रेपो रेट बढ़ने पर FD पर तुरंत बढ़ेगा ब्याज! इस बैंक ने की पेशकश
RBI ने मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए दो चरणों में नीतिगत दर रेपो में 0.90 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. साथ ही आने वाले समय में इसमें और वृद्धि की संभावना है.
निजी क्षेत्र के यस बैंक (Yes Bank) ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर रेपो रेट बेस्ड ब्याज (Repo Rate Based Interest Rates) देने की घोषणा की है. इसके लिए बैंक ने एक नया प्रॉडक्ट पेश किया है. अब तक एक्सटर्नल बेंचमार्क (रेपो आदि) लिंक्ड ब्याज दर का उपयोग कर्ज के लिए ही किया जा रहा था, लेकिन जमा के मामले में ऐसी व्यवस्था नहीं थी. अब यस बैंक में रेपो बेस्ड ब्याज दर वाला एफडी प्रॉडक्ट आ चुका है. RBI की ओर से रेपो में कमी या बढ़ोतरी किए जाने से इस एफडी प्रॉडक्ट की ब्याज दर भी गिरेगी-चढ़ेगी.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए दो चरणों में नीतिगत दर रेपो में 0.90 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. साथ ही आने वाले समय में इसमें और वृद्धि की संभावना है. रिजर्व बैंक के नीतिगत दर में बढ़ोतरी के बाद बैंकों ने कर्ज पर लगने वाले ब्याज को तो बढ़ाया, लेकिन जमा के मामले में ब्याज बढ़ोतरी के कदम काफी धीमे थे. इसको लेकर सवाल भी उठाए गए.
रेपो रेट और FD रेट का को-रिलेशन
जब रेपो रेट वह रेट है जिस पर RBI, बैंकों को कर्ज देता है. इसलिए रेपो रेट बढ़ने पर बैंक भी अपना कर्ज महंगा करते हैं और ज्यादा लिक्विडिटी हासिल करने के उद्देश्य से जमा पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर ग्राहकों को लुभाते हैं.
फ्लोटिंग रेट वाले यस बैंक FD रेट्स
यस बैंक ने एक बयान में कहा कि उसकी नई पेशकश ग्राहकों को उनकी एफडी पर डायनैमिक रिटर्न्स की अनुमति देगी क्योंकि ब्याज दर, मौजूदा रेपो दर से जुड़ी होगी. ‘फ्लोटिंग’ दर वाले एफडी का लाभ, एक साल से लेकर तीन साल से कम अवधि के लिए प्राप्त किया जा सकता है.
यस बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रशांत कुमार ने कहा कि यह एक ऐसा प्रॉडक्ट है, जिसे रिटेल प्रॉडक्ट की पेशकश बढ़ाने के उद्देश्य से सोच-विचार कर तैयार किया गया है. कुमार ने कहा, ‘‘इस प्रॉडक्ट के मुख्य लाभों में से एक यह है कि ब्याज दर में संशोधन अपने आप लागू हो जाएगा और इसके लिए बैंक या ग्राहकों द्वारा किसी भी तरह के मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होगी.’’