वीकली रिकैप: पढ़ें इस हफ्ते की टॉप स्टोरीज़!
यहाँ आप इस हफ्ते प्रकाशित हुई कुछ बेहतरीन स्टोरीज़ को संक्षेप में पढ़ सकते हैं।
इस हफ्ते हमने कई प्रेरक और रोचक कहानियाँ प्रकाशित की हैं, उनमें से कुछ को हम यहाँ आपके सामने संक्षेप में प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनके साथ दिये गए लिंक पर क्लिक कर आप उन्हें विस्तार से भी पढ़ सकते हैं।
फुटबॉल को मेनस्ट्रीम में लाने की कोशिश में जुटे यूट्यूबर ज़ीशान खान
इंजीनियरिंग के छात्र रहे जीशान ने योरस्टोरी से बात करते हुए अपनी इस खास यात्रा को साझा किया है। जीशान अब देश में फुटबॉल प्रेमियों के बीच भी एक जाना-पहचाना चेहरा बनते जा रहे हैं।
भारत में खेलों की लोकप्रियता के मामले में क्रिकेट सबसे आगे है, हालांकि वैश्विक स्तर पर फुटबॉल सबसे अधिक लोकप्रिय खेल माना जाता है लेकिन भारत में अभी भी यह उतना अधिक लोकप्रिय नहीं हो पाया है। देश में आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) की तर्ज़ पर फुटबॉल को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से आईएसएल (इंडियन सुपर लीग) की शुरुआत भी की जा चुकी है।
इन सब के बीच देश भर में फुटबॉल को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का काम लखनऊ के जीशान अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से कर रहे हैं। आज जीशान ना सिर्फ अपनी कंपनी स्थापित कर चुके हैं, बल्कि निकट भविष्य में वे फुटबॉल के युवा खिलाड़ियों को अधिक मौके उपलब्ध कराने के मिशन पर भी हैं।
बचपन से ही फुटबॉल के दीवाने रहे जीशान खुद भी एक फुटबॉल खिलाड़ी बनना चाहते थे लेकिन बाद में उन्होने स्कूली पढ़ाई खत्म करने के बाद मेरठ के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग की। इंजीनियरिंग करने के बाद जीशान ने दिल्ली में GATE परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और बाद में परीक्षा पास कर वे मास्टर्स करने एनआईटी राउरकेला चले गए। जीशान ने उसी दौरान अपने यूट्यूब चैनल Talk Football HD की शुरुआत की थी, जहां वे महीने में औसतन 8 से 10 वीडियो अपलोड किया करते थे।
हालांकि अपनी पढ़ाई को देखते हुए जीशान ने यूट्यूब चैनल को उस समय बंद कर दिया। अगले सात महीने तक जीशान ने चैनल पर कोई वीडियो अपलोड नहीं किया। साल 2020 में कोरोना महामारी के दौरान जब जीशान अपने घर वापस आए तब उन्होने अप्रैल महीने में अपने उस चैनल को फिर से शुरू करने और उस पर वीडियो अपलोड करने का फैसला किया।
साल 2021 की शुरुआत में चैनल करीब 4 हज़ार सब्सक्राइबर्स तक पहुँच चुका था, तभी जीशान के दोस्त अभिषेक भी उनके साथ इस चैनल से जुड़ गए, जो मार्केटिंग से जुड़ा का काम देखते हैं। कुछ समय बाद ही जीशान के बचपन के दो दोस्त श्यामिक और आकिब भी उनके साथ जुड़ गए। आज जीशान इस पूरे काम का संचालन एक रजिस्टर्ड कंपनी के तहत कर रहे हैं।
स्विमसूट फोटोशूट के साथ शरीर की सकारात्मकता का संदेश देने वाली केरल की अभिनेत्री
केरल की अभिनेत्री फरा शिबला स्विमसूट फोटोशूट के साथ शरीर की सकारात्मकता पर अपने हालिया मजबूत बयान के साथ एक मजबूत संदेश फैलाना चाहती हैं कि लोगों को अपने शरीर को लेकर किस तरह सहज रहना चाहिए।
इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई तस्वीरों में लेखक सोफी लुईस की कही बातें लिखीं कि, "मेरा शरीर आलोचना और चर्चा करने के लिए आपका नहीं है। मेरा शरीर उपभोग के लिए नहीं है। मेरा शरीर मेरा है, यह अनुभवों का संग्रह है। एक ऐसा हथियार जिसने लड़ाइयां लड़ी हैं और इसे मैं ही समझती हूं। यह प्यार, दर्द, संघर्ष, जीत और रहस्य की लाइब्रेरी है। आपकी आंखें वह सब परिभाषित नहीं कर सकतीं जो उसने सहन किया है। मेरे शरीर का मूल्य मत लगाओ। इसे मेरे अस्तित्व पर रहने दो।"
वे आगे कहती हैं, "अपने आप से प्यार करना सबसे बड़ी क्रांति है। आपका शरीर और आपका स्वास्थ्य आपकी पसंद हैं!"
