इस कबाड़ी ने खरीदे हैं एयरफोर्स के 6 हेलीकॉप्टर और बन गया लोगों के बीच चर्चा का विषय
पंजाब के मानसा जिले के कबाड़ कारोबारी मिट्ठू अरोड़ा और उनके बेटे डिम्पल अरोड़ा ने ये हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना से खरीदे हैं।
"मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन हेलीकॉप्टर को 72 लाख रुपये में खरीदा गया है, जबकि इनकी नीलामी का संचालन एयरफोर्स के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय से किया गया था। मालूम हो कि ये हेलीकॉप्टर काफी समय से खराब थे और सेवा से बाहर थे, जिसके बाद एयरफोर्स अधिकारियों ने इनकी नीलामी के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी थी।"
आपने अपने घर के आस-पास टहलते कबाड़ी को रद्दी-अखबार और कबाड़ हो चुका लोहा खरीदते हुए ही देखा होगा, लेकिन एक कबाड़ी अब हेलीकॉप्टर खरीदकर चर्चा बटोर रहा है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस कबाड़ कारोबारी ने एक नहीं बल्कि 6 कबाड़ हो चुके हेलीकॉप्टर खरीदे हैं।
पंजाब के मानसा जिले के कबाड़ कारोबारी मिट्ठू अरोड़ा और उनके बेटे डिम्पल अरोड़ा ने ये हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना से खरीदे हैं। मीडिया से बात करते हुए कबाड़ कारोबारी के बेटे डिम्पल ने बताया है कि उन्हें हेलीकॉप्टर को लाने और रखने में पूरे एक दिन का समय लग गया है और इन सभी हेलीकॉप्टर को एक खास जगह पर रखा गया है।
ऑनलाइन नीलामी में हुई खरीददारी
डिम्पल ने मीडिया को बताया है कि वह सरकार और सेना द्वारा ऑनलाइन नीलाम किए जा रहे कबाड़ पर नज़र रखते हैं और इस बार कैटलॉग का उन्हें अधिक दिलचस्प लगा क्योंकि अबकी कबाड़ हो चुके हेलीकॉप्टर ऑनलाइन नीलाम किए जा रहे थे। खरीदे गए सभी हेलीकॉप्टर एमआई 17 के पुराने मॉडल हैं।
डिम्पल और उनके पिता मिट्ठू ने इसके बाद एयरफोर्स की ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया में भाग लेते हुए इन कबाड़ हो चुके हेलीकॉप्टर को खरीद लिया। मालूम हो कि मिट्ठू ने ये हेलीकॉप्टर उत्तर प्रदेश के सरसावा एयरफोर्स स्टेशन से खरीदे हैं। नीलामी में खरीदे गए प्रत्येक हेलीकॉप्टर का वजन 10 टन के करीब है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन हेलीकॉप्टर को 72 लाख रुपये में खरीदा गया है, जबकि इनकी नीलामी का संचालन एयरफोर्स के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय से किया गया था। मालूम हो कि ये हेलीकॉप्टर काफी समय से खराब थे और सेवा से बाहर थे, जिसके बाद एयरफोर्स अधिकारियों ने इनकी नीलामी के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी थी।
बिक चुके हैं तीन हेलीकॉप्टर
डिम्पल के अनुसार नीलामी में खरीदे गए 6 कबाड़ हेलीकॉप्टर में से तीन को पहले ही बेंच दिया गया है, जबकि अन्य तीन को लेकर वो मानसा पहुंचे हैं। इन हेलीकॉप्टर को एयरफोर्स स्टेशन से मानसा ले जाते समय गोपनियता को भी ध्यान में रखा गया है। इन हेलीकॉप्टर को रात में ही ट्राले की मदद से ले जाया गया है, जिसमें हर हेलीकॉप्टर के लिए 75 हज़ार रुपये का किराया भी चुकाना पड़ा है।
जिन तीन हेलीकॉप्टर को बेंचा गया है उनमें से एक को चंडीगढ़ स्थित एक रिसॉर्ट में रखने के लिए खरीदा गया है, जबकि दूसरे को लुधियाना भेजा गया है। बिक चुके तीसरे हेलीकॉप्टर को एक शूटिंग कंपनी ने खरीदा है और उसे मुंबई भेज दिया गया है।
बन गए आकर्षण का केंद्र
फिलहाल ये हेलीकॉप्टर क्षेत्र में सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इन हेलीकॉप्टर को लेकर लोगों के बीच दिलचस्पी का आलम यह है कि लोग इनके पास खड़े होकर लगातार सेल्फी ले रहे हैं।
मिट्ठू साल 1988 से कबाड़ी का काम कर रहे हैं और साल 2010 से उनके बेटे डिम्पल भी उनके इस काम में उनका हाथ बटा रहे हैं। मिट्ठू का कबाड़ का कारोबार कितना बड़ा है इसका अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि उन्होने करीब 10 एकड़ जमीन पर कबाड़ इकट्ठा कर रखा है।
Edited by Ranjana Tripathi