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10,000 FPO योजना कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी: केंद्रीय कृषि मंत्री

किसान उत्‍पादक संगठन (FPO) किसानों के लाभ के लिए एक सामूहिक संस्‍था है; बीज से लेकर बाजार तक का उद्देश्य किसानों को समृद्ध बनाना है: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर

10,000 FPO योजना कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी: केंद्रीय कृषि मंत्री

Saturday April 23, 2022 , 6 min Read

देश में बनाए जा रहे 10 हजार कृषक उत्पादक संगठन (Farmer Producer Organisations - FPO) की स्कीम को सुचारू रूप से लागू करने के संबंध में क्लस्टर आधारित व्यावसायिक संगठनों (Cluster Based Business Organisations - CBBO) का राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इस अवसर पर तोमर ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में FPO बनाने की योजना कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व क्रांति का सूत्रपात है। इस क्रांति के माध्यम से, बुआई से बाजार तक किसानों को सक्षम बनाकर उनकी आमदनी बढ़ाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।

केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि FPO से किसानों को समृद्ध बनाने के लिए CBBO को हर जतन करना होगा। FPO की परिकल्पना तब पूरी होगी, जब FPO बनने के बाद उसका लाभ किसानों को मिलने लगे तथा केसर की तरह उसकी खुश्बू फैले और सारे किसान कहें कि हमें भी FPO से जोड़िए व आगे नए FPO गठन के लिए सरकार से मांग हो। CBBO को सरकार साधन दे रही है, जिससे अच्छे परिणाम आना चाहिए। CBBO इसलिए बनाए गए हैं क्योंकि वे इस विषय में विशेषज्ञ हैं, जागरूकता फैला सकते हैं, किसानों को खेती में टेक्नोलॉजी दे सकते हैं, किसान अच्छा- गुणवत्तापूर्ण उत्पादन करें, इस दृष्टि से मार्गदर्शन कर सकते हैं और किसानों को वाजिब दाम दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। श्रेष्ठ FPO के गठन के लिए CBBO को सभी को साथ लेकर कार्य करना चाहिए।

FPOs Scheme

सांकेतिक चित्र

भारतीय कृषि में छोटे और सीमांत किसानों का वर्चस्व है, जिनकी औसत जोत का आकार 1.1 हेक्टेयर से कम है। कुल भूमि जोत के 86% से अधिक छोटे और सीमांत किसानों को उत्पादन और उत्पादन के बाद के परिदृश्यों जैसे उत्पादन टेक्‍नोलॉजी तक पहुंच, उचित कीमतों पर गुणवत्‍तापूर्ण साजो-सामान, बीज उत्पादन, खेती की मशीनरी की इकाई, मूल्य वर्धित उत्‍पाद, प्रसंस्करण, ऋण, निवेश और सबसे महत्वपूर्ण बाजार दोनों में जबरदस्त चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस प्रकार, FPO के गठन के माध्यम से ऐसे उत्पादकों का सामूहिकीकरण ऐसी चुनौतियों का समाधान करने और उनकी आय बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

देश भर में FPO बनाने और उन्‍हें बढ़ावा देने की आवश्यकता महसूस करते हुए, सरकार ने एक समर्पित केन्‍द्रीय क्षेत्र की योजना “10,000 किसान उत्पादक संगठनों (FPO) का गठन और संवर्धन तैयार की और इसे कार्यान्वयन के लिए माननीय प्रधानमंत्री ने 29.02.2020 को चित्रकूट (यूपी) में शुरू किया था।

यह योजना उत्पादन, उत्पादकता, बाजार पहुंच, विविधीकरण, मूल्य वर्धित, प्रसंस्करण और निर्यात को बढ़ावा देने और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से कृषि आधारित रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कृषि उत्पादन समूह दृष्टिकोण पर आधारित है।


वित्तीय लाभ और तकनीकी सहायता के लिए योजना के तहत पात्र होने के लिए FPO को कंपनी कानून, 2013 या राज्य सहकारी समिति कानून के तहत पंजीकृत होना आवश्यक है, जिसमें मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम 300 किसान और पहाड़ी और पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में 100 किसान हों। इस योजना के अंतर्गत उन्हें स्थिर और आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए प्रबंधन लागत के रूप में 3 साल के लिए अधिकतम 18.00 लाख रुपये प्रति FPO की वित्तीय सहायता देने का प्रावधान है। FPO के वित्तीय आधार को मजबूत करने और उन्हें प्रमाणित करने वाले मुफ्त ऋण प्राप्त करने के लिए, अधिकतम 2000 रुपये प्रति सदस्य समान हिस्‍से की आर्थिक मदद का प्रावधान है। इसमें 15 लाख रुपये/FPO और क्रमशः 2.00 करोड़ रुपये की बैंक योग्य परियोजना ऋण गारंटी सुविधा है।

