EPFO की रिटायरमेंट सेविंग स्कीम के लिए वेतन सीमा बढ़ाएगी सरकार? आपकी जेब पर क्या होगा असर
वर्तमान में, ईपीएफओ की कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना के लिए वेतन सीमा 15,000 रुपये प्रति माह है, जिसे अंतिम बार 2014 में 6,500 रुपये प्रति माह से संशोधित किया गया था. यह योजना केवल उन कंपनियों के लिए उपलब्ध है, जिनमें 20 से अधिक कर्मचारी हैं.
सरकार जल्द ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की प्रमुख सेवानिवृत्ति बचत योजना के लिए वेतन सीमा में संशोधन कर सकती है. इससे कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों के अनिवार्य योगदान में वृद्धि होगी, जिससे कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के लिए अधिक बचत करने में मदद मिलेगी. इस बढ़ोतरी के साथ ही, ईपीएफओ के सामाजिक सुरक्षा कवरेज के तहत अधिक श्रमिकों जुड़ेंगे.
वर्तमान में, ईपीएफओ की कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना के लिए वेतन सीमा 15,000 रुपये प्रति माह है, जिसे अंतिम बार 2014 में 6,500 रुपये प्रति माह से संशोधित किया गया था. यह योजना केवल उन कंपनियों के लिए उपलब्ध है, जिनमें 20 से अधिक कर्मचारी हैं.
मामले की जानकारी रखने वाले एक सोर्स ने बताया कि वेतन की अधिकतम सीमा तय करने के लिए जल्द ही एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसे महंगाई के हिसाब से इंडेक्स किया जाएगा और ईपीएफओ के दायरे में आने के लिए समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाएगी.
सोर्स ने बताया कि ईपीएफओ वेज सीलिंग को कर्मचारी राज्य बीमा निगम के तहत प्रति माह अधिकतम 21 हजार रुपये तक भी किया जा सकता है. यह श्रम मंत्रालय द्वारा संचालित सरकार की दो सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बीच समानता लाएगा और कंपनियों पर अनुपालन बोझ को कम करेगा. यह सीमा दो उद्देश्यों को पूरा करती है. पहली तो यह कि 15,000 रुपये प्रति माह से कम आय वाले संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से ईपीएफ का सदस्य बनना पड़ेगा.
इसके लागू होने से अनुमानित तौर पर 75 लाख अतिरिक्त श्रमिकों को योजना के दायरे में लाएगा, और मजदूरी में वृद्धि के लिए समायोजित भी करेगा क्योंकि अंतिम संशोधन 2014 में किया गया था. यह सरकारी खजाने के लिए भी राहत होगी क्योंकि केंद्र वर्तमान में ईपीएफओ की कर्मचारी पेंशन योजना के लिए हर साल लगभग 6,750 करोड़ रुपये का भुगतान करता है. सरकार इस योजना के लिए ईपीएफओ ग्राहकों के कुल मूल वेतन का 1.16 फीसदी योगदान करती है.
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने साल 2014 की कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना की वैधता को बरकरार रखा था. हालांकि, अदालत ने पेंशन कोष में शामिल होने के लिए 15,000 रुपये मासिक वेतन की सीमा को रद्द कर दिया था. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन और केंद्र ने केरल, राजस्थान और दिल्ली के उच्च न्यायालयों के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें 2014 की योजना को रद्द कर दिया गया था.
वहीं, बीते रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में श्रम मंत्रालय ने जानकारी दी कि ईपीएफओ ने सितंबर 2022 में 16.82 लाख सदस्य जोड़े हैं. यह संख्या सितंबर, 2021 की तुलना में 9.14 प्रतिशत अधिक है. सितंबर के दौरान कुल 16.82 लाख सदस्यों में से लगभग 9.34 लाख नये सदस्य पहली बार ईपीएफओ के दायरे में आए हैं.
इसके मुताबिक करीब 2,861 नए प्रतिष्ठानों ने अपने कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवर सुनिश्चित करते हुए कर्मचारी भविष्य निधि और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम,1952 का अनुपालन शुरू किया है.
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Edited by Vishal Jaiswal