फ़ोटोग्राफ़र सरीन रामदास द्वारा शूट किए गए इस फोटोशूट में फरा एक चमकीले, पीले रंग के स्विमसूट में हैं।
फरा ने योरस्टोरी को बताया, "यह विचार मेरे स्टाइलिस्ट असानिया नाज़रीन के साथ चर्चा के बाद आया, क्योंकि मैं हमेशा एक स्विमिंग सूट पहनना चाहती थी, लेकिन मुझे लगा कि इसमें फोटो खिंचवाने के लिए मैं "बहुत मोटी" हूं। मेरे फोटोग्राफर ने मुझे बताया कि यह कुछ ऐसा नहीं था जो कामुक या यौन होगा, मुझे केवल शूटिंग के दौरान हंसना था।"
"मुस्कुराने" और "हँसने" के सुझावों ने मदद की और फ़रा कहती है कि उसे शूटिंग करते हुए उन्हें काफी मजा आया वह "वास्तव में जोर से मुस्कुराई" और परिणाम अब सभी के देखने के लिए सामने हैं।
उसे इंस्टाग्राम पर तस्वीरें पोस्ट किए अभी कुछ ही दिन हुए हैं और कमेन्ट अलग-अलग हैं।
वे कहती हैं, “इंस्टाग्राम ने वास्तव में कुछ सकारात्मक टिप्पणियां दीं, जिनमें उद्योग के कुछ लोग भी शामिल हैं। मुझे कई लोगों की ओर से बधाई डीएम मिले हैं। लेकिन फेसबुक पर बहुत सारे घटिया कमेंट थे, जैसे, 'वह एक मुस्लिम है, वह ऐसा क्यों कर रही है', 'वह स्विमसूट में हाथी की तरह दिखती है'।"
फ़रा का मानना है कि जब कुछ सामान्य होता है, तो कठोर टिप्पणियां होती ही हैं। लेकिन वह खुश हैं कि मीडिया की पहचान ने सकारात्मकता को सुर्खियों में ला दिया है।
साइबर सुरक्षा में वैश्विक स्तर पर देश का नाम रोशन कर रहे खुशहाल कौशिक
खुशहाल अपनी फर्म लिसियनथस टेक के तहत साइबर सुरक्षा को लेकर मूल्यांकन, प्रमाणन और प्रशिक्षण आदि सेवाएँ मुहैया कराते हैं। कंपनी में खुशहाल सीईओ पद की ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं।
इंटरनेट के लगातार बढ़ते दायरे के बीच साइबर सुरक्षा एक बड़े मुद्दे के रूप में सामने आई है। आज तकनीक से जुड़े दुनिया भर के लोग साइबर सुरक्षा को लेकर अपना सक्रिय योगदान दे रहे हैं और भारत भी साइबर सुरक्षा के मामले में पीछे नही है। भारत के खुशहाल कौशिक साइबर सुरक्षा स्पेस में भारत का नाम वैश्विक स्तर पर लगातार ऊपर ले जाने का काम कर रहे हैं।
खुशहाल मुख्य तौर पर देश को साइबर अपराधियों से बचाने में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अपनी सराहनीय योगदान के चलते साल 2018 में खुशहाल को युनेस्को ने अपनी मैगजीन में जगह दी थी। इसी के साथ खुशहाल को उनके काम के लिए तमाम सरकारों और संस्थाओं द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है। मालूम हो कि इस साल की शुरुआत में उनके द्वारा लिखे गए एक खास शोध पत्र को युनेस्को ने प्रकाशित भी किया था।
खुशहाल को इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय में भी काम करने का मौका मिल चुका है। खुशहाल का मानना है कि लोगों को मुख्य रूप से अपनी ऑनलाइन सुरक्षा की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए और इंटरनेट उपयोग को लेकर जिम्मेदार और जागरूक बनना चाहिए।
खुशहाल उस दौरान भी चर्चा में आए जब साल 2020 में उन्हें महज आधे घंटे के भीतर ई-मेल हैकिंग से जुड़ा केस सुलझाने के लिए पनामा गणराज्य द्वारा सम्मानित किया गया था।
रोजाना 800 आवारा कुत्तों को खाना खिलाती है रजनी शेट्टी
मेंगलुरु की रहने वाली रजनी शेट्टी हर दिन 800 आवारा कुत्तों को खाना खिलाती हैं और अपने घर पर दर्जनों कुत्तों, बिल्लियों, खरगोशों, पक्षियों की देखभाल करती हैं, और घायल पशु-पक्षियों का इलाज भी करती हैं।
जैसा कि लॉकडाउन आवारा कुत्तों के लिए बुरा समय साबित हुआ है, वहीं कर्नाटक के मेंगलुरु की रहने वाली रजनी शेट्टी उनके लिए मसीहा बनकर सामने आई है। पशु प्रेमी रजनी और उनके पति ने आवारा जानवरों की सेवा करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है।
