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भारतीय मर्दों को चाहिए हाउसवाइफ, शादी के बाजार में नौकरीपेशा लड़कियों की डिमांड कम: स्‍टडी

यह स्‍टडी की है ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डॉक्‍टरेट कर रही भारतीय मूल की दिवा धर ने.

भारतीय मर्दों को चाहिए हाउसवाइफ, शादी के बाजार में नौकरीपेशा लड़कियों की डिमांड कम: स्‍टडी

Monday July 18, 2022 , 3 min Read

पिछले साल नेटफ्लिक्‍स पर एक सीरीज आई थी ‘इंडियन मैचमेकिंग.’ उसमें सीमा तपारिया नाम की मैचमेकर जिन भी लड़कियों के लिए सुटेबल मैच ढूंढ रही होती हैं, उन सबसे एक सवाल जरूर पूछती हैं, “शादी के बाद भी जॉब करोगी क्‍या?” साफ शब्‍दों में कोई लड़का ये नहीं कहता है कि उसे नौकरी करने वाली लड़की पसंद नहीं, लेकिन सब चाहते यही हैं कि शादी के बाद लड़की का सारा फोकस घर-परिवार पर ही रहे.

इसी बात को साबित कर रही है ऑक्‍सफोर्ड से आई यह नई स्‍टडी, जिसके मुताबिक भारतीय लोगों के बीच शादी के बाजार में कामकाजी नौकरीपेशा लड़कियों की मांग बहुत कम है. यह स्‍टडी की है ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डॉक्‍टरेट कर रही भारतीय मूल की दिवा धर ने. दिवा ऑक्‍सफोर्ड में इंडियन लेबर फोर्स में महिलाओं की हिस्‍सेदारी पर शोध कर रही हैं.  

दिवा धर यह समझना चाहती थीं कि भारतीय समाज शादी के सवाल पर कामकाजी और नौकरीपेशा लड़कियों के बारे में कैसे सोचता है. किस तरह जेंडर भूमिकाओं को लेकर सदियों से चली आ रही पारंपरिक सोच शादी के मामले में नौकरीपेशा महिलाओं को नकारात्‍मक रूप से प्रभावित करती है.

दिवा धर ने भारत की एक प्रमुख मैट्रीमोनियल वेबसाइट पर 20 अलग-अलग लड़कियों के शादी के प्रोफाइल बनाए. जहां तक उम्र, लाइफ स्‍टाइल, डाइट, फूड, कल्‍चरल और रिलीजियस रूझान आदि का सवाल है तो वो सारे प्रोफाइल बिलकुल एक जैसे थे. सब में इन सवालों का एक ही जवाब दिया गया था.

दिव्‍या धर ने सिर्फ एक सवाल के जवाब में हेराफेरी की और वो था कि नौकरी करने, पैसे कमाने और भविष्‍य में शादी के बाद भी काम करने को लेकर उन लड़कियों की क्‍या सोच है. इन सभी प्रोफाइल्‍स को अलग-अलग कास्‍ट कैटेगरी में बनाया गया था.

दिव्‍या धर कहती हैं कि जिन प्रोफाइल्‍स में यह लिखा था कि वह नौकरी नहीं करती हैं, उन प्रोफाइल्‍स को सबसे ज्‍यादा पुरुषों का रिस्‍पांस मिला. जिन प्रोफाइल्‍स में ये लिखा था कि अभी वो नौकरी कर रही हैं, लेकिन शादी के बाद छोड़ देंगी, पुरुषों के रिस्‍पांस के मामले में ये प्रोफाइल्‍स दूसरे नंबर पर थीं. जिन प्रोफाइल्‍स में नौकरीपेशा लड़कियों ने शादी के बाद भी नौकरी करने की बात कही थी, उन्‍हें सबसे कम रिस्‍पांस मिला.

हालांकि इसमें एक इंटरेस्टिंग ट्विस्‍ट भी हैं. ऊंची सैलरी पाने वाली लड़कियों के प्रोफाइल को उन प्रोफाइल के मुकाबले ज्‍यादा रिस्‍पांस मिला, जिनकी सैलरी मिड रेंज में थी. दिव्‍या कहती हैं कि पुरुषों के ऐसी प्रोफाइल को पसंद करने के चांस 10 फीसदी कम होते हैं, जहां महिलाएं उनसे ज्‍यादा पैसे कमाती हैं.

धर कहती हैं कि यह सारे पूर्वाग्रह लेबर फोर्स में महिलाओं की हिस्‍सेदारी को भी नकारात्‍मक रूप से प्रभ‍ावित करते हैं. महिलाओं से यह उम्‍मीद की जाती है कि उन्‍हें शादी या कॅरियर में से किसी एक चीज को चुनना होगा.


Edited by Manisha Pandey