भारत की पहली महिला सैन्य राजनयिक बनीं विंग कमांडर अंजलि सिंह
अंजलि सिंह पहली महिला हैं जिन्होंने 'डिप्टी एयर अताशे' का पद संभाला है। एयर अताशे की भूमिका भारतीय रक्षा क्षेत्र में काफी अहम मानी जाती है। अंजलि एई (एल) अधिकारी हैं जो 17 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रही हैं।
विदेश में किसी भी भारतीय दूतावास में तैनात होने वाली भारत की पहली महिला सैन्य राजनयिक बनकर विंग कमांडर अंजलि सिंह ने इतिहास रच दिया। विंग कमांडर अंजलि सिंह सशस्त्र बल की पहली महिला अधिकारी हैं, जिन्हें विदेश में भारतीय मिशन में सैन्य राजनयिक के तौर पर नियुक्त किया गया है।
रूस में भारतीय दूतावास ने एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। दूतावास के मुताबिक अंजलि सिंह ने 'डिप्टी एयर अताशे' के रूप में पदभार संभाल लिया है। मिग-29 लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए प्रशिक्षित सिंह ने 10 सितंबर पदभार संभाला।
मास्को में भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया,
"विंग कमांडर अंजलि सिंह ने 10 सितंबर को डिप्टी एयर अताशे का कार्यभार संभाल लिया। उन्हें विदेश में किसी भी भारतीय मिशन में सैन्य राजनयिक के रूप में तैनात होने वाली पहली महिला भारतीय सशस्त्र बल अधिकारी होने का गौरव प्राप्त हुआ है।"
अंजलि सिंह एई (एल) अधिकारी हैं जो 17 वर्षों से सेवाएं दे रही हैं। बता दें कि एयर अताशे वायु सेना अधिकारी हैं जो एक राजनयिक मिशन का हिस्सा होता है। इस पद पर सामान्य रूप से एक उच्च श्रेणी के अधिकारी को नियुक्त किया जाता है। एयर अताशे आम तौर पर किसी दूसरे देश में अपने देश के वायु सेना के प्रमुख का प्रतिनिधित्व करता है।
वहीं अंजलि सिंह की बात करें तो वे भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग ब्रांच से हैं। आईएएफ ने इससे पहले तीन महिला अधिकारियों को लड़ाकू विमान पायलट के तौर पर भी चुना था। इससे पहले सभी रक्षा अताशे पुरुष अधिकारी रहे हैं।
अंजलि सिंह पहली महिला हैं जिन्होंने ये पद संभाला है। एयर अताशे की भूमिका भारतीय रक्षा क्षेत्र में काफी अहम मानी जाती है। वह जिस देश में तैनात होता है उस देश के बीच रक्षा क्षेत्र में प्रशिक्षण व खरीद में सहयोग प्रदान करना सबसे अहम काम होता है।