रजनी न केवल आवारा कुत्तों को खाना खिलाती है, बल्कि उनकी चोटों और बीमारियों का इलाज भी करती है। जब वे बीमार होते हैं तो वह उन्हें दवाएं देती हैं और उनके खुले घावों पर एंटीसेप्टिक्स लगाती हैं।
रजनी शेट्टी कहती हैं, “हम हर दिन 800 आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं और अपने घर में दर्जनों कुत्तों, बिल्लियों, खरगोशों, पक्षियों की देखभाल करते हैं। हम घायल जानवरों का भी इलाज कर रहे हैं।”
रजनी और उनके पति, जो एक टैक्सी ड्राइवर हैं, और तीन बच्चे भी इस उल्लेखनीय उपलब्धि को हासिल करने में उनकी मदद करते हैं। वे सभी कुत्तों को खाना खाते देख संतुष्टी और खुशी का अनुभव महसूस करते हैं।
जानवरों के साथ रजनी का लगाव 15 साल पहले आवारा कुत्तों को खाना खिलाने से शुरू हुआ था और वर्तमान में वह जनता के समर्थन से 800 कुत्तों को खाना खिला रही हैं। इन वर्षों में, उन्होंने 2,000 से अधिक जानवरों को बचाया है, जिसमें कुत्ते, बिल्ली, खरगोश और पक्षी शामिल हैं।
रजनी बताती हैं, “मैं असहाय जानवरों को इलाज के लिए अपने घर लाती हूं। मैं 800 कुत्तों के लिए रोजाना 60 किलो से ज्यादा चिकन-चावल बनाती हूं। हम रोज रात 8 बजे के बाद कुत्तों को खाना खिलाने जाते हैं ताकि उनमें से किसी को भी वाहनों की समस्या का सामना न करना पड़े। मेरे पति, परिवार और जनता मेरा समर्थन करती है।”
उत्तराखंड में स्थायी आजीविका बनाने के लिए काम कर रहा है यह B2B स्टार्टअप
कपड़ा उद्योग में लगभग 30 वर्षों की विशेषज्ञता रखने वाले केशव शर्मा ने अपने स्टार्टअप DESCAT UK के माध्यम से देहरादून, उत्तराखंड में एक आत्मनिर्भर मॉडल बनाया है, और 1,000 से अधिक महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।
उत्तराखंड सरकार के साथ एक प्राकृतिक फाइबर सलाहकार के रूप में काम करते हुए, केशव शर्मा ने महसूस किया कि वे जिस क्षेत्र में पले-बढ़े थे, उस क्षेत्र में अस्पष्ट अवसरों की अधिकता थी।
40 साल बाद राज्य का दौरा करने वाले केशव कहते हैं, “बचपन से ही मैं उत्तराखंड को एक महिला प्रधान अर्थव्यवस्था के रूप में देखता रहा हूं। पुरुष या तो सेना में थे या अन्य स्थानों पर चले गए। वहां सिर्फ 18 साल से कम उम्र के बच्चे और बड़े ही रहते नजर आए। 30-40 साल बाद भी स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं आया है।“
58 वर्षीय केशव, जिनके पास GCIT Kanpur से कपड़ा रसायन विज्ञान में स्नातक की डिग्री है और TIT Bhiwani से परास्नातक हैं, कहते हैं कि राज्य में एक उद्योग स्थापित करना "मुश्किल और व्यवहार्य नहीं है"।
वह स्थानीय आजीविका बनाने और समर्थन करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके अपने राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के इच्छुक थे।
ग्रास फाइबर, जिसका उपयोग क्षेत्र में नियमित रूप से यार्न बनाने के लिए बनाने के लिए किया जाता है, अपने नेटवर्क का उपयोग करने के बाद, उन्होंने इसे जलवायु सामूहिक स्टार्टअप एन्क्लेव में पेश करने का फैसला किया और KIIT इनक्यूबेसन राउंड के लिए चुना गया। टीम IIT Mandi एक्सप्लोरर प्रोग्राम गई, जहां उन्हें Alsisar के अनुज शर्मा से मिलने का मौका मिला।
2018 में, उन्होंने Dev Ethical Sustainable Crafts & Textiles, Uttarakhand (DESCAT UK) का शुभारंभ किया।
DESCAT UK आजीविका विशेषज्ञों, कपड़ा पेशेवरों, डिजाइनरों और मार्केटिंग पेशेवरों को टिकाऊ हैंडीक्राफ्ट्स और हैंडलूम प्रोडक्ट्स बनाने के लिए एक साथ आने में सक्षम बनाता है। कंपनी को Alsisar इम्पैक्ट द्वारा इनक्यूबेट किया गया है और पिछले कुछ वर्षों से अनुज शर्मा के मार्गदर्शन में है। DESCAT UK ने अब तक 1,400 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण और नौकरी के अवसर प्रदान किए हैं।