वीकली रिकैप: पढ़ें इस हफ्ते की टॉप स्टोरीज़!
यहाँ आप इस हफ्ते प्रकाशित हुई कुछ बेहतरीन स्टोरीज़ को संक्षेप में पढ़ सकते हैं।
इस हफ्ते हमने कई प्रेरक और रोचक कहानियाँ प्रकाशित की हैं, उनमें से कुछ को हम यहाँ आपके सामने संक्षेप में प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनके साथ दिये गए लिंक पर क्लिक कर आप उन्हें विस्तार से भी पढ़ सकते हैं।
सुगड़ी देवी सिखा रही रोजगार कमाने तरीके
दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष करने वाली सुगड़ी देवी के काम का इस्तेमाल न केवल प्रमुख फैशन डिजाइनरों द्वारा किया गया है, बल्कि उन्होंने अग्रणी फैशन संस्थानों में छात्रों को प्रशिक्षित भी किया है।
सुगड़ी देवी कहती हैं, "हम खुश थे, लेकिन जीवन आसान नहीं था क्योंकि हम दैनिक जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे थे। मैंने अधिक पैसे कमाने में मदद करने का फैसला किया और अपने प्यार को कढ़ाई के लिए इस्तेमाल किया। मैं अपने बच्चों के लिए एक अच्छी शिक्षा सुनिश्चित करना चाहती थी ताकि बाद में उन्हें जीवन में संघर्ष न करना पड़े।"
विक्रम सिंह द्वारा 1988 में स्थापित, GVCS 2006 से राजस्थान में ग्रामीण महिलाओं को सक्रिय रूप से सशक्त बना रहा है, जिससे वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सके। सुगड़ी देवी ने मास्टर ट्रेनर बनने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम भी लिया और तब से 11,000 से अधिक महिलाओं ने GVCS में मदद की है।
उनके जीवन के मुख्य आकर्षण में से एक कहती हैं, कौन बनेगा करोड़पति में भाग लेने का अवसर मिला, जहां उन्होंने रूमा देवी का समर्थन किया, जिन्हें कर्मवीर के एक एपिसोड में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
वह कहती हैं, "मुझे अमिताभ बच्चन से मिलने और बोलने का भी मौका मिला था।" अन्य महिलाओं को प्रशिक्षित करने और उनके जीवन को बदलने में उनकी रचनात्मकता और योगदान की मान्यता में, उन्हें बाड़मेर के जिला प्रशासन द्वारा एक विशेष पुरस्कार के साथ प्रस्तुत किया गया था।
बिजनेस में 3 बार फेल होने के बाद खड़ी की सफल ईकॉमर्स कंपनी
2014 में शुरू हुई योरलिबास एक ईकॉमर्स कंपनी है, जो बिना सिले डिजाइनर अपैरल यानी कपड़े का बिजनेस करती है। खासतौर से लॉन कॉटन मैटेरियल के कपड़ों का। कंपनी का आज टर्नओवर करीब 14 करोड़ रुपये का है और इसकी उपस्थिति यूएई में भी है।
YourStory से एक बातचीत में योरलिबास के फाउंडर खालिद ने बताया कि कैसे उन्होंने कई गलत कदमों के बाद एक कंपनी की शुरुआत की और छह साल के भीतर ही यूएई तक इसका विस्तार किया।
योरलिबास ने सना सफीनाज, मारिया, बी, सायरा शकीरा, सना यासिर, खदीजा शाह के एलान और गुल अहमद जैसे प्रमुख डिजाइनरों के साथ साझेदारी और सामानों के आयात के जरिए अपना करके अपना काम शुरू किया।
लॉन सूट के अलावा, योरलिबास जोर्जेट, शिफॉन और नेट फैब्रिक में भी बिजनेस करती है और अपनी खुद की वेबसाइट के जरिए सऊदी अरब, यूएस, यूके, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में इसकी उपस्थिति है, जहां इसके लॉजिस्टिक पार्टनर फेडकेक्स और डीएचएल है। वहीं भारत में कंपनी फेडएक्स औऱ देल्हीवेरी के जरिए अपने ऑर्डर डिलीवरी करवाती है।
17 साल के किशोर ने पीएम मोदी को दिये सुझाव
गुरुग्राम में रहने वाले आदित्य मुखर्जी अभी 17 साल के हैं। आदित्य ने पीएम मोदी के लिए एक खास वीडियो शेयर किया है। प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित करते हुए आदित्य ने सबसे पहले पीएम मोदी को स्वच्छ भारत अभियान के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों के लिए धन्यवाद दिया है।
वीडियो में अपनी बात को रखते हुए आदित्य कहते हैं कि वह अपने इस स्थायी गृह के लिए पर्यावरण की रक्षा करने हेतु छोटे-छोटे कदम उठा रहे हैं। उन्होने साथ ही कहा कि वह भारत द्वारा पेरिस जलवायु समझौते के तहत निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भी पीएम मोदी को धन्यवाद देते हैं।
