ऐसे निपटें 'फॉल्स हंगर' से
क्या है ये फॉल्स हंगर?
हम में से बहुत लोग यह सोचते हैं कि हमारे ज्यादा खाने की लालच और हमारा काम खाना हमारी इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है, लेकिन हमारा जीव विज्ञान इससे इत्तेफ़ाक़ नहीं रखता।
नए अध्ययन के मुताबिक हमारे पाचन हारमोंस, न्यूरॉन्स और कैलोरी के बीच एक जटिल परस्पर क्रिया निर्धारित करती है कि हम क्या खाते और कब खाते हैं।
खाने की कुछ आदतें नियंत्रित की जा सकती हैं हमारा जीव विज्ञान हमारे भूख की व्याख्या करता है, और विज्ञान के ढेर सारे शोध भी इसे प्रमाणित करते हैं।
हम में से बहुत लोग यह सोचते हैं कि हमारे ज्यादा खाने की लालच और हमारा काम खाना हमारी इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है, लेकिन हमारा जीव विज्ञान इससे इत्तेफ़ाक़ नहीं रखता। नए अध्ययन के मुताबिक हमारे पाचन हारमोंस, न्यूरॉन्स और कैलोरी के बीच एक जटिल परस्पर क्रिया निर्धारित करती है कि हम क्या खाते और कब खाते हैं।
हालांकि खाने की कुछ आदतें नियंत्रित की जा सकती हैं हमारा जीव विज्ञान हमारे भूख की व्याख्या करता है, और विज्ञान के ढेर सारे शोध भी इसे प्रमाणित करते हैं। हाल ही में एक अध्ययन में पाया गया कि हमारी पीयूष ग्रंथि में glial brain cells का एक समूह होता है। यह वही एरिया होता है जो हमारे भूख को नियंत्रित करता है जो एक्टिव होने के बाद हमें खाना खाने से मना करता है। एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि asprosin नाम के हार्मोन भूख बढ़ाने वाले न्यूरॉन्स को सक्रिय या निष्क्रिय कर देते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेनसिलवेनिया इन फिलाडेल्फिया के शोधकर्ता असिस्टेंट प्रोफेसर J. Nicholas Betley हमारे पेट और हमारे दिमाग के बीच एक गहरी अंतः क्रिया की खोज की। शोधकर्ताओं ने यह देखा कि वह कौन सी ऐसी चीज है जो हमारी भूख बढ़ाने वाले न्यूरॉन्स को प्रेरित करती है और सबसे महत्वपूर्ण चीज हमारे वजन को मैनेज करती है। सेल रिपोर्ट नाम की पत्रिका में प्रकाशित हुए निष्कर्ष ज्यादा खाने और मोटापे को लेकर हमारे नजरिए को पूरी तरह से बदल सकते हैं। और जल्द ही वजन कम करने के लिए नई थेरेपी साबित हो सकते हैं।
AgRP neurons क्या है ?
यह वह न्यूरॉन है जो हमें ज्यादा भूख लगते ही सक्रिय हो जाते हैं। यह हमारे हाइपोथैलेमस में पाए जाते हैं। Betley कहते हैं कि यह एक अलार्म सिस्टम की तरह काम करते हैं। लेकिन खाने के अलावा क्या कोई और तरीका है जो इस अलार्म सिस्टम को बंद कर सकता है ? Betley के पिछले रिसर्च ने खुलासा किया किए न्यूरॉन्स खाकर निष्क्रिय होते हैं लेकिन रोचक यह है कि खाने को देखने और सूंघने से भी निष्क्रिय हो जाते हैं।
जैसे आप किसी रेस्टोरेंट में है आपको भूख लगी है और बेसब्री से खाने का इंतजार कर रहे हैं, तब आपके लिए न्यूरॉन्स खाने के लिए आपकी बेताबी बढ़ाते हैं, लेकिन जैसे ही वेटर खाना लेकर आता है और आप उसे देखते या सूंघते है, वो जल्दी से शांत हो जाते हैं। नए अध्ययन में शोधकर्ताओं की टीम नजदीक से देखना चाहती थी कि दोनों परिस्थितियों में क्या फर्क होता है जब यह न्यूरॉन्स खाना खाकर शांत होते हैं और जब देखने या सूंघने भर से शांत हो जाते हैं।
पोषक से शांत होते हैं AgRP neurons ?
