टिहरी झील के कचरे पर काबू पाने की अनोखी मुहिम
इस समय 42 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली टिहरी झील में रोमांचक सफर करने के लिए बड़ी संख्या में देश-दुनिया के पर्यटक उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। इससे लगातार झील में गंदगी बढ़ रही है। इस पर पार पाने के लिए यहां के बोट संचालक एक अनोखा अभियान चला रहे हैं- 'खाली बोतल लाओ, एक रुपया पाओ।'
टिहरी झील, जिसे आज सुमन सागर के नाम से जाना जाता है, प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है। 42 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली झील में इन दिनों बोटिंग करने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। कोटी कालोनी बोट प्वाइंट पर प्रतिदिन 200 से लेकर 400 पर्यटक रोमांच का सफर करने के लिए आ रहे हैं। चारधाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्री भी कोटी कालोनी में कुछ रुककर बोटिंग कर रहे हैं। झील में 56 बोट, 8 जेटस्की, एक जेड अटैक और एक जेड बोट का संचालन हो रहा है।
साहसिक खेल के नाम पर राज्य के लोगों के पास सीमित विकल्प थे और लोग साहसिक गतिविधियों एवं रोमांच के लिए पर्यटन स्थलों की खोज में रहते थे, जिसे ध्यान में रखते हुए पर्यटन के साथ झील में जेट स्कीइंग से हॉट एयर बैलून सवारी तक तरह तरह की गतिविधियां भी चलती रहती हैं। दो साल पहले प्रशासन ने टिहरी झील को पॉलीथिन फ्री करने के लिए बड़ी-बड़ी बातें की थीं कि झील को गंदगी से बचाने के लिए यह पॉलीथिन फ्री क्षेत्र घोषित है लेकिन आज भी टिहरी झील में पर्यटन गतिविधियां बढ़ने के साथ ही गंदगी और प्रदूषण भी बढ़ रहा है। नौकायन और घूमने के लिए आने वाले पर्यटक खाने-पीने की वस्तुएं लेकर ही झील में जाते हैं और वहीं उनके खाली रेपर भी फेंक देते हैं। इससे लगातार झील में गंदगी बढ़ रही है।
अब टिहरी के इस झील क्षेत्र में जमा हो रहे भारी कचरे की समस्या से निपटने के लिए बोट संचालक एक अनोखा अभियान चला रहे हैं। श्री गंगा भागीरथी बोट संचालन समिति के नेतृत्व में बोट संचालकों ने झील क्षेत्र के सौ मीटर के दायरे से प्लास्टिक की खाली बोतल लेकर आने वालों को प्रति बोतल एक रुपए इनाम देने का निर्णय लिया है। इस अभियान को नारा दिया गया है- 'खाली बोतल लाओ, एक रुपया पाओ।' समिति बोट ऑपरेटरों को भी प्रति बोतल एक रुपया देगी। समिति के अध्यक्ष लखबीर सिंह चौहान कहते हैं कि टिहरी झील और इसके आस-पास बढ़ते प्लास्टिक कचरे की रोकथाम के लिए ये मुहिम शुरू की गई है। उम्मीद है कि पर्यटकों के साथ बोट ऑपरेटर यूनियन काउंटर पर खाली बोतल जमा कर सहयोग प्रदान करेंगे। श्री गंगा भागीरथी बोट संचालन समिति भविष्य में प्लास्टिक की खाली बोतल पर बोटिंग के टिकट में भी छूट देने पर विचार कर रही है।
फिलहाल, इन दिनो टिहरी बांध की ये झील पर्यटकों से खूब गुलजार हो रही है। झील में रोमांचक सफर करने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक टिहरी पहुंच रहे हैं। पर्यटक झील में बोटिंग का आनंद उठा रहे हैं। हरिद्वार, देहरादून और मसूरी से पर्यटकों के पहुंचने से बोट व्यवसाय से जुड़े लोगों के चेहरे खिल उठे। अगले महीने स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को झील में पर्यटकों की संख्या दोगुनी बढ़ने की उम्मीद है।
बोट यूनियन के संरक्षक कुलदीप पंवार का कहना है कि पर्यटकों का दबाव बढ़ रहा है तो कोटी कालोनी के अलावा अन्य स्थानों से भी बोट संचालन के लिए शासन-प्रशासन को जेटी की व्यवस्था करनी चाहिए। गौरतलब है कि इसी साल फरवरी में यहां 24 देशों के प्रतिनिधियों और सात राज्यों के कलाकारों के बीच आयोजित तीन दिवसीय टिहरी झील महोत्सव के मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लोगों को आश्वत कर गए थे कि कोटी कॉलोनी में टिहरी झील किनारे अंतरराष्ट्रीय लेक सिटी बनाई जाएगी। इसके लिए टिहरी झील मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। मसूरी और नैनीताल जैसे शहरों पर पर्यटकों का दबाव बढ़ रहा है, ऐसे में टिहरी झील नए पर्यटक स्थल के रूप में विकसित की जा रही है।
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