Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT
Advertise with us

याद रखें ये 6 हाई वैल्यू कैश ट्रांजेक्शन, जिनकी वजह से आ सकता है इनकम टैक्स नोटिस

कई ट्रांजेक्शन ऐसे हैं, जिन पर आयकर विभाग की नजर रहती है और वह करदाता से सवाल जवाब कर सकता है.

याद रखें ये 6 हाई वैल्यू कैश ट्रांजेक्शन, जिनकी वजह से आ सकता है इनकम टैक्स नोटिस

Friday March 31, 2023 , 3 min Read

कई लोग आज भी कैश में ट्रांजेक्शन करना आसान और सुविधाजनक मानते हैं. लेकिन बड़े कैश ट्रांजेक्शन की वजह से आप आयकर विभाग (Income Tax Department) के रडार पर आ सकते हैं. कई ट्रांजेक्शन ऐसे हैं, जिन पर आयकर विभाग की नजर रहती है और वह करदाता से सवाल जवाब कर सकता है. बैंक, म्यूचुअल फंड, ब्रोकरेज हाउस और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार के पास अगर आप तय लिमिट से ज्यादा के कैश ट्रांजेक्शन करते हैं तो उन्हें आयकर विभाग की इसकी सूचना देनी होती है. आइए जानते हैं ऐसे ही 6 कैश ट्रांजेक्शन के बारे में, जिनके चलते विभाग आपको आयकर नोटिस (Income Tax Notice) थमा सकता है-

बैंक खाते में कैश डिपॉजिट

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) का नियम है कि अगर किसी बैंक या को-ऑपरेटिव बैंक के एक या एक से अधिक खातों में कोई व्यक्ति एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये या इससे ज्यादा का कैश जमा करता है तो उसकी सूचना उसे बैंक या को-ऑपरेटिव बैंक, आयकर विभाग को देनी होगी. इस तय लिमिट से अधिक रकम जमा के मामले में आयकर विभाग पैसों के स्रोत को लेकर सवाल कर सकता है.

FD में कैश डिपॉजिट

अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट में बेहद अधिक धनराशि, कैश के माध्यम से जमा करते हैं तो बैंक को इसकी सूचना आयकर विभाग को उपलब्ध करानी होती है. सीबीडीटी ने बैंकों को कह रखा है कि यदि कोई व्यक्ति एक या एक से अधिक एफडी (किसी एफडी के रिन्युअल के माध्यम से की गई एफडी के अलावा) में एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये या उससे अधिक की धनराशि कैश में डिपॉजिट करता है तो बैंकों को इसके बारे में सीबीडीटी को सूचना देनी होगी.

प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन

अगर कोई व्यक्ति 30 लाख रुपये या इससे ज्यादा के अमाउंट में अचल संपत्ति (Immovable Property) की खरीद या बिक्री करता है तो प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार (Property Registrar) को इसकी सूचना कर अधिकारियों को देनी होती है. ऐसे में आयकर विभाग व्यक्ति सवाल कर सकता है कि इतने बड़े ट्रांजेक्शन के लिए पैसे कहां से आए.

​क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट का मामला

कई बार लोग क्रेडिट कार्ड बिल का पेमेंट कैश में करते हैं. अगर व्यक्ति एक बार में 1 लाख रुपये या इससे अधिक का क्रेडिट कार्ड बिल, कैश में भरता है तो आयकर विभाग को सूचना जाएगी. अगर एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये या इससे अधिक के क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान किसी भी तरीके (कैश/चेक/ट्रान्सफर) से किया जाता है तो भी रिपोर्ट आयकर विभाग के पास जाएगी और व्यक्ति से पैसों से स्रोत के बारे में पूछा जा सकता है.

शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर, बॉन्ड की खरीद

अगर शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर और बॉन्ड में बड़ी मात्रा में कैश ट्रांजेक्शन किया जाता है तो परेशानी खड़ी हो सकती है. एक वित्त वर्ष में अगर कोई व्यक्ति 10 लाख रुपये या इससे ज्यादा के अमाउंट में शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर और बॉन्ड की खरीद करता है तो कंपनियों या इंस्टीट्यूशंस को इसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है.

विदेशी मुद्रा की खरीद

आयकर विभाग की नजर विदेशी मुद्रा (Foreign Exchange) की खरीदारी में जो ट्रांजेक्शन होता है, उस पर भी रहती है. अगर कोई 10 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा की खरीद करता है तो इसकी जानकारी आयकर विभाग के पास जाती है. विदेशी मुद्रा में यात्री चेक व विदेशी मुद्रा कार्ड, डेबिट या क्रेडिट कार्ड शामिल हैं.

यह भी पढ़ें
FD पर 8% से लेकर 9% तक का ब्याज, ये 12 बैंक कर रहे ऑफर