कभी ये तो कभी वो; आधार पर UIDAI के रवैये से हर कोई हुआ कन्फ्यूज
आधार डिटेल्स को लेकर अलग-अलग एडवायजरी से सोशल मीडिया पर लोग UIDAI को लगातार खरीखोटी सुना रहे हैं.
आधार कार्ड (Aadhaar Card) को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. आधार कार्ड जारी करने वाली और इससे जुड़ी सर्विसेज देखने वाली संस्था UIDAI से लोग या तो खफा हैं या फिर पिछले 3 दिनों में जारी हुए दो बयानों को लेकर कन्फ्यूज हैं. इसीलिए ट्विटर पर लोग UIDAI को टैग करते हुए धड़ाधड़ ट्वीट कर रहे हैं. यह पूरा मामला 27 मई को जारी हुई एक प्रेस रिलीज से शुरू हुआ है.
27 मई को UIDAI के बेंगलुरु कार्यालय से प्रेस रिलीज जारी हुई. उसमें आधार कार्डधारकों को सावधान करते हुए कहा गया था कि अपने आधार कार्ड की फोटोकॉपी को किसी भी ऑर्गेनाइजेशन के साथ शेयर न करें क्योंकि इसका गलत इस्तेमाल हो सकता है. इसके विकल्प के तौर पर मास्क्ड आधार इस्तेमाल किया जा सकता है. मास्क्ड आधार में आधार नंबर की केवल आखिरी की 4 डिजिट दिखती हैं. उस रिलीज में यह भी कहा गया था कि होटल या सिनेमाहॉल जैसी प्राइवेट एंटिटीज को UIDAI की ओर से यूजर लाइसेंस नहीं है, इसलिए वे आधार कार्ड की कॉपी नहीं ले सकते हैं.
फिर मचा हंगामा
इस प्रेस रिलीज के जारी होने के बाद आधार कार्डधारकों के लिए टेंशन और नाराजगी का माहौल क्रिएट हो गया. आधार के प्रभाव में आने से लेकर अब तक कई कामों के लिए आधार कार्ड की फोटोकॉपी की डिमांड की जाती है. इसे न देने पर काम रुक जाते हैं क्योंकि कई मामलों में आधार के अलावा किसी अन्य डॉक्युमेंट को स्वीकार नहीं किया जाता है. लिहाजा आधार कार्डधारक को न चाहते हुए भी अपना आधार नंबर या आधार की फोटोकॉपी शेयर करनी पड़ती है. कुछ लोग इस बात को लेकर नाराजगी जता रहे थे कि ऐसा बयान जारी करने में इतने साल क्यों लगा दिए गए.
इसके बाद वापस ले ली चेतावनी
इसके बाद 29 मई को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्यागिकी मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी हुआ, जो 27 मई को UIDAI बेंगलुरु कार्यालय से जारी हुई रिलीज पर स्पष्टीकरण था. इसमें कहा गया, 'बेंगलुरु कार्यालय ने एक फोटोशॉप किए गए आधार कार्ड के गलत इस्तेमाल की कोशिश के संदर्भ में वह प्रेस रिलीज जारी की थी. गलत अर्थ निकाले जाने की संभावना के चलते, उस प्रेस रिलीज को तत्काल प्रभाव से विदड्रॉ कर लिया गया है. आधार कार्डधारकों को आधार को इस्तेमाल करने और आधार नंबर को शेयर करने को लेकर सामान्य तरीके को अपनाने की सलाह दी जाती है. आधार आइडेंटिटी ऑथेंटिकेशन इकोसिस्टम, आधार कार्डधारक की पहचान और प्राइवेसी की सुरक्षा के लिए पर्याप्त फीचर्स उपलब्ध कराता है.
अब हर कोई कन्फ्यूज और खफा
आधार डिटेल्स को लेकर अलग-अलग एडवायजरी से सोशल मीडिया पर लोग UIDAI को लगातार खरीखोटी सुना रहे हैं. वैसे यह पहली बार नहीं है कि आधार डिटेल्स की सेफ्टी को लेकर चिंता और सवाल खड़े हुए हैं. आधार के प्रभाव में आने से लेकर अब तक कई बार आधार डिटेल्स की सुरक्षा और गलत इस्तेमाल को लेकर सवाल-जवाब हुए हैं. कई बार यह मुद्दा अदालत में भी उछला है. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने भी इसी साल अप्रैल माह में UIDAI ऑडिट में सामने आईं आधार सिस्टम से जुड़ी खामियां गिनाई थीं. कैग ने 108 पन्नों की रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें अन्य मुद्दों के साथ-साथ नागरिकों की प्राइवेसी को खतरा जैसे मुद्दों को उठाया गया था.