101 साल के वोटर को कीजिए सलाम, 1946 से लगातार डाल रहे हैं वोट
जब भी देश में चुनाव होते हैं तो चुनाव आयोग द्वारा हमें सोशल मीडिया, टीवी, रेडियो और अखबार के माध्यम से वोट डालने का आग्रह किया जाता है। वैसे भी वोट के प्रतिशत को देखते हुए अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करने की जरूरत भी है। क्योंकि अधिकतर लोग वोट डालने ही नहीं जाते हैं। 1952 में पहले आम चुनाव के बाद से भारत में सिर्फ 2014 में ही सर्वाधिक 66.38 प्रतिशत मतदान हुआ। इतना कम मतदान प्रतिशत होना चिंता का विषय है क्योंकि बिना नागरिकों की सहभागिता के देश में बदलाव की बात कहना बेमानी है।
तमाम लोगों का वोट होने के बावजूद वे अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करते हैं। ऐसे लोगों के लिए उत्तर प्रदेश के नोएडा में रहने वाले 101 वर्षीय वी संतानम उन लोगों के लिए मिसाल हैं। संतानम ने आजादी के बाद पहले चुनाव से लेकर आज तक हुए हर मतदान में हिस्सा लिया है। हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए संतानम ने बताया कि उस वक्त वे मार्केटिंग प्रोफेशनल के तौर पर काम कर रहे थे।
उन्होंने बताया, '1946 के चुनाव ब्रिटिश भारतीय प्रांतों की विधान परिषदों के लिए थे। उस वक्त वही वोट दे सकता था जो इनकम टैक्स देता था। तब सार्वभौमिक मताधिकार नहीं था।' संतानम ने पहली बार स्वतंत्र पार्टी के नेता मीनू मसानी को वोट दिया था। वे कहते हैं कि तब संचार के इतने साधन नहीं थे इसलिए नेताओं के बारे में ज्यादा पता नहीं होता था, लेकिन आज की आबादी इस मामले में सौभाग्यशाली है कि उसे आज के नेताओं के बारे में सारी जानकारी आसानी से उपलब्ध है।
संतानम आगे कहते हैं, 'यह अच्छी बात है कि समाज के लोग बदलाव के लिए बात कर रहे हैं, लेकिन उन्हें वोट भी डालना चाहिए। नई पीढ़ी अधिक जागरूक और पढ़ी लिखी है, उन्हें पता है कि आसपास क्या हो रहा है वे सही और गलत में आसानी से फर्क कर सकते हैं। इसका सही प्रयोग करने की जरूरत है।' संतानम की ही तरह 100 वर्षीय नागनाथ काले भी 1952 से वोट करते आ रहे हैं।
यह भी पढ़ें: गर्मी की तपती धूप में अपने खर्च पर लोगों की प्यास बुझा रहा यह ऑटो ड्राइवर