Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT
Advertise with us

किसान के दो बेटों ने बैंकिंग का करियर छोड़ किया स्टार्टअप; बदली 16,000 किसानों की तक़दीर

TBOF की स्थापना दो भाइयों - सत्यजीत हांगे और अजिंक्य हांगे ने की थी. वे भोदानी, पुणे के रहने वाले हैं और उनके पिता किसान हैं. दोनों भाइयों ने ऑर्गेनिक फार्मिंग (जैविक खेती) करने के लिए बैंकिंग का करियर छोड़ दिया था. इन दोनों भाइयों की कंपनी में अक्षय कुमार और विरेंद्र सहवाग ने भी पैसे लगाए हैं.

किसान के दो बेटों ने बैंकिंग का करियर छोड़ किया स्टार्टअप; बदली 16,000 किसानों की तक़दीर

Monday April 15, 2024 , 9 min Read

भारत एक कृषि प्रधान देश है. हमारा देश दुनिया भर में कृषि क्षेत्र में प्रमुख खिलाड़ियों में से एक है और कृषि भारत की ~55% आबादी के लिए आजीविका का प्राथमिक स्रोत है. हमारे पास [भारत के पास] दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कृषि भूमि होने का रिकॉर्ड है. इस प्रकार, किसान हमें जीविका के साधन प्रदान करने वाले क्षेत्र का एक अभिन्न अंग बन जाते हैं. ऐसे में किसानों की समस्याएं भला किसान से बेहतर कौन समझ सकता है.

किसानों की इन समस्याओं को हल करने का बीड़ा उठाया महाराष्ट्र के एक किसान के दो बेटों ने. भोदानी, पुणे के रहने वाले दो भाइयों - सत्यजीत हांगे और अजिंक्य हांगे ने मिलकर Two Brothers Organic Farms(TBOF) की स्थापना की. दोनों भाइयों ने ऑर्गेनिक फार्मिंग (जैविक खेती) करने के लिए बैंकिंग का करियर छोड़ दिया था. उन्होंने जैविक खेती के महत्व पर किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए कई पहलें शुरू की हैं. पिछले कुछ वर्षों में, सत्यजीत और अजिंक्य ने 16,000 से अधिक किसानों को खेती में प्रशिक्षित किया है और उन्हें बेहतर आजीविका हासिल करने में मदद की है.

हाल ही में TBOF के को-फाउंडर सत्यजीत हांगे ने YourStory से बात की, जहां उन्होंने इसकी शुरुआत, बिजनेस मॉडल, फंडिंग, रेवेन्यू, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में बात की.

बैंकिंग करियर छोड़ किया स्टार्टअप

सत्यजीत ने YourStory को बताया, "मैं Citibank के साथ काम कर रहा था और अजिंक्य HSBC के साथ काम कर रहा था. हमने कुछ कॉरपोरेट्स के साथ काम किया था और बाद में, हमें एहसास हुआ कि हम ये आगे जारी नहीं रखना चाहते. हमने जॉब छोड़ने और खेती करने की ठानी."

वे आगे कहते हैं, "वर्षों से, मेरा ध्यान व्यक्तियों को स्वच्छ और जैविक भोजन की आदतों को अपनाने में मदद करने और उन्हें अत्यधिक रासायनिक और कीटनाशकों के उपयोग से होने वाले नुकसान की पहचान करने और उसे दूर करने के लिए सशक्त बनाने पर रहा है. आज, TBOF भारत और विदेशों में एक अग्रणी जैविक किराना ब्रांड है जो लोगों को जैविक भोजन अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है. हमारा लक्ष्य अधिक से अधिक व्यक्तियों को जैविक खेती को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना और हमारे ब्रांड को जैविक किसानों के लिए एक मंच में बदलना है, ताकि वे अपनी उपज को बड़े बाजार में ले जा सकें और बेचकर बड़ा मुनाफा कमा सकें."

