Divine, Naezy, MC Altaf: जिन्होंने बनाया gully rap को इतना फेमस
1970 के दशक में न्यू यॉर्क में हिप-हॉप के विकास के बाद, असंतोष की उसी तरह की भावना से प्रेरित, संगीतकारों की एक नई पीढ़ी धीरे-धीरे भारत में अपना घरेलू रैप दृश्य बना रही है -जिसे लोग ‘गली रैप’ (Gully Rap) के रूप में जानते हैं.
लेकिन भारत में हिप-हॉप की की शुरुआत बाबा सहगल, बोहेमिया के साथ 90 के दशक में शुरू हो चुकी थी. जिसके बाद यो यो हनी सिंह, बादशाह ने भारत में रैप और हिप-हॉप के पंजाबी अवतार को बेहद लोकप्रिय बनाते हुए हिंदी फिल्म उद्योग में रैप के लिए रास्ता बनाया.
बॉलीवुड में लोकप्रिय हुए रैप के लीरिक्स अक्सर सिर्फ लड़कियों और शराब और पार्टियों और ग्लैमर के बारे में बात करते हुए एक ऐसे जहान की बात करते हैं जो इस देश की बड़ी आबादी की सच्चाई नहीं है.
गौरतलब है रैप वो संगीत शैली है जिसे उत्पीड़ितों के संगीत का पर्याय माना जाता है. रैप अपने गुस्से को व्यक्त करने के साथ-साथ विरोध गीतों को गाने का नाम है. रैप संगीत शैली की शुरुआत न्यूयॉर्क, फिलाडेल्फिया और अमेरिका के अन्य क्षेत्रों में अफ्रीकी-अमेरिकी
द्वारा ऐसे ही हुई.
बॉलीवुड का शहर मुंबई शहर की सतह के नीचे की दुनिया से लगभग एक दशक पहले से गरीबी, अशिक्षा और पुलिस की बर्बरता के खिलाफ एक नई आवाज़ उभरनी शुरू हुई थी. लेकिन एक दशक से अधिक जीवंत हिप-हॉप के मौजूद रहने के बावजूद रैप पिछले कुछ वर्षों में मुख्यधारा में आया है. और वह भी बिना किसी चेतावनी के.
2019 में रीलिज हुई फिल्म ‘गली-बॉय’ (Gully Boy) में रैप का मिजाज़ बदला हुआ दीखता है. फिल्म में 18 साउंडट्रैक हैं, जिनमें 13 रैप हैं. इन गानों को डिवाइन, नैज़ी, एमसी अल्ताफ, एमसी टॉडफोड, 100 आरबीएच, महारया, नॉक्सियस डी, ब्लिट्ज, देसी मा, ऐस ऑफ मुंबईज फाइनेस्ट, सोफिया थेनमोझी अशरफ और काम भारी जैसे कई अन्य रैपर्स ने अपनी आवाज दी है.
इन गानों में मुंबई के स्लम्स में रहने वाले सिंगर्स ने अपने वास्तविक जीवन की कहानी - भ्रष्टाचार और गरीबी और अपराध की – अपनी बंबइया भाषा में बताई, जो लोकप्रिय भारतीय संगीत में कभी नहीं बताई गई थी. फिल्म के ट्रैक की बेशुमार सफलता ने डिवाइन, नैज़ी, एमसी अल्ताफ- जो स्थानीय भाषाओं और कठबोली का उपयोग करते हुए 'हुड' के संघर्ष के बारे में गाते और बोलते हैं- को रातों-रात मुख्यधारा की चेतना में स्थापित कर दिया.
डिवाइन और नैज़ी
"शुद्ध शहर की आवाज़ मेरे गली में, प्रार्थना करें आरती या नमाज़ मेरे गली में (मेरे शहर की आवाज़ मेरी गली में गूंजती है, हिंदू और मुस्लिम प्रार्थनाएँ मेरी गली में गूंजती हैं)" गाने वाले डिवाइन (विवियन फर्नांडिस) और नैज़ी (नावेद शेख) 'नाका' के लड़के हुआ करते थे, जो अपने शहर के बारे में ‘चॉल’ और गलियों से रैप करते थे.
विवियन फर्नांडीज, जो एमसी डिवाइन (Divine) के रूप में रैप करते हैं, मुंबई हवाई अड्डे के पीछे की झुग्गियों में पले-बढ़े. साल 2013 में फर्नांडीज ने अपने घर के बाहर गलियों में एक मोबाइल फोन से अपना पहला म्यूजिक वीडियो “ये मेरा बॉम्बे” फिल्माया. यूट्यूब पर अपलोड होते ही गाना वायरल हो गया.
अगले साल 2014 में नावेद शेख, जिन्हें नैज़ी (Naezy) के नाम से बेहतर जाना जाता है, की पहली म्यूजिक वीडियो आई “आफत!” जो उनके पड़ोस की एक जीवंत तस्वीर और जीवित रहने के लिए रोज़मर्रा के संघर्ष को चित्रित करता है. यह भी वायरल हुआ.
साल 2015 में, डिवाइन और नैज़ी का ट्रैक “मेरी गली में” सोनी म्यूजिक इंडिया द्वारा रिलीज़ किया गया. यह पहला मौका था जब एक प्रमुख रिकॉर्ड लेबल ने मुंबई के रैपर्स का एक ट्रैक जारी किया. इस वीडियो को एक मिलियन से अधिक बार देखा गया, इसे बॉलीवुड के हस्तियों ने भी शेयर किया.
फरवरी 2019 में, ज़ोया अख्तर ने ‘गली बॉय’ रिलीज़ की, फिल्म के मुख्य किरदार डिवाइन और नैज़ी के कैरेक्टर से काफी प्रभावित थी. गली रैप की पहचान के दो मुख्य फीचर होते हैं, लिंगो, गली की बातें और क्षेत्रीय भाषाएं और संस्कृति एक साथ मिलकर ही सही रैप बनाते हैं. और दूसरा, गली रैप के माध्यम से देश में सामाजिक मुद्दों पर ध्यान देने के लिए अपने संगीत का उपयोग करना. फिल्म में दोनों ही एलिमेंट्स थे.
और तब से, रैप सीन भारत में और विशेष रूप से मुंबई में फला-फूला है. हम ‘गली बॉय’ को लोगों को गली रैप की दुनिया से परिचित कराने और इसे मुख्यधारा और व्यावसायिक पृष्ठभूमि में लोकप्रिय बनाने के लिए धन्यवाद दे सकते हैं.