरे दक्षिण एशिया, बल्कि दुनिया के अन्य महाद्वीपों पर मिलने वाले आईफोन की मैन्यूफैक्चरिंग भी चीन में होती रही है. लेकिन अब कुछ राजनीतिक कारणों से दोनों देशों के बिजनेस डायनेमिक्स भी बदल रहे हैं. कोविड महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी और उस मुद्दे पर चीन के स्टैंड जैसी वैश्विक राजनीतिक हलचलों का असर चीन और अमेरिका के संबंधों पर पड़ा है और अब इसका असर व्यावसायिक संबंधों को भी प्रभावित कर रहा है.
संभवत: यही कारण है कि अब एपल अपने मैन्यूफैक्चरिंग बेस को सिर्फ चीन तक केंद्रित नहीं रखना चाहता. सिर्फ एक देश पर अपनी पूर्ण निर्भरता को खत्म कर एपल अपनी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट को भारत तक फैलाने की योजना पर विचार कर रहा है और भारत में आईफोन मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट बनाने के लिए बेहतर विकल्प है.
होसुर प्लांट में महिला श्रमिकों की सैलरी
तकरीबन 500 एकड़ क्षेत्र में फैले होसुर प्लांट में महिला श्रमिकों को तकरीबन 16,000 ग्रॉस सैलरी मिलती है, जो उस श्रेणी के कर्मचारियों के इंडस्ट्री औसत से तकरीबन 40 फीसदी अधिक है. होसुर प्लांट में श्रमिकों को भोजन और आवास की सुविधा भी
उपलब्ध है.
Edited by Manisha Pandey