Alpana Mishra

हिन्दी कथा साहित्य में डॉ अल्पना मिश्र प्रमुख हस्ताक्षर के रूप में हैं। उनके कहानी संग्रह : 'भीतर का वक्त', 'छावनी में बेघर', 'कब्र भी कैद औ' जंजीरें साथ ही उपन्यास :'अन्हियारे तलछट में चमका' पाठकों के बीच में अपना महत्वपूर्ण स्थान बना चुके हैं। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से एम.एम और पीएचडी करने वाली अल्पना मिश्र को उनके लेखन के लिए शैलेश मटियानी स्मृति सम्मान (2006), परिवेश सम्मान (2006), रचनाकार सम्मान (भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता 2008), शक्ति सम्मान (2008) से नवाजा जा चुका है। फिलहाल अल्पना मिश्र दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।