Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT

सोनम वांगचुक ने सेना के लिए बनाया खास तरह का सोलर हीटेड टेंट

वांगचुक ने कहा, "इसे सेना की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टर्नटिव, लद्दाख (एचआईएएल) की उनकी टीम ने इस टेंट के प्रोटोटाइप को एक महीने में तैयार किया।"

सोनम वांगचुक ने सेना के लिए बनाया खास तरह का सोलर हीटेड टेंट

Sunday February 28, 2021 , 3 min Read

आविष्कारक एवं शिक्षाविद सोनम वांगचुक ने सौर ऊर्जा से गर्म रहने वाला पर्यावरण अनुकूल तम्बू (Tent) विकसित किया हैं जिसका इस्तेमाल सेना के जवान लद्दाख के सियाचिन एवं गलवान घाटी जैसे अति ठंडे इलाके में कर सकते हैं। वांगचुक ने कई पर्यावरण अनुकूल अविष्कार किए हैं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा से गर्म रहने वाले सैन्य टेंट जीवाश्म ईंधन बचाएंगे जिसका पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ता है और साथ ही सैनिकों की सुरक्षा भी बढ़ाएंगे।

वांगुचुक ने समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा से बात करते हुए बताया, ‘‘ये टेंट दिन में सौर ऊर्जा को जमा कर लेते हैं और रात को सैनिकों के लिए सोने के गर्म चेम्बर की तरह काम करते हैं। चूंकि इसमें जीवश्म ईंधन का इस्तेमाल नहीं होता है, इसलिए इससे पैसे बचने के साथ-साथ उत्सर्जन भी नहीं होता है।''

अविष्कारक ने बताया कि सैन्य टेंट में सोने के चेम्बर का तापमान ऊष्मारोधी परत की संख्या को कम या ज्यादा कर बढ़ाया एवं घटाया जा सकता है।

फोटो साभार: india.com

फोटो साभार: india.com

वांगचुक ने बताया, ‘‘सोने के चेम्बर में चार परत होती है और बाहर शून्य से 14 डिग्री सेल्सियस कम तापमान होने पर इसमें 15 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता है। गर्म स्थानों पर परतों की संख्या घटाई जा सकती है।''

उन्होंने कहा कि टेंट के भीतर बहुत आरामदायक तापमान नहीं होना चाहिए क्योंकि सैनिकों को खुले में दुश्मनों से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि गलवान घाटी जैसे इलाकों में शून्य से 30 डिग्री सेल्सियस से भी कम तापमान होता है। लद्दाख में भारत-चीन के बीच सीमा पर हुए गतिरोध का संदर्भ देते हुए वांगचुक ने बताया कि उन्होंने सौर ऊर्जा से गर्म रहने वाले टेंट के शुरुआती संस्करण 15 साल पहले पश्मीना बकरियों के चरवाहों के लिए बनाए थे। वांगचुक ने नए टेंट को प्रारूप का संदर्भ देते हुए कहा कि इसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है और इसमें 10 सैनिक रह सकते हैं।


उन्होंने कहा, ‘‘टेंट का कोई भी हिस्सा 30 किलोग्राम से अधिक वजनी नहीं है, जिससे आसानी से इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। टेंट को 30 से 40 हिस्सों में अलग-अलग किया जा सकता है।''


वांगचुक ने कहा कि अति हल्के अल्युमिनियम का इस्तेमाल कर टेंट के प्रत्येक हिस्से का वजन 20 किलोग्राम तक लाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा प्रोटोटाइप से वह संस्करण महंगा होगा।'' वांगचुक ने स्वीकार किया कि सौर ऊर्जा से गर्म रहने वाले टेंट का विकास करने में सेना ने मदद की।

उन्होंने कहा, ‘‘इसे सेना की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।'' वांगचुक ने बताया कि हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टर्नटिव, लद्दाख (एचआईएएल) की उनकी टीम ने इस टेंट के प्रोटोटाइप को एक महीने में तैयार किया।

आपको बता दें कि बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म ‘थ्री इडियट्स' (3 Idiots) में फुंगसुक वांगडू का किरदार सोनम वांगचुक पर ही आधारित था।