FPOs Scheme

सांकेतिक चित्र

इस योजना के तहत CBBO को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली पेशेवर एजेंसी के रूप में प्रबंधित किया गया है क्योंकि उन्‍हें किसानों को एकजुट करने, आधारभूत सर्वेक्षण, उपज समूहों की पहचान, समूहों के गठन, पंजीकरण और क्षमता निर्माण से लेकर व्यापार योजना तैयार करने, FPO को बाजार उपलब्ध कराने के आश्वासन के साथ उसके कार्यान्‍वयन तक मूल्य श्रृंखला के साथ खुद को संलग्न करना होगा। उन्हें कार्यान्वयन एजेंसियों और FPO के साथ बुनियादी सम्‍पर्क भी स्थापित करना है।

तोमर ने कहा कि देश में पहले लगभग 7 हजार FPO बने थे, लेकिन अधिकतर टिकाऊ नहीं हो पा रहे थे, इसीलिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी नई योजना लेकर आए। FPO छोटे किसानों के संगठन है। इस पूरी योजना पर सरकार 6,865 करोड़ रुपये खर्च करेगी। देश में लगभग 86 प्रतिशत छोटे किसान हैं, जिन्हें FPO के माध्यम से आदान उपलब्ध कराने से लेकर प्रोसेसिंग व उपज की बाजार में उचित दाम पर बिक्री में सहयोग जैसी सुविधाएं दिलाना सरकार का उद्देश्य है। FPO किसानों की संगठन शक्ति के प्रतीक है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, इसमें हमें पुराने संकल्प पूरे करना है और नए संकल्प लेकर आगे बढ़ना है। देश में खेती को उन्नत बनाने, असंतुलन दूर करने व किसानों की माली हालत सुधारने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार हरसंभव उपाय कर रही है। किसानों की सुविधा के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं प्रभावी की गई है। एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्टर फंड से किसानों के लिए सरकार गांव-गांव सुविधाएं जुटाने के लिए प्रयत्नशील है। ऐसी कई योजनाएं है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि FPO की स्कीम में CBBO महत्वपूर्ण कड़ी है, ये ठान लें तो उद्देश्य की प्राप्ति जरूर होगी। कुल मिलाकर, उद्देश्य यह है कि किसानों को लाभ पहुंचे। चौधरी ने FPO से अधिकाधिक किसानों को जोड़े जाने की अपेक्षा जताई और कहा कि इस संबंध में सरकार द्वारा बनाई गई गाइड लाइन के अनुसार कार्य किया जाना चाहिए। साथ ही केंद्र सरकार की किसान हितैषी योजनाओं की जानकारी भी FPO के माध्यम से किसानों तक पहुंचाई जाना चाहिए।

FPO योजना की प्रगति

  • योजना के अंतर्गत 5.87 लाख से अधिक किसानों को जोड़ा गया है।
  • लगभग 3 लाख किसानों को FPO के शेयरधारकों के रूप में पंजीकृत किया गया है।
  • किसान सदस्यों द्वारा इक्विटी योगदान 36.82 करोड़ रुपये है।
  • जारी की गई इक्विटी आर्थिक सहायता सहित FPO का कुल इक्विटी आधार 50 करोड़ रुपये है।
  • 201 महिला केन्‍द्रित FPO पंजीकृत किए गए हैं।
  • आदिवासी जिलों में 481 FPO पंजीकृत।
  • FPO ने व्यापार लेनदेन शुरू कर दिया है - SFAC के 14 CBBO के 84 FPO ने 928.28 लाख रुपये का लेनदेन किया है।NAFED के 3 CBBO के 12 FPO ने 48.35 लाख रुपये का लेनदेन किया है।

लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (SFAC) की एमडी नीलकमल दरबारी ने सम्मेलन की भूमिका प्रस्तुत की। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अभिलक्ष लिखी ने CBBO से सरकार की अपेक्षाएं बताई। संयुक्त सचिव डॉ. विजय लक्ष्मी ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने बताया कि योजना में पहले से ही प्रावधानित तीन क्रियान्वयन एजेंसियों- नाबार्ड, SFAC व NCDC सहित 13 क्रियान्वयन एजेंसियों को नामित किया गया है। नाबार्ड के चेयरमेन जी.आर. चिंताला ने स्कीम को लेकर कुछ सुझाव दिए। राष्ट्रीय परियोजना प्रबंधन एजेंसी ईवाय के पार्टनर सत्यम शिवम सुंदरम ने प्रेजेन्टेशन दिया, वहीं व्यवहार्यता अध्ययन और सामाजिक गतिशीलता दृष्टिकोण, व्यापार योजना निर्माण दृष्टिकोण तथा ब्रांडिंग व मार्केटिंग दृष्टिकोण पर CBBO व अन्य एजेंसी ने प्रस्तुति दी। इस अवसर पर SFAC, नाबार्ड, NCDC, NAFED, APMAS, ई एंड वाई, एक्सेज डेवलपमेंट सर्विसेज, ग्रांट थार्नटन व अन्य कंपनियों के अधिकारी व देशभर से आए CBBO के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।


Edited by Ranjana Tripathi