सरकार ने IT हार्डवेयर के लिए PLI 2.0 के तहत प्रोत्साहन हेतु आवेदन आमंत्रित किए
आईटी हार्डवेयर के लिए PLI योजना 2.0 को 17,000 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई है. इस योजना से लगभग 3.35 लाख करोड़ रुपये का कुल उत्पादन होने की उम्मीद है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में 2,430 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश लाएगी और इससे 75,000 अतिरिक्त प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित होगी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 17 मई, 2023 को भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के लिए आईटी हार्डवेयर के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना 2.0 शुरू करने की मंजूरी दी थी.
यह योजना 29 मई, 2023 को अधिसूचित की गई थी. आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना 2.0 के तहत आवेदन की विंडो 01 जून, 2023 से खुल रही है.
आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना 2.0 द्वारा विनिर्माण इकोसिस्टम को अधिक व्यापक और मजबूत बनाए जाने की उम्मीद है क्योंकि यह योजना घटकों और उप-एसेंबलियों के स्थानीयकरण को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ देश में आपूर्ति श्रृंखला को लंबी अवधि के लिए विकसित करने में मदद करेगी. इसके अलावा यह योजना आवेदकों के लिए अधिक लचीलापन और विकल्प उपलब्ध कराती है तथा यह विकास को और प्रोत्साहित करने के लिए वृद्धिशील बिक्री और निवेश सीमा पर निर्भर है. इसके अलावा सेमीकंडकटर डिजाइन, आईसी विनिर्माण और पैकेजिंग भी आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना 2.0 के प्रोत्साहित किये जाने वाले घटकों के रूप में शामिल हैं.
आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना 2.0 को 17,000 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई है.
इस योजना से लगभग 3.35 लाख करोड़ रुपये का कुल उत्पादन होने की उम्मीद है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में 2,430 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश लाएगी और इससे 75,000 अतिरिक्त प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित होंगी.
इस योजना से लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी, सर्वर और अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर (USFF) उपकरणों में बड़े पैमाने पर विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और 2025-26 तक लगभग 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण कारोबार हासिल करने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा.
मौजूदा पीएलआई के स्वीकृत आवेदकों को पीएलआई 2.0 के तहत आवेदन करने की अनुमति होगी.
इस योजना में आवेदकों की तीन श्रेणियां - वैश्विक कंपनियां, हाइब्रिड (वैश्विक/घरेलू) कंपनियां और घरेलू कंपनियां हैं.