Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

कश्मीर में बना दुनिया का सबसे बड़ा इग्लू कैफे, स्विट्जरलैंड से प्रेरणा लेकर करवाया है निर्माण

यह इग्लू कैफे जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में खुला है और फिलहाल बड़ी संख्या में टूरिस्ट इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं। ‘स्नोग्लू’ नाम के इस खास कैफे को गुलमर्ग के प्रसिद्ध स्की रिज़ॉर्ट में स्थापित किया गया है।

कश्मीर में बना दुनिया का सबसे बड़ा इग्लू कैफे, स्विट्जरलैंड से प्रेरणा लेकर करवाया है निर्माण

Friday February 11, 2022 , 3 min Read

कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है और इसकी वजह इसकी खूबसूरत वादियाँ और तमाम अन्य खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं। हालांकि इस समय कश्मीर में एक और पर्यटन केंद्र लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है और वो है एक खास ‘इग्लू कैफे’।

यह इग्लू कैफे जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में खुला है और फिलहाल बड़ी संख्या में टूरिस्ट इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं। ‘स्नोग्लू’ नाम के इस खास कैफे को गुलमर्ग के प्रसिद्ध स्की रिज़ॉर्ट में स्थापित किया गया है।

दुनिया का सबसे बड़ा इग्लू कैफे

बताया जा रहा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा इग्लू कैफे हैं, जो 37.5 फीट ऊंचा और 44.5 फीट व्यास वाला है। इसके पहले यह रिकॉर्ड स्विट्ज़रलैंड में स्थित एक इग्लू कैफे के नाम था, जिसकी ऊंचाई 33.8 फीट और उसका व्यास 42.4 मीटर है। फिलहाल ‘स्नोग्लू’ का निर्माण करने वाले शख्स अब विश्व रिकॉर्ड के लिए आवेदन करने की योजना बना रहे हैं।

 IGLOO CAFE IN GULMARG

मीडिया से बात करते हुए इस इग्लू कैफे के निर्माता सैयद वसीम शाह ने बताया है कि इस खास कैफे में दो खंड बनाए गए हैं। एक खंड में लोगों व पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था है, जबकि दूसरे खंड में एक आर्ट स्पेस दिया गया है, जहां पर कलाकृतियाँ मौजूद हैं।

15 मार्च तक लोगों के लिए उपलब्ध

शाह ने मीडिया को बताया है कि कुछ साल पहले वे स्विट्जरलैंड गए थे, जहां उन्होने इस कॉन्सेप्ट को देखा था। वहाँ इस तरह के होटल थे जो सोने की सुविधा से भी लैस थे। इसे देखकर शाह काफी प्रभावित हुए और उन्होने भी यह निर्णय लिया कि गुलमर्ग की पर्याप्त बर्फ को देखते हुए यह कॉन्सेप्ट देश के भीतर भी शुरू किया जा सकता है।

मालूम हो कि कैफे के निर्माण में कुछ रोचक चीजें भी जोड़ी गई हैं, जैसे इसके भीतर मौजूद सीटों के ऊपर भेड़ की खाल को सीट कवर के रूप में इस्तेमाल किया गया है। सदसय के अनुसार, इस कैफे के निर्माण में करीब 2 महीने का समय लगा है और इसके लिए 25 लोगों ने दिन रात काम किया है। इसके स्ट्रक्चर की बात करें तो इसकी मोटाई पांच फीट है। शाह उम्मीद कर रहे हैं कि यह इग्लू 15 मार्च तक रहेगा और फिर बाद में इसे जनता के लिए बंद कर दिया जाएगा।

40 लोग खा सकते हैं खाना

आज इस कैफे में आने वाले पर्यटकों को पारंपरिक कश्मीरी भोजन परोसा जा रहा है। शाह के अनुसार, बीते साल के कैफे में चार टेबल मौजूद थीं और इसके साथ एक बार में 16 लोग खाना खा सकते थे, लेकिन इस साल उन्होंने कैफे में 10 टेबल रखे हैं। इस कैफे को दो चरणों में एक सीढ़ी के साथ बनाया गया है। अब अधिक स्थान के साथ शाह का कहना है कि अब यहाँ एक बार में 40 लोग खाना खा सकते हैं।


Edited by Ranjana Tripathi