उनके अनुसार प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2014 में शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान से लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता आई है और अब खुले में शौच के मामलों में काफी कमी आई है।
आदित्य ने पीएम मोदी को सुझाव देते हुए कहा है कि खुले में कचरे के निस्तारण के खिलाफ बड़े आर्थिक दंड की व्यवस्था की जाए, इसी के साथ इससे जुड़े अन्य नियमों को भी अधिक सख्ती के साथ लागू किया जाए। आदित्य बताते हैं कि उन्होने सिंगल यूज़ प्लास्टिक के खिलाफ खुद भी मोर्चा खोला हुआ है और इसके साथ ही उन्होने 26 मिलियन (2 करोड़ 60 लाख) प्लास्टिक स्ट्रॉ और कुछ लाख अन्य प्लास्टिक उत्पादों का निस्तारण किया है।
दो स्टार्टअप के बाद लॉन्च किया ग्लोबल VC फंड
ध्रुव वाशिष्ठ, सुरभि वाशिष्ठ और गोविंद मूंदड़ा ने सन 2020 में 'पैराडाइम शिफ्ट' नाम से एक ग्लोबल वेंचर कैपिटल फंड की शुरुआत की, जिसका लक्ष्य भारतीय स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना था, जिससे वह वैश्विक स्तर पर विस्तार कर सकें।
ध्रुव ने YourStory को बताया, "लीगेस फंड्स ने बहुत अच्छा काम किया है और वे एक अच्छे मेंटर साबित साबित हुए हैं। हालांकि मुझे लगता है कि अगला दशक युवा भारतीय संस्थापकों के नाम रहने वाला है, जो नई सोच के साथ आगे बढ़ेंगे और जिनकी चाहत ग्लोबल लेवल तक जाने की होगी। ऐसे में उनकी जरूरतों को समझने के लिए एक ऐसा फंड चाहिए जो युवा हो और इन युवा संस्थापकों के साथ मिलकर काम करे।”
ध्रुव ने एक ग्लोबल वीसी फंड को शुरु करने का आइडिया सबसे पहले अपनी बहन सुरभि के साथ शेयर किया था, जिन्होंने इस विचार का समर्थन किया। सुरभि पहले वीवर्क के साथ काम करती थीं और वह देश की सबसे युवा एचआर डायरेक्टर्स में से एक थी। वहां काम करते हुए वह टीम की संख्या को एक से बढ़ाकर 500 ले गई थीं। हालांकि महामारी के दौरान वह कंपनी में छंटनी के प्रयासों का भी हिस्सा थीं।
सुरभि ने ही ध्रुव को गोविंद से मिलावाया, जो पहले वीवर्क इंडिया के सीएफओ थे। इससे पहले वह इनमोबी से जुड़े थे।
ध्रुव का मानना है कि भारतीय B2B SaaS स्टार्टअप पहले ही देसी कंपनियों को दुनिया के नक्शे पर ले जाने की नींव रख चुके हैं। वह कहते हैं, "मुझे लगता है कि भारत में प्रमुख बाजारों के लिए बनी कंज्यूमर टेक्नोलॉजी और फिनटेक कंपनियों के पास वैश्विक स्तर पर जाने की गुंजाइश है।"
12 साल की उम्र में एक सपना लेकर मुंबई आया, बन गया 100 करोड़ रेवेन्यू वाली कंपनी का मालिक
एक युवा लड़के के रूप में, भीमजी पटेल ने मुंबई में रहने के लिए एक अलग तरह की नौकरी की। उन्होंने एक छोटे से जनरल स्टोर की शुरुआत की, इसे एक सुपरमार्केट में विकसित किया, और बाद में मोनिका एंटरप्राइजेज - एक सफल शराब थोक व्यवसाय शुरू किया। कुछ ऐसी है सेल्फ-मेड उद्यमी की कहानी है।
कुछ वर्षों तक खोजबीन करने के बाद, उन्होंने अपने बड़े भाई से लगभग 30,000 रुपये का ऋण लिया और एक जनरल स्टोर शुरू किया। छोटे ही सही, लेकिन आत्मविश्वास से भरे कदमों को आगे बढ़ाते हुए भीमजी ने धीरे-धीरे अपने स्टोर को एक सुपरमार्केट में विस्तारित किया।
उनके बेटे, कुणाल पटेल YourStory को बताते हैं: “मेरे पिता ने उनके रास्ते में आने वाले सभी अवसरों को भुनाया। उन्हें विदेशों से आए विभिन्न उत्पादों विशेषकर शराब के लिए एक कमीशन एजेंट बनने का मौका मिला। नेटवर्किंग के लिए उनके निरंतर प्रयास ने उन्हें भारत में विदेशी दूतावासों में आयातित शराब की आपूर्ति करने में मदद की।”
आयातित शराब यानी इंपोर्टेड लिकर के लिए कमीशन एजेंट के रूप में भीमजी के दिनों ने उन्हें मूल्यवान अनुभव प्रदान किया और मोनिका एंटरप्राइजेज के लिए एक मंच तैयार किया। मोनिका एंटरप्राइजेज एक थोक और वितरण व्यवसाय है जिसे उन्होंने 2008 में मुंबई में लॉन्च किया था।
आज भीमजी एक स्व-निर्मित उद्यमी हैं और उनका व्यवसाय फलफूल रहा है। उनके लिए 125 लोग काम करते हैं।