फ्लाइट के कैप्टन को 30 साल पहले पढ़ाया था, मिलने पर टीचर की आंखों से छलके आंसू
जिंदगी कितने दिलचस्प वाकयों से भरी होती है। यहां कब क्या हो जाए किसे पता। ऐसा ही कुछ हुआ सुधा सत्यम के साथ। आज से 30 साल पहले की बात है जब पेशे से स्कूल में छोटे बच्चों को पढ़ाने वाली सुधा ने एक 3 साल के बच्चे से पूछा था कि अपने बारे में कुछ बताओ। उस छोटे बच्चे ने बचपन की मासूमियत भरे अंदाज में कहा था कि मेरा नाम कैप्टन रोहन भसीन है।
आज उस वाकये के तीस साल बीत जाने के बाद सुधा की मुलाकात उस नन्हे बच्चे से हुई जो अब कैप्टन बन चुका है और फिलहाल एयर इंडिया में कार्यरत है। सुधा पहले मुंबई में एक प्लेस्कूल चलाती थीं और उनके पति एयर इंडिया में इंजीनियर थे। इस वाकये को खूबसूरती से बयां करते हुए रोहन की मां ने एक सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा और रोहन के बचपन की तस्वीर भी लगाई। रोहन के साथ तस्वीर में सुधा भी खड़ी हुई हैं।
रोहन की मां निवेदिता भसीन भी एयर इंडिया की पायलट रह चुकी हैं। उन्होंने लिखा, 'रोहन का एडमिशन कराते वक्त उसकी टीचर ने पूछा था कि मेरे बेटे का नाम क्या है। उसने मासूमियत में कह दिया था, कैप्टन रोहन भसीन। उस वक्त उसकी उम्र सिर्फ 3 साल थी। आज वही टीचर शिकागो जा रही थीं और मेरा बेटा उस फ्लाइट का कैप्टन के तौर पर संचालन कर रहा था।'
दरअसल जब फ्लाइट में कैप्टन रोहन ने उद्घोषणा की और अपना नाम बताया तो सुधा सत्यन को कुछ याद आया। उन्होंने अपने दिमाग पर जोर डाला तो याद आया कि स्कूल में एक बच्चे ने भी ऐसे ही अपना परिचय दिया था। सुधा को न जाने क्यों ऐसा लगा कि ये बच्चा वही है। उन्होंने फ्लाइट में एयरहोस्टेस से कैप्टन रोहन से मिलने का आग्रह किया और जब रोहन बाहर निकलकर आए तो पता चला कि वे वही हैं। इसके बाद सुधा रोहन से जब मिलीं तो उनकी आंखों में आंसू छलक उठे।
सोशल मीडिया पर शेयर हुई यह दिलचस्प और प्यारी कहानी इन दिनों वायरल हो रही है और तमाम लोगों का दिल भी जीत रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक रोहन का पूरा परिवार हवाई जहाज उड़ाने के पेशे में रहा है। उनके दादा कैप्टन जय देव भसीन देश के उन पहले सात पायलटों में से एक थे जो कि बाद में कमांडर भी बनें। रोहन की मां और उनके पिता भी एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान उड़ाते हैं।
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