Satyajit Hange, Co-founder of Two Brothers Organic Farms (TBOF)

सत्यजीत हांगे, को-फाउंडर, Two Brothers Organic Farms (TBOF)

क्या करता है TBOF

TBOF प्राकृतिक रूप से उगाए गए वैकल्पिक उत्पादों की पेशकश करके समाज को खेती में रसायनों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से संबंधित समस्याओं से निपटने में मदद करने के लिए लगातार काम कर रहा है. अपने प्रयासों के माध्यम से, इसका लक्ष्य उपभोक्ताओं के भोजन और कृषि के बारे में सोचने के तरीके को बदलना है और पारंपरिक और रसायन युक्त कृषि पद्धतियों से होने वाले नुकसान को दूर करने में मदद करना है.

सत्यजीत बताते हैं, "एक ऑर्गेनिक एग्री प्लेटफॉर्म के रूप में, हम स्थानीय किसानों का समर्थन करना चाहते हैं और उन्हें ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचने और उनकी गुणवत्ता वाली उपज के लिए उचित मूल्य प्राप्त करने में मदद करना चाहते हैं. अब तक, हमने 2000 से अधिक किसानों के साथ काम किया है, और हम न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी ग्राहकों की सेवा करने के लिए उनका समर्थन करना जारी रखना चाहते हैं. हमने किसान संस्थान भी स्थापित किए हैं और 2000 से अधिक एकड़ भूमि को टिकाऊ कृषि पद्धतियों में बदलने में मदद करने के लिए 16,000 से अधिक किसानों को जैविक खेती में प्रशिक्षित किया है. हम हमेशा किसानों को देशी साबुत अनाज और बाजरा उगाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और उन्हें देशी बीजों को संरक्षित करने के लिए बीज बैंक बनाए रखने के महत्व के बारे में शिक्षित करते हैं."

वे आगे बताते हैं, "वर्तमान में, हम अपनी प्रसंस्करण सुविधाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए ग्रामीण भारत में 300 से अधिक स्थानीय पुरुषों और महिलाओं को रोजगार देते हैं. इसके अलावा, एक कंपनी के रूप में, हमने स्वदेशी किसानों के 250 समूहों को शामिल करते हुए एक आईसीएस समूह का गठन किया है और मेघालय में 200 महिला किसानों और अहमदनगर में छोटी जोत वाले किसानों के साथ सहयोग किया है. इससे हमें 2023 में छोटे किसानों के समुदाय को उनकी उपज के लिए 1,17,248,000 मिलियन का भुगतान करने की अनुमति मिली, जबकि उन्हें बड़े बाजार तक पहुंच प्रदान की गई. दूसरी ओर, पौष्टिक जैविक भोजन की एक प्रोडक्ट रेंज तैयार करके, हम उपभोक्ताओं को स्वस्थ और जागरूक जीवन के लाभों को प्राप्त करते हुए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और जैव विविधता के संरक्षण में देशी फसलों की भूमिका के बारे में शिक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं."

pune-based-agritech-startup-two-brothers-organic-farms-agriculture-farmers

बिजनेस मॉडल

स्टार्टअप D2C (Direct-to-consumer) बिजनेस मॉडल पर काम करता है, यानि कि यह अपने ऑर्गेनिक प्रोडक्ट सीधे अपने ग्राहकों को बेचता है. सत्यजीत हांगे बताते हैं, "इस मॉडल को चुनने का हमारा निर्णय कई कारकों से प्रेरित था, जिसमें हमारे ग्राहकों तक नए प्रोडक्ट पहुंचाने के लिए बिचौलियों को कम करने की हमारी इच्छा भी शामिल थी. इसके अलावा, हमने अपने ग्राहकों से सीधे जुड़ने और उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त करने में मदद करने में D2C मॉडल की खूबी को पहचाना. इसने हमें अपने प्रोडक्ट्स को अनुकूलित करने और ग्राहकों को समय पर समाधान और सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाया."

