बच्चों तक किताबें पहुंचाने के लिए शिक्षक ने जंगल में चलाई बैलगाड़ी, मंत्रालय ने बनाया ब्रांड एंबेस्डर
इस्पात मंत्रालय ने नीरज के काम को सराहते हुए उन्हें अपना ब्रांड एंबेस्डर बनाया है, इसी के साथ मंत्रालय ने नीरज के ऊपर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई है।
देश के सरकारी स्कूलों पर पढ़ाई को लेकर उनकी गुणवत्ता पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इन्ही सरकारी स्कूलों में तमाम शिक्षक ऐसे भी हैं जो अपने अथक प्रयासों के जरिये इन स्कूलों में शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने का काम कर रहे हैं। ऐसा ही काम कर रहे हैं शिक्षक नीरज सक्सेना।
रायसेन जिले के सालेगढ़ गांव के प्राथमिक स्कूल में बतौर शिक्षक तैनात नीरज बैलगाड़ी के जरिये स्कूल के बच्चों के लिए किताबें ले जाते हुए देखे गए हैं।
इस दौरान नीरज ने बच्चों तक किताबें पहुंचाने के लिए करीब 4 किलोमीटर जंगल का रास्ता बैलगाड़ी के जरिये पार किया। मीडिया के अनुसार नीरज ने लगातार कोशिशों के दम पर शिक्षा गुणवत्ता के मामले में अपने स्कूल को निजी स्कूल के स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया है।
नीरज साल 2009 से इस प्राथमिक स्कूल में पढ़ा रहे हैं। शुरुआत में स्कूल में सिर्फ 15 बच्चे ही पढ़ने आते थे, लेकिन नीरज की लगन और मेहनत के बाद जब शिक्षा गुणवत्ता में सुधार आया। समय के साथ अभिभावकों ने भी इस बात को समझा और अब स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़कर 96 तक पहुँच चुकी है।
इस्पात मंत्रालय ने नीरज के काम को सराहते हुए उन्हे अपना ब्रांड एंबेस्डर बनाया है। मंत्रालय ने रायसेन के कलेक्टर से बात करने के बाद नीरज के ऊपर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई है।
आज सोशल मीडिया के साथ ही सभी जगह नीरज के काम की तारीफ हो रही है और उनके स्कूल को अब एक आदर्श स्कूल के रूप में जाना जाता है।