Wipro, Infosys, टेक महिंद्रा ने रद्द किए फ्रेशर्स के ऑफर लेटर: रिपोर्ट में दावा
छात्रों को ये ऑफर लेटर कई राउंड के इंटरव्यू और कड़ी चयन प्रक्रिया के बाद मिले थे.
विप्रो (
), इन्फोसिस ( ) और टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) जैसी शीर्ष आईटी और टेक कंपनियों ने पहले तो फ्रेशर्स को ऑफर लेटर देने के बाद उनकी जॉइनिंग में 3-4 महीने की देरी की. अब उन्होंने फ्रेशर्स/छात्रों को दिए गए ऑफर लेटर को ही कथित तौर पर रद्द कर दिया है. IANS के मुताबिक, ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि सैकड़ों फ्रेशर्स को ऑफर लेटर दिए गए थे. पहले उन कैंडिडेट्स की जॉइनिंग टाल दी गई और आखिरकार उनका ऑफर लेटर रद्द कर दिया गया.बिजनेसलाइन द्वारा सबसे पहले रिपोर्ट की गई इस खबर में, इन कंपनियों द्वारा उन फ्रेशर्स को भेजे गए ईमेल्स का हवाला दिया गया था, जिनके ऑफर लेटर खारिज कर दिए गए. रिपोर्ट्स के मुताबिक, छात्रों को ये ऑफर लेटर कई राउंड के इंटरव्यू और कड़ी चयन प्रक्रिया के बाद मिले थे.
और धीमी हो जाएगी IT उद्योग की गति!
एक ईमेल में कहा गया है, 'यह पहचाना गया है कि आप हमारे शैक्षणिक योग्यता मानदंडों को पूरा नहीं कर रहे हैं. इसलिए आपका ऑफर अमान्य हो जाता है.' अभी तक इस मामले में कंपनियों की ओर से प्रतिक्रिया नहीं आई है. मंदी की आशंकाओं और बढ़ती मुद्रास्फीति के बीच वैश्विक मैक्रोइकनॉमिक स्थितियों ने भारतीय उद्योगों को प्रभावित किया है, और देश में आईटी/तकनीक उद्योग इससे अछूता नहीं है. विशेषज्ञ पहले ही कह चुके हैं कि आने वाले समय में भारतीय आईटी उद्योग की गति और धीमी हो जाएगी.
TCS ने स्थगित किया वेरिएबल पे
इससे पहले टीसीएस ने पहले अपने कर्मचारियों का वेरिएबल पे स्थगित कर दिया था, जबकि इन्फोसिस ने कथित तौर पर इसे घटाकर 70 प्रतिशत कर दिया. विप्रो ने तो इसे पूरी तरह से टाल ही दिया. Naukri.com की रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त में आईटी सेक्टर में हायरिंग एक्टिविटी में 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.
बड़ी IT कंपनियों से ज्यादा सैलरी दे रहे स्टार्टअप!
इससे पहले ऐसी खबर आई थी कि शेयरचैट, क्रेड, स्विगी, मीशो आदि जैसे स्टार्टअप्स में सॉफ्टवेयर इंजीनियर, बड़ी आईटी कंपनियों जैसे इन्फोसिस, विप्रो आदि में काम करने वाले इंजीनियरों से ज्यादा कमा रहे हैं. इंजीनियरों की हायरिंग में कंपनियों की मदद करने वाली फर्म वीकडे के सीईओ अमित सिंह ने भारत में सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की सैलरी पर कुछ डेटा रिलीज किया था. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इसी डेटा से यह जानकारी सामने आई.
अमित सिंह के डेटा के मुताबिक, शेयरचैट सबसे ज्यादा भुगतान करने वाला स्टार्टअप है. यह 4 साल का अनुभव रखने वाले इंजीनियरों को 47 लाख रुपये सालाना का भुगतान करता है. इसके बाद क्रेड और मीशो हैं, जो सालाना क्रमश: 40 और 39 लाख रुपये की सैलरी देते हैं.
वहीं विप्रो, इन्फोसिस और टीसीएस जैसी बड़ी आईटी कंपनियों में 4 साल के अनुभव वाले इंजीनियरों का वेतन लगभग 10 लाख रुपये सालाना है. इन कंपनियों में शुरुआती सैलरी कथित तौर पर 7 लाख रुपये सालाना है.
पंजाब नेशनल बैंक ने शुरू की वॉट्सऐप बैंकिंग सर्विस, ऐसे कर सकते हैं इस्तेमाल
Edited by Ritika Singh