कोविशील्ड और कोवैक्सीन में कौन है ज्यादा कारगर, आप भी जानें
सरकार ने इस सवाल का जवाब अपनी तरफ से यूं तो सीधा सा दे दिया है लेकिन फिर भी ICMR के आंकड़े शायद आपको इस पर अधिक स्पष्टता दे पाएँ।
देश में इस समय दो वैक्सीन लोगों के लिए उपलब्ध हैं। कोविशील्ड और कोवैक्सीन काफी समय से लोगों को लगाई जा रही है जबकि रूस से हाल ही भारत आई 'स्पूतनिक वी' भी अब कोविन पोर्टल पर नज़र आना शुरू हो चुकी है। फिलहाल लोगों के बीच एक बात जो लंबे समय से चर्चा में है वो ये है कि इन सभी वैक्सीन में सबसे सटीक और अधिक कारगर वैक्सीन कौन सी है?
सरकार ने इस सवाल का जवाब अपनी तरफ से यूं तो सीधा सा दे दिया है लेकिन फिर भी ICMR के आंकड़े शायद आपको इस पर अधिक स्पष्टता दे पाएँ।
क्या कहती है सरकार?
कोविशील्ड और कोवैक्सीन में कौन सी वैक्सीन बेहतर है? इस पर सरकार का कहना है कि 'इन दोनों ही वैक्सीन के बीच में कोई प्रत्यक्ष वैज्ञानिक तुलना नहीं है, इसलिए लोग एक के ऊपर दूसरे को नहीं चुन सकते हैं। ये दोनों ही वैक्सीन संक्रमण के साथ ही गंभीर बीमारी को रोकने का काम कर रही हैं। आपके वैक्सीनेशन सेंटर में जो भी वैक्सीन उपलब्ध हो आप उसे चुन सकते हैं।'
गौरतलब है कि दोनों ही वैक्सीन इस समय देश भर में मौजूद हैं, हालांकि ये दोनों एक साथ एक ही केंद्र पर उपलब्ध नहीं हैं। कोविन ऐप के जरिये आप इनमे से किसी एक वैक्सीन की उपलब्धता के अनुसार अपने वैक्सीनेशन सेंटर का चयन कर सकते हैं।
मालूम हो कि इन दोनों वैक्सीन की संरचना अलग है। कोविशील्ड, जो ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन है, उसे उस एक सामान्य सर्दी-जुकाम वायरस के कमजोर संस्करण से बनाया गया जो चिंपांजी को संक्रमित करता है, इसी के साथ इसमें SARS-CoV-2 वायरस स्पाइक प्रोटीन की जेनेटिक सामग्री का भी इस्तेमाल किया गया है। वहीं दूसरी ओर, कोवैक्सीन को लाइव इनएक्टिव वायरस से विकसित किया गया है।
ICMR का क्या कहना है?
ICMR ने इन दोनों वैक्सीन के पहली डोज़ के हिसाब से आंकड़ों को देखते हुए यह बताया है कि कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड लेने वाले लोगों के भीतर एंटीबॉडी का ‘बेहतर स्तर’ देखा गया है, जिसका मतलब है कि पहली डोज़ के बाद कोविशील्ड लेने वाले लोगों में मजबूत इम्यून सिस्टम तैयार हुआ है।
मालूम हो कि कोविड 19 वर्किंग ग्रुप के सुझाव के अनुसार सरकार ने कोविशील्ड वैक्सीन के दो डोज़ के बीच के अंतराल को बढ़ाते हुए 6-8 हफ्तों से 12-16 हफ्ते करने का निर्णय लिया है, जबकि कोवैक्सीन की दोनों डोज़ के बीच के अंतराल को पहले की तरह 4 हफ्ते ही रखा गया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘ICMR के प्रमुख बलराम भार्गव ने कहा है कि कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खुराक के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) मजबूत पाई गई है और इसके लिए दो डोज़ के बीच तीन महीने का अंतराल सर्वोत्तम रिजल्ट देगा।’
भार्गव के अनुसार देश में अभी इन वैक्सीन के प्रभाव को लेकर आंकड़े लगातार जुटाये जा रहे हैं और इस दौरान सभी इन नई परिस्थितियों के अनुसार सीख रहे हैं।
आंकड़े क्या कहते हैं?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 21 अप्रैल तक साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार कोवैक्सीन की पहली डोज़ लेने के बाद 18 हज़ार 427 और दूसरी डोज़ लेने के बाद 5 हज़ार 513 लोग संक्रमित हुए हैं। ये आंकड़े कुल वैक्सीनेशन का 0.13 प्रतिशत हैं। वहीं अगर हम कोविशील्ड की बात करें तो इसकी पहली डोज़ के बाद 84 हज़ार 198 और दूसरी डोज़ के बाद 34 हज़ार 974 लोग संक्रमित पाये गए हैं। ये आंकड़े कुल वैक्सीन का 0.07 प्रतिशत है।