पीएम ने राष्ट्रपिता की पूण्यतिथी पर पूरे देश को एक साथ एकजुट होकर श्रधासुमन अर्पित करने की अपील,
पीएम मोदी ने लोगों से फिर से खादी अपनाने की बात कही ताकि हजारों देशवासियों को रोजगार के अवसर मिल सकेदेशवासियों से मन की बात मे पीएम ने फसल बीमा योजना को सफल बनाने के लिए मांगा योगदान मन की बात मोबाईल पर सुनने के लिए पीएम मोदी ने जारी किया नंबर हेल्पलाइ नंबर 8190881908, पर मिस्ड कॉल करके कभी भी सुन पाएंगे मन की बात, अभी सेवा हिन्दी में
Sunday January 31, 2016 , 3 min Read
साल 2016 के अपने पहले मन की बात में पीएम मोदी ने राष्ट्रपिता की पूण्यतिथी पर उन्हें श्रधा-अर्पित करते हुए पीएम ने देशवासियों से अपील की है कि वो एक साथ मिलकर 2 मिनट का मौन रखकर बापू को श्रधा-अर्पित करें। पीएम ने देशवासियों से इस कदम के द्वारा बापू के लिए ये सही मायनों में दी गई श्रधांजलि होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि खादी एक राष्ट्रीय प्रतीक और युवा पीढ़ी के आकषर्ण का केंद्र बन गया है। इसके जरिये भारतवासियों को स्वाबलंबी बनाने के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपने को उनकी सरकार आगे बढ़ा रही है और विभिन्न सरकारी संस्थान आगे बढ़कर खादी के उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं।
इतना ही नहीं पीएम ने किसानों से फसल बीमा में शामिल होने की अपील की ताकि किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाकर उन्हें ज्यादा से ज्यादा बीमा के दायरे में लाया जा सके। पीएम ने अपने मन की बात में देशवासियों से बाताया कि ज्यादा से ज्यादा किसान अपने फसलों का बीमा करवा सकें इसके लिए फसल बीमा के प्रीमियम को बेहद कम, 2 फीसदी रखा गया है। अगले दो साल में 50 प्रतिशत किसानों को फसल बीमा योजना से जोड़ने की इच्छा जाहीर करते हुए पीएम ने आज लोगों से पूरे देश में इसकी जानकारी फैलाने में सहयोग का आग्रह किया ताकि अगले दो वर्ष में कम से कम 50 प्रतिशत किसान इसके दायरे में लाये जा सके। पीएम ने फसल बीमा को किसानों के लिए सरकार का बेहतरीन तौहफा बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि खादी में नयापन लाने के लिए भरपूर प्रयास किए गए हैं। अर्थव्यवस्था में बाजार का अपना महत्व है। खादी का भावात्मक जगह के साथ-साथ बाजार में भी जगह बनाना अनिवार्य हो गया है। जब मैंने लोगों से कहा कि अनेक प्रकार के परिधान आपके पास हैं, तो एक खादी का भी तो होना चाहिये। और ये बात लोगों के गले उतर रही है कि हम खादीधारी तो नहीं बन सकते, लेकिन अगर दसों प्रकार के वस्त्रों में खादी भी एक और हो जाए। मोदी ने कहा कि बहुत साल पहले सरकार में खादी का भरपूर उपयोग होता था । लेकिन धीरे धीरे आधुनिकता के नाम पर ये सब खत्म होता गया और खादी से जुड़े हुए हमारे गरीब लोग बेरोजगार होते गए। उन्होंने कहा कि खादी में करोड़ों लोगों को रोजगार देने की ताकत है। प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात में इस संदर्भ में राजस्थान के दौसा से गीता देवी, कोमल देवी और बिहार के नवादा जिले की साधना देवी के पत्रों का जिक्र किया जिसमें उन्होंने चरखे के कारण उनके जीवन में आए परिवर्तन के बारे में बताया ।
मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने कहा था कि हिन्दुस्तान की आजादी खादी से जुड़ी है। हिन्दुस्तान में जिसे हम परम धर्म मानते हैं, वह अहिंसा खादी से ही जुड़ी है और हिन्दुस्तान के किसान, जिनके लिए आप इतनी भावना दिखाते हैं, उनका कल्याण भी खादी में ही है। सरदार साहब सरल भाषा में सीधी बात बताने के आदी थे और बहुत बढ़िया ढंग से उन्होंने खादी का महत्व बताया है। आकाशवाणी पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने खादी को लोकप्रिय बनाने की दिशा में अपने प्रयासों पर भी बल दिया, साथ ही बालिकाओं को बचाने के बारे में जागरूकता फैलाने एवं स्टार्ट-अप कार्यक्रम का भी जिक्र किया। उन्होंने फरवरी माह में विशाखापत्तनम में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू सहित कुछ अन्य मुद्दों के बारे में भी लोगों से अपने विचार साझा किये।