लोकसभा में 'महिला आरक्षण विधेयक' को मिली मंजूरी, जानिए क्या हैं इसके मायने...
लोकसभा में वोटिंग के बाद स्पीकर ओम बिरला ने घोषणा की, "प्रस्ताव सदन में मौजूद सदस्यों के दो-तिहाई से अधिक बहुमत से पारित हो गया है."
लोकसभा (Loksabha) ने बुधवार शाम महिला आरक्षण विधेयक (Women's Reservation Bill) को 454 वोटों से पारित कर दिया. नारी शक्ति वंदन अधिनियम (Nari Shakti Vandan Adhiniyam) संसद के निचले सदन के साथ-साथ राज्य विधान सभाओं में महिलाओं को 33% सीटें प्रदान करेगा.
वोटिंग के बाद स्पीकर ओम बिरला ने घोषणा की, "प्रस्ताव सदन में मौजूद सदस्यों के दो-तिहाई से अधिक बहुमत से पारित हो गया है."
454 सांसदों ने बिल के पक्ष में वोट किया जबकि दो सांसदों ने इसके विरोध में वोट किया. विधेयक को अब कानून के रूप में लागू करने से पहले संसद के उच्च सदन और भारत की कम से कम आधे राज्य विधानसभाओं द्वारा अनुमोदित किया जाना होगा.
1996 में पहली बार पेश किए जाने के बाद से विधेयक को पारित करने के छह प्रयास विफल रहे, कई बार सांसदों के कड़े प्रतिरोध के कारण. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में भारत में केवल 104 महिला सांसद (लगभग 800 में से) हैं.
कोटा तभी प्रभावी होगा जब भारत 2021 की जनगणना आयोजित करेगा - जो कि COVID-19 महामारी के बीच अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है.
जनगणना और परिसीमन प्रक्रिया के लिए और बदले में महिला आरक्षण की शुरुआत के लिए कोई समय सीमा नहीं दी गई है.
गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा को सूचित किया, "चुनाव के तुरंत बाद जनगणना और परिसीमन अभ्यास आयोजित किया जाएगा, और महिलाओं को संसद में एक बड़ी आवाज मिलेगी."