नीति आयोग ने सर्कुलर इकोनॉमी स्टार्टअप को आगे बढ़ने में मदद के लिए लॉन्च किया नया एक्सेलेरेटर
AIM-नीति आयोग ने ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय सर्कुलर इकोनॉमी स्टार्टअप को आगे बढ़ने में मदद के लिए नया एक्सेलेरेटर प्रारंभ किया
भारत और ऑस्ट्रेलिया में सर्कुलर इकोनॉमी टेक्नोलॉजी और समाधानों पर काम करने वाले स्टार्टअप और छोटे से मध्यम आकार के उद्यमों (SMEs) को दोनों देशों के बीच अवसरों का पता लगाने के लिए नए एक्सेलेरेटर कार्यक्रम से लाभ होगा. इस एक्सेलेरेटर को अवसरों के नए दरवाजे खोलने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
AIM, नीति आयोग ने ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय सर्कुलर इकोनॉमी स्टार्टअप्स को मदद के लिए रैपिड इनोवेशन एंड स्टार्टअप एक्सपेंशन (RISE) नामक एक नया एक्सेलेरेटर प्रारंभ किया.
RISE एक्सेलेरेटर कार्यक्रम के लिए आवेदन अभी खुले हैं, और शनिवार 7 जनवरी 2024 आवेदन किया जा सकता है.
इंडिया ऑस्ट्रेलिया राइज़ एक्सेलेरेटर को ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान एजेंसी CSIRO और भारत सरकार की प्रमुख पहल अटल इनोवेशन मिशन (AIM) के बीच साझेदारी में वितरित किया गया है. इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देना है.
ऑस्ट्रेलिया में भारत के उच्चायुक्त मनप्रीत वोहरा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बदलते परिवेश में, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रणनीतिक साझेदारी हमारे साझा मूल्यों, आर्थिक हितों और भू-राजनीतिक उद्देश्यों के लिए एक प्रमाण पत्र के रूप में मौजूद है जो दोनों देशों को जोड़े रखती है. RISE एक्सेलेरेटर न केवल राजनयिक संबंधों को मजबूत करेगा बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में सहयोगात्मक प्रयासों का मार्ग भी प्रशस्त करेगा.
अटल नवाचार मिशन - नीति आयोग में मिशन निदेशक डॉ. चिंतन वैष्णव ने बताया कि RISE एक्सीलेरेटर एक अग्रणी बहु-वर्षीय द्विपक्षीय कार्यक्रम है, जिसे भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विशिष्ट रूप से तैयार किया गया है और यह दोनों अर्थव्यवस्थाओं की साझा चुनौतियों से निपटने के लिए समर्पित है. पर्यावरण और जलवायु टेक्नोलॉजी के अति महत्वपूर्ण विषय पर ध्यान केंद्रित करते हुए RISE स्टार्टअप्स को वैश्विक चुनौतियों से परे समाधान खोजने के लिए एक मंच प्रदान करता है.
RISE के RISE एक्सेलेरेटर कार्यक्रम निदेशक तमारा ओगिल्वी ने कहा कि यह कार्यक्रम उन स्टार्टअप्स और एसएमई पर केंद्रित है जिनके पास सक्षम RISE हैं और जो भारत तथा ऑस्ट्रेलिया के बीच विस्तार करने की इच्छा रखते हैं.
ओगिल्वी ने बताया कि नौ महीने के RISE एक्सेलेरेटर कार्यक्रम के दौरान हम स्टार्टअप्स को एक नए क्षेत्र में शुरुआती कदम उठाने, सही भागीदारों, ग्राहकों और प्रतिभाओं के लिए फास्ट-ट्रैक कनेक्शन और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सफल होने के लिए विश्वसनीयता बनाने में मदद करेंगे.
"RISE एक्सेलेरेटर के पहले दौर के लिए हम भारत और ऑस्ट्रेलिया के सर्कुलर इकोनॉमी में रूपांतरण में सहायता करने हेतु नवोन्मेषी व्यवसाय मॉडलों, टेक्नोलॉजी और अथवा संसाधनों के कुशल उपयोग विकसित करने वाले स्टार्टअप और एसएमई का आह्वान कर रहे हैं."
AIM के RISE एक्सेलेरेटर प्रमुख प्रमित डाश ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय स्टार्टअप को विदेशों में अपनी तकनीक और अनुसंधान को मान्य और अनुकूलित करने के लिए पर्याप्त सहायता दी जाएगी.
दाश ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया और भारत के स्टार्टअप्स के लिए अपने लक्षित बाजार में उद्योग और शोधकर्ताओं के साथ काम करने का यह एक अच्छा अवसर है."
"सांस्कृतिक साक्षरता विकसित करने के साथ-साथ, प्रतिभागी सार्थक द्विपक्षीय उद्योग और अनुसंधान सहयोग विकसित करेंगे."
कार्यक्रम का पहला दौर CSIRO की सर्कुलर इकोनॉमी फॉर मिशन पहल के अनुरूप है, जो अपशिष्ट नवाचार पर आधारित स्थायी भविष्य का सृजन करने पर केंद्रित है.
CSIRO के सर्कुलर इकोनॉमी फॉर मिशन के प्रमुख हेंज शांडल ने कहा कि हमें शून्य-अपशिष्ट मानसिकता के साथ सामग्रियों और उत्पादों को डिजाइन करने की आवश्यकता है.
डॉ. शांडल ने कहा, "सर्कुलर इकोनॉमी का आशय है कि उत्पादों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि उनका मूल्य अधिकतम करने के लिए उन्हें दोबारा या कई बार भी इस्तेमाल किया जा सके."
"हमें उम्मीद है कि यह कार्यक्रम अर्थव्यवस्थाओं को विकसित करने, रोजगार के अवसरों का सृजन करने और बर्बादी को कम करने के लिए टेक्नोलॉजी और समाधानों में तेजी लाने में मदद करेगा."
इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए स्टार्टअप्स के लिए कोई शुल्क नहीं है, जो ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच यात्रा करने के कई अवसरों सहित आभासी रूप से वितरित किया जाएगा. इसमें भाग लेने वाले स्टार्टअप गैर-इक्विटी अनुदान में 40,00,000 रुपये तक के लिए भी पात्र हो सकते हैं.