अडानी एंटरप्राइजेज के FPO में IHC ने क्यों खरीदे 'महंगे' शेयर, बाजार में मिल रहा बहुत सस्ता
अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर गिरते-गिरते 2700 रुपये तक पहुंच गए हैं. वहीं FPO में शेयर की कीमत 3112 रुपये से शुरू हो रही है. ऐसे में सवाल ये है कि IHC ने सस्ते शेयर छोड़कर महंगे शेयर क्यों खरीदे?
पिछले ही हफ्ते गौतम अडानी (Gautam Adani) के खिलाफ अमेरिकी की रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg Research) ने एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में उन पर शेयरों की कीमत मैनिपुलेट करने और अकाउंटिंग फ्रॉड का गंभीर आरोप लगाया गया है. इसके बाद से अडानी ग्रुप की कंपनियों में तगड़ी गिरावट देखी जा रही थी. हालांकि, सोमवार को अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) में 5 फीसदी से भी ज्यादा की तेजी दिखी. यह शेयर निफ्टी 50 में सबसे ज्यादा तेजी दिखाने वाला शेयर रहा. सवाल ये है कि ऐसा क्यों हुआ? इसके पीछे दरअसल अबू धाबी की एक कंपनी IHC है, जिसने बड़ी मात्रा में कंपनी के शेयर खरीदे हैं. कंपनी ने करीब 400 मिलियन डॉलर यानी लगभग 3200 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं.
सोमवार को क्यों भागे अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर?
27 जनवरी से अडानी एंटरप्राइजेज का एफपीओ खुला है. पहले दिन तो कंपनी का एफपीओ महज 1 फीसदी सब्सक्राइब हुआ, क्यों हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने निवेशकों को डरा दिया. वहीं सोमवार को कंपनी का शेयर 5 फीसदी से भी ज्यादा की तेजी से चढ़ा और 2892 रुपये के लेवल पर बंद हुआ. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अबूधाबी की कंपनी इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी यानी आईएचसी (IHC) ने अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी है. एफपीओ के तहत शेयरों की कीमत 3112-3276 के बीच रखी गई थी. पिछले हफ्ते शुक्रवार को कंपनी का शेयर करीब 2700 रुपये के लेवल के करीब पहुंच गया था. बता दें कि दूसरे दिन कंपनी का एफपीओ करीब 3 फीसदी सब्सक्राइब हुआ है.
आईएचसी ने क्यों महंगे दाम पर खरीदा एफपीओ?
आईएचसी ने अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ में अपनी सब्सिडियरी कंपनी Green Transmission Investment Holding के जरिए पैसे लगाए हैं. कंपनी ने इस एफपीओ में 16 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का फैसला किया है. कंपनी ने इसे लेकर बयान भी जारी कर दिया है. आईएचसी को लेकर पहले से ही बात हो रही थी कि वह अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ का एक बड़ा हिस्सा खरीदेगी और सबसे बड़ी निवेशक बनेगी. कंपनी ने ऐसा कर भी दिया है, लेकिन साथ ही वह सवालों के घेरे में भी है. अब सवाल ये है कि आखिर कंपनी ने एफपीओ में पैसे क्यों लगाए? बाजार में तो एफपीओ से भी सस्ते भाव में शेयर मिल रहे थे. मुमकिन है कि आने वाले दिनों में इसे लेकर भी कंपनी की तरफ से कोई स्पष्टीकरण आएगा.
अडानी की नेटवर्थ 65 अरब डॉलर गिरी
जब से गौतम अडानी के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई है, उसके बाद से गौतम अडानी की दौलत में करीब 65 अरब डॉलर की गिरावट देखने को मिली है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 24 जनवरी को आई थी और 25 जनवरी से कंपनी के शेयरों में गिरावट आने लगी. इसी बीच गौतम अडानी ब्लूमबर्ग बिलियनेर इंडेक्स की दुनिया के टॉप-10 अमीरों की लिस्ट से बाहर हो गए हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार शाम तक उनकी दौलत गिरकर 84.4 अरब डॉलर रह गई है.