सरकार का जोर देश के शहरी क्षेत्रों में सर्कुलर इकोनॉमी हासिल करने पर है: हरदीप एस पुरी
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने CITIIS 2.0 चैलेंज की शुरुआत की. उन्होंने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत आने वाले सभी 100 स्मार्ट शहरों से आग्रह किया कि वे इस चुनौती के लिए अपने आवेदन करें.
आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, हमारे शहरों में कचरा प्रबंधन की मूल्य श्रृंखला को नवाचार सक्षम बनाने के कार्य में "CITIIS 2.0, स्मार्ट सिटीज मिशन का स्थान लेगा और स्वच्छ भारत मिशन के साथ जुड़ जाएगा."
CITIIS 2.0, चैलेंज की शुरुआत के अवसर पर उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य जैविक कचरे से जैव-ईंधन बनाने के लिए गोबर धन मिशन के साथ जुड़ना भी है. उन्होंने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत आने वाले सभी 100 स्मार्ट शहरों से आग्रह किया कि वे इस चुनौती के लिए अपने आवेदन करें. उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्हें आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय का पूर्ण समर्थन और मार्गदर्शन मिलेगा.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 31 मई 2023 को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में CITIIS 2.0 को मंजूरी दी गई थी. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 16 नवंबर 2023 को CITIIS 2.0 चैलेंज की शुरुआत की. इस कार्यक्रम में भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत हर्वे डेल्फ़िन और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी भी उपस्थित थे.
पुरी ने उन अंतरराष्ट्रीय साझेदारों का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने CITIIS कार्यक्रम और स्मार्ट सिटीज मिशन का समर्थन किया है. CITIIS 2.0 के लिए कुल फंडिंग में AFD और KfW से 1,760 करोड़ रुपये या 200 मिलियन यूरो (प्रत्येक से 100 मिलियन यूरो) का ऋण शामिल है. कार्यक्रम को यूरोपीय संघ से 106 करोड़ रुपये (12 मिलियन यूरो) का तकनीकी सहायता अनुदान भी मिलेगा.
सभा को संबोधित करते हुए, पुरी ने CITIIS 1.0 की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसमें 1,000 से अधिक नए इलेक्ट्रिक वाहनों की शुरूआत; 100 किलोमीटर से अधिक गैर-मोटर चालित परिवहन गलियारों का विकास; 750 एकड़ से अधिक हरे खुले स्थानों का निर्माण; और 1,400 किफायती आवास इकाइयों का निर्माण; 350 शैक्षणिक सुविधाओं और 51 स्वास्थ्य सुविधाओं का संचालन शामिल है. पुरी ने बताया कि हुबली-धारवाड़ में CITIIS परियोजना ने हाल ही में भारत के राष्ट्रपति से नवाचार श्रेणी के तहत स्मार्ट सिटी पुरस्कार-2022 हासिल किया.
पुरी ने कहा कि सरकार देश में शहरीकरण क्षेत्र की वृद्धि और विकास पर ध्यान केन्द्रित कर रही है. देश में इस समय दुनिया का सबसे बड़ा योजनाबद्ध शहरीकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 2014 के बाद से शहरी विकास में कुल निवेश 2004 और 2014 के बीच 10 साल की अवधि की तुलना में 10 गुना बढ़कर 18 लाख करोड़ से अधिक हो गया है.
देश के शहरी क्षेत्रों में सर्कुलर अर्थव्यवस्था हासिल करने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बारे में पुरी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत, हम पहले ही 112 जैव-मिथेनेशन संयंत्र, 2,391 कचरे से खाद बनाने वाले संयंत्र और 55 कचरे से ऊर्जा बनाने वाले संयंत्र स्थापित कर चुके हैं. इसके अलावा 2,281 सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधाएं, 972 निर्माण और विध्वंस मलबा प्रबंधन संयंत्र, और 335 ठोस और तरल संसाधन प्रबंधन संयंत्र भी लगाएं गए हैं.
उन्होंने कहा कि “अमृत और अमृत 2.0 से हमारे शहरों को जल सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल हुई है. एसबीएम-यू 2.0 हमारे शहरों को कचरा मुक्त बनाएगा और देश में सभी प्रकार के पुराने कचरे का निपटारा करेगा”.