सरकार ने डीजल और विमान ईंधन के निर्यात पर विंडफाल टैक्स में एक बार फिर बढ़ोतरी की
सरकार ने चौथे पखवाड़े की समीक्षा में डीजल के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर को सात रुपये से बढ़ाकर 13.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया, जबकि एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) के निर्यात पर इसे दो रुपये बढ़ाकर 9 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया.
सरकार ने डीजल के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफाल टैक्स) को बढ़ाकर 13.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया है, जबकि विमानों के संचालन में इस्तेमाल होने वाले एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) के निर्यात पर इसे बढ़ाकर नौ रुपये प्रति लीटर किया गया है. वित्त मंत्रालय ने बुधवार को अधिसूचना जारी कर यह जानकारी दी.
घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर भी शुल्क प्रति टन 300 रुपये बढ़ाकर 13,300 रुपये कर दिया गया है. सरकार ने चौथे पखवाड़े की समीक्षा में डीजल के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर को सात रुपये से बढ़ाकर 13.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया, जबकि एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) के निर्यात पर इसे दो रुपये बढ़ाकर 9 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया.
भारत ने पहली बार 1 जुलाई को विंडफाल टैक्स लगाया था. इसके साथ ही भारत उन देशों की बढ़ती संख्या में शामिल हो गया जो ऊर्जा कंपनियों के अत्यधिक मुनाफे पर कर लगाते हैं. लेकिन तब से अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें ठंडी हो गई हैं, जिससे तेल उत्पादकों और रिफाइनर दोनों के लाभ मार्जिन में कमी आई है.
1 जुलाई को पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपये प्रति लीटर (12 डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया गया था और डीजल (26 डॉलर प्रति बैरल) के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर कर लगाया गया था. घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन (40 डॉलर प्रति बैरल) पर 23,250 रुपये प्रति टन अप्रत्याशित लाभ कर भी लगाया गया था.
इसके बाद, 20 जुलाई को पहले पखवाड़े की समीक्षा में पेट्रोल पर 6 रुपये प्रति लीटर निर्यात शुल्क समाप्त कर दिया गया था और डीजल और जेट ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर क्रमश: कर 2 रुपये प्रति लीटर घटाकर 11 रुपये और 4 रुपये कर दिया गया था. घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर भी कर घटाकर 17,000 रुपये प्रति टन कर दिया गया.
रिफाइनरी मार्जिन में गिरावट के बाद 2 अगस्त को डीजल पर निर्यात कर घटाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था और एटीएफ पर निर्यात कर को समाप्त कर दिया गया था. लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में मामूली वृद्धि के अनुरूप घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर शुल्क बढ़ाकर 17,750 रुपये प्रति टन कर दिया गया.
इसके बाद 19 अगस्त को, डीजल पर निर्यात कर को बढ़ाकर 7 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया, जबकि एटीएफ पर 2 रुपये प्रति लीटर कर वापस लाया गया. कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के अनुरूप घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर शुल्क घटाकर 13,300 रुपये प्रति टन कर दिया गया.
31 अगस्त को चौथी पाक्षिक समीक्षा में, डीजल और एटीएफ निर्यात के साथ-साथ घरेलू रूप से उत्पादित कच्चे तेल पर कर बढ़ा दिया गया है. वैश्विक ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें एक पखवाड़े पहले 95 डॉलर प्रति बैरल के मुकाबले करीब 105 डॉलर प्रति बैरल के आसपास थीं.
Edited by Vishal Jaiswal