UIDAI ने देशभर में खोले 28 आधार सेवा केंद्र, आधार कार्ड बनवाना हुआ और आसान
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने देशभर में 28 आधार सेवा केंद्र (एएसके) खोले हैं। प्राधिकरण की योजना देशभर में 114 एकल नामांकन और अद्यतन केंद्र शुरू करने की है।
यूआईडीएआई ने बुधवार को बयान में कहा कि ये आधार सेवा केंद्र बैंकों, डाकघरों और राज्य सरकारों द्वारा संचालित 38,000 आधार नामांकन केंद्रों के अतिरिक्त हैं।
बयान में कहा गया है कि
"आधार सेवा केंद्र सप्ताह के सातों दिन खुलते हैं। अभी तक इन केंद्रों ने तीन लाख से अधिक निवासियों को सेवाएं दी है। इनमें अच्छी खासी संख्या दिव्यांगों की है।"
इसमें कहा गया है कि ये केंद्र एक दिन 1,000 नामांकन और अद्यतन आग्रह को पूरा कर सकते हैं। ये सुबह साढ़े नौ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक खुलते हैं। सिर्फ सार्वजनिक अवकाश के दिन ही ये केंद्र बंद रहते हैं। UIDAI ने पहले भी केंद्र खोले थे, लेकिन सुरक्षा कारणों से इन्हें बंद कर दिया गया था।
यूआईडीएआई की योजना देश के 53 शहरों में 114 आधार सेवा केंद्र खोलने की है। आधार के लिए नामांकन जहां नि:शुल्क होता है, वहीं किसी जानकारी मसलन मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ने या पता आदि ठीक कराने के लिए 50 रुपये का शुल्क लिया जाता है।
आपको बता दें कि UIDAI सहारनपुर, देवीपाटन, मीरजापुर, मुरादाबाद और चित्रकूट मंडल के शहरों में भी आधार सेवा केन्द्र खोलेगा। आगरा और लखनऊ में पहले ही आधार सेवा केंद्र खोल चुका है। इन केन्द्रों पर लोग आधार नामांकन और उसमें चेंज करा सकते हैं। ऑनलाइन अपॉइंटमेंट ले सकते हैं।
अब देश के 1.25 अरब भारतीयों के पास 12 अंकों वाली विशिष्ट पहचान संख्या है। UIDAI को हर दिन आधार के जरिए वेरिफिकेशन के लिए करीब 3 करोड़ रिक्वेस्ट मिलती हैं। UIDAI ने अब तक 331 करोड़ सफल आधार अपडेशन (बॉयोमेट्रिक और जनसंख्या) किया है।
आधार कार्ड के लाभ
- आधार संख्या प्रत्येक व्यक्ति की जीवनभर की पहचान है।
- आधार संख्या से आपको बैंकिंग, मोबाईल फोन कनेक्शन और सरकारी व गैर-सरकारी सेवाओं की सुविधाएं प्राप्त करने में सुविधा होगी।
- किफायती तरीके व सरलता से ऑनलाइन विधि से सत्यापन योग्य।
- सरकारी एवं निजी डाटाबेस में से डुप्लिेकेट एवं नकली पहचान को बड़ी संख्या में समाप्त करने में अनूठा एव ठोस प्रयास।
- एक क्रम-रहित स्वचालित तरीके से उत्पन्न संख्या जो किसी भी जाति, पंथ, मजहब एवं भौगोलिक क्षेत्र आदि के वर्गीकरण पर आधारित नहीं है।
(Edited by रविकांत पारीक )