अगले हफ्ते से लगने जा रही रूसी वैक्सीन 'स्पूतनिक वी' की ये खास बातें आपको जान लेनी चाहिए
रूस में निर्मित कोविड वैक्सीन स्पूतनिक-वी की पहली खेप भारत में एक मई को ही आ चुकी है। इस वैक्सीन को भारत में DGCI (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) द्वारा 13 अप्रैल को ही मंजूरी दे दी गई थी।
कोरोना महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन को ही सबसे कारगर उपाय माना जा रहा है, लेकिन इस समय देश में वैक्सीन की उपलब्धता उसकी मांग से कहीं कम है और इसके चलते तमाम प्रदेशों में वैक्सीनेशन के काम में रुकावट देखी जा रही है।
भारत में बनीं कोवैक्सीन और कोविशील्ड इस समय देश भर में लोगों को लगाई जा रही हैं लेकिन इसी के साथ जिस तीसरी वैक्सीन की चर्चा इस समय सबसे अधिक है वह है रूस में बनी वैक्सीन स्पूतनिक-वी। गौरतलब है कि यह रूसी वैक्सीन भारत के लोगों के लिए बेहद जल्द बड़ी मात्रा में उपलब्ध होने वाली है।
कब लगेगी ये वैक्सीन?
रूस में निर्मित कोविड वैक्सीन स्पूतनिक-वी की पहली खेप भारत में एक मई को ही आ चुकी है। इस वैक्सीन को भारत में DGCI (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) द्वारा 13 अप्रैल को ही मंजूरी दे दी गई थी। नीति आयोग की मानें तो जुलाई से इस वैक्सीन का उत्पादन भारत में भी शुरू किया जा सकता है।
बताया जा रहा है कि यह वैक्सीन भारत में आम लोगों के लिए अगले हफ्ते (शायद 17 या 18 मई) से उपलब्ध हो जाएगी, इसी के साथ कुछ अन्य मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि यह वैक्सीन आम लोगों के लिए जून के दूसरे या तीसरे हफ्ते से पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो जाएगी।
कोवैक्सीन और कोविशील्ड के बाद अब स्पूतनिक-वी के आने से देश भर में वैक्सीनेशन को गति मिलने की संभावना है। स्पूतनिक-वी वैक्सीन के भारत आने को लेकर पीएम मोदी ने 28 अप्रैल को एक ट्वीट भी किया था, जिसमें उन्होने बताया था कि उनकी बात रूस के राष्ट्रपति व्लामिदिर पुतिन से हुई है और इस दौरान रूस ने महामारी से लड़ने में भारत को समर्थन का भरोसा दिया है।
कितनी प्रभावी है यह वैक्सीन?
स्पूतनिक-वी वैक्सीन के ट्रायल से जुड़ी रिपोर्ट को ‘द लैंसेंट’ में छापा गया था, जिसके अनुसार यह वैक्सीन कोरोना संक्रमण से लड़ने में 91.6 फीसदी कारगर है, इसी के साथ ही वैक्सीन के साथ गंभीर संक्रमण से सुरक्षा का दावा भी किया जा रहा है।
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोगों को स्पूतनिक-वी वैक्सीन के दो डोज़ लेने होंगे, जिनके बीच में 21 दिनों का गैप निर्धारित किया गया है। बीते शुक्रवार को हैदराबाद में ही डॉ. रेड्डीज़ लैब के शीर्ष अधिकारी दीपक सप्रा को इस वैक्सीन का पहला डोज़ दिया गया है।
इस वैक्सीन की एक डोज़ 0.5 ml की है, जबकि इसे स्टोर करने के लिए माइनस 18 डिग्री तापमान की जरूरत होती है। भारत में आ चुकी स्पूतनिक-वी की डेढ़ लाख डोज़ को पायलट क्वान्टिटी के रूप में देखा जा रहा है जिसके जरिये कोल्ड चेन और सप्लाई चेन पर नज़र रखी जाएगी।
क्या है कीमत?
इस रूसी वैक्सीन के उत्पादन का काम हैदराबाद की डॉ. रेड्डीज़ लैब के पास है। अभी बताया जा रहा है कि भारत में इस वैक्सीन के उत्पादन का काम पाँच कंपनियाँ मिलकर करेंगी। डॉ. रेड्डीज़ लैब ने स्पूतनिक-वी वैक्सीन के एक डोज़ की कीमत 948 रुपये निर्धारित की है, जिसमें 5 प्रतिशत जीएसटी अलग से लगेगा, इसके बाद वैक्सीन के एक डोज़ की अंतिम कीमत 995 रुपये हो जाएगी।