सत्यजीत कहते हैं, "हमारा बिजनेस मॉडल आज के टेक्नोलॉजी-लवर्स और ई-कॉमर्स-अनुकूल उपभोक्ताओं की सुविधा के साथ अच्छी तरह मेल खाता है. इसने हमें घरेलू सीमा से परे अधिक ग्राहकों तक पहुंचने की अनुमति दी है. हमें खुशी है कि हमने इस रणनीतिक मॉडल को चुना, क्योंकि इससे हमें अपने ग्राहकों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने और समुदाय की भावना को बढ़ावा देने में मदद मिली है."

फंडिंंग और रेवेन्यू

TBOF को मिली फंडिंग के बारे में बात करते हुए को-फाउंडर सत्यजीत हांगे बताते हैं, "बीते साल, अप्रैल महीने में हमने अक्षय कुमार और वीरेंद्र सहवाग जैसी प्रसिद्ध हस्तियों के समर्थन से प्री-सीरीज़ ए राउंड में 14.50 करोड़ रुपये जुटाए हैं. इससे पहले, साल 2019 में, हमारी कंपनी ने CREST Ventures से 5 करोड़ रुपये हासिल किए हैं."

स्टार्टअप के रेवेन्यू मॉडल के बारे में समझाते हुए, सत्यजीत बताते हैं, "एक ऑर्गेनिक फूड और ग्रोसरी (किराना) प्लेटफॉर्म के रूप में, हम अपने डी2सी प्लेटफॉर्म, मार्केटप्लेस और क्विक-कॉमर्स सहित अपने प्रमुख ऑनलाइन चैनलों के माध्यम से अपना बड़ा रेवेन्यू हासिल करते हैं. जबकि हमारा ध्यान भारत और अमेरिका में स्थित उपभोक्ताओं की सेवा पर है, हमारे चैनल हमें 60 से अधिक देशों तक पहुंचने में सक्षम बनाते हैं. बाजार में हमारी 174 से अधिक स्टॉक कीपिंग इकाइयाँ (SKUs) हैं, जो ग्राहकों का ध्यान आकर्षित करती रहती हैं, जिससे हमारा रेवेन्यू फ्लो बढ़ता है."

रेवेन्यू के आंकड़ों पर बाते करते हुए, सत्यजीत कहते हैं, "हमारी कंपनी साल-दर-साल 100% बढ़ रही है, और हम अगले तीन से पांच वर्षों में इसी तरह के विकास पथ को बनाए रखने की योजना बना रहे हैं. इस बीच, हम 2029 तक 500 करोड़ का रेवेन्यू हासिल करने का लक्ष्य रख रहे हैं, जिससे हमें बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने और कृषक समुदाय को समर्थन देने में मदद मिलेगी."

चुनौतियां

इस बिजनेस को खड़ा करने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? इसके जवाब में TBOF के को-फाउंडर सत्यजीत हांगे कहते हैं, "9 से 5 की बैंक की नौकरी छोड़कर डी2सी ऑर्गेनिक एग्री बिजनेस खड़ा करने तक का ये सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था. हालाँकि, हमारी कृषि पृष्ठभूमि और पारंपरिक कृषि के ज्ञान ने हमें इस प्रक्रिया में मदद की है. एक आरामदायक स्थिति तक पहुँचने के लिए हमें जिन प्रमुख चुनौतियों से पार पाना था, उनमें D2C बिजनेस चलाने के लिए आवश्यक एक नया स्किल सेट डेवलप करने की हमारी जद्दोजहद शामिल है. दूसरे शब्दों में, यह सुनिश्चित करने के लिए कि हम बाजार में टिके रह सकें, हमें खेती करने के प्रभावी तरीके सीखने और बीज सुरक्षित करने से लेकर मार्केटिंंग और ग्राहक सेवा में अपनी विशेषज्ञता बढ़ाने तक हर चीज में महारत हासिल करनी थी."