Betley और उनकी टीम ने अध्ययन के लिए आनुवंशिक रूप से विकसित चूहों में vivo calcium imaging का प्रयोग किया। ये ऐसी विधि है जिसमे शोधकर्ता उच्च क्षमता वाले न्यूरॉन्स की विशेषताओं को जानते हैं। अलग-अलग ट्रायल में तीन अलग-अलग खाने की चीजे दी गई। पहले पहले वह चीज दी गई जिसके स्वाद और सुगंध को वह जानते थे और इससे फेमिलिअर थे। फिर कैलोरी फ्री स्ट्रॉबेरी जेल जिसे वह अब तक परिचित नहीं थे। उसके बाद फिर से स्ट्रॉबेरी जेल लेकिन कैलोरी के साथ ।
जैसी उम्मीद थी, अच्छे खाने की सुगंध से ही उनके AgRP न्यूरॉन्स शांत हो गए, लेकिन कैलोरी फ्री खाने को देखने और सुनने के बाद भी उनके न्यूरॉन्स पर कोई असर नहीं हुआ। कैलोरी फ्री जेल खाकर यह जीआरपी न्यूरॉन्स शांत हुए लेकिन थोड़ी देर के लिए। चूहों को बार बार कैलोरी फ्री जेल खिलाई जा रही थी इससे उनके न्यूरॉन्स की सक्रियता कम हो रही थी। आख़िर में जब उन्हीं चूहों को कैलोरी वाले जेल दिए गए, AgRp न्यूरॉन्स की सक्रियता लंबे समय तक कम रही । शोधकर्ताओं ने जेल को सीधे उनके पेट में डाला और उन्होंने ठीक पिछली बार की तरह कैलोरी पर निर्भर रहने वाले नतीजे पाए।
अपने नतीजों को और मजबूत करने के लिए टीम ने प्रयोग को उलटे क्रम में दोहराया। इस बार चूहों के अलग-अलग समूह को पहले कैलोरी वाले जेल दिए गए। आखिर में इस प्रक्रिया को pure sugars, fats, and proteins के जरिए दोहराया गया। कैलोरी जितना ज्यादा दिया गया,AgRP न्यू लॉन्च की सक्रियता में उतनी ही गिरावट आ गई। Betley कहते हैं कि इस अध्ययन का निष्कर्ष यह है कि AgRp न्यूरॉन्स को नियंत्रित करने वाले पोषक तत्व होते हैं।
भूख के अलार्म को कैसे बंद करें ?
निष्कर्षों ने शोधकर्ताओं को AgRP न्यूरॉन्स को मैन्युअली नियंत्रित करने वाले तरीकों को ढूंढने के लिए प्रेरित किया। इसलिए उन्होंने पाया कि तीन तरह के हार्मोन्स पाचन के दौरान स्रावित होते हैं, cholecystokinin, peptide tyrosine, and amylin। इनमे से हरेक हार्मोन्स ने चूहों के AgRP न्यूरॉन की सक्रियता को कम कर रहे थे। इनके ज्यादा स्राव से न्यूरॉन्स के प्रभाव क्षीण हो जा रहे थे। इन सभी हार्मोनों ने चूहों की AgRP न्यूरोनल गतिविधि में एक महत्वपूर्ण कमी को जन्म दिया, और इनके ज्यादा हो जाने चूहों की न्यूरोनल गतिविधि को कमजोर हो जाती थी।
अंत में, शोधकर्ताओं ने भी तीनों हार्मोनों की कम खुराक का एक कॉकटेल तैयार किया, जो नाटकीय रूप से एक सहक्रियात्मक कॉकटेल में एकत्रित की जिसने नाटकीय रूप से AgRP न्यूरॉन्स की गतिविधि को कम किया। Betley बताते हैं कि यह कॉकटेल इंसानों में मोटापे के इलाज में काम आ सकता है। "यह देखना दिलचस्प होगा कि थोड़ा भोजन लेने से न्यूरॉन्स में कम गतिविधि हो सकती है और इस प्रकार कम भोजन ले सकते हैं। या फिर हम भोजन के बेहतर संयोजन या खाने के बेहतर तरीके विकसित कर सकते हैं ताकि हम इससे बच सकें।"
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