वे आगे कहते हैं, "एक और चुनौती यह सुनिश्चित करना था कि हमारी उपज हमारे ग्राहकों की मेज तक ताजा और बरकरार रहे. इसे सुनिश्चित करने के लिए, हमें ब्रांड जागरूकता पर काम करते हुए एक जटिल लेकिन विश्वसनीय लॉजिस्टिक नेटवर्क विकसित करना था. हालाँकि, एक चुनौती जिस पर हम काम करना जारी रख रहे हैं, वह है - ग्राहकों को उनके मूल्य को उचित ठहराते हुए जैविक खाद्य पदार्थों के स्वास्थ्य और पर्यावरणीय लाभों के बारे में शिक्षित करना."

सत्यजीत कहते हैं, "इन चुनौतियों के बावजूद, D2C ऑर्गेनिक फार्म चलाने की यात्रा फायदेमंद रही है. सबसे बढ़कर, किसानों और उद्यमियों के रूप में, हमें यह जानकर अत्यधिक संतुष्टि मिलती है कि हम पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं का पालन करते हुए अपने ग्राहकों को स्वस्थ भोजन प्रदान कर रहे हैं. इसके अलावा, यह तथ्य कि हम स्थानीय किसानों का समर्थन करने और उन्हें जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने में सक्षम हैं. हालाँकि, हम अपनी दैनिक प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए अपनी जैविक खेती पद्धतियों, प्रोडक्ट रेंज और ग्राहक अनुभव में नवीनता ला रहे हैं."

भविष्य की योजनाएं 

Two Brothers Organic Farms (TBOF) को लेकर भविष्य की योजनाओं के बारे में बताते हुए, को-फाउंडर सत्यजीत हांगे कहते हैं, "वर्तमान में, हम देश भर के सेक्टर ए और सेक्टर बी शहरों में काम करते हैं. इसके अलावा, हमारी आधिकारिक ई-कॉमर्स साइट और ऐप के माध्यम से दुनिया भर के 60 देशों और 1000 से अधिक शहरों में भी हमारी उपस्थिति है. आने वाले समय में, हमारा लक्ष्य बढ़ती मांग के अनुरूप अपने ऑनलाइन वर्टिकल और अपनी शीर्ष श्रेणियों को मजबूत करना है. हम नए बाजारों का विस्तार करने और अपने ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए भी काम कर रहे हैं."

सत्यजीत बताते हैं, "हमने अपने चैनलों पर 4 लाख से अधिक ग्राहकों को सेवाएं मुहैया की है. हमारी कंपनी वर्तमान में अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और दुबई के बाजारों में स्थित भारतीय प्रवासियों की सेवा पर केंद्रित वैश्विक विस्तार रणनीतियों को क्रियान्वित कर रही है. वास्तव में, हमारा लक्ष्य वैश्विक ग्राहकों को उनके स्वाद और प्राथमिकताओं के अनुरूप हाइजैनिक ऑर्गेनिक फूड प्रोडक्ट पेश करके न्यूनतम 20% ब्रांड जीएमवी पर कब्जा करना है. हमें विश्वास है कि अपनी विस्तार रणनीतियों को क्रियान्वित करके, हम अपना ग्राहक आधार बढ़ाएंगे और अंतरराष्ट्रीय जैविक खाद्य क्षेत्र में अपना नाम बनाएंगे."

अंत में सत्यजीत कहते हैं, "अपने संचालन के माध्यम से, हमने कृषक समुदाय की बेहतरी में योगदान देते हुए 5000 से अधिक किसानों के जीवन को सफलतापूर्वक प्रभावित किया है. इसके अलावा, हमने पिछले वित्तीय वर्ष में 2500 मीट्रिक टन CO2 की बचत की है, और हम इस वर्ष और अधिक नए प्रयासों के साथ इस संख्या को पार करने के लिए काम कर रहे हैं."

यह भी पढ़ें
ट्रैक्टर क्वीन ऑफ इंडिया: कैसे मल्लिका ने खड़ा किया 10,000 करोड़ रुपये का कृषि-साम्राज्य