ज़िंगफ़ाईः विदेशी फ़ैशन को किफ़ायती दामों में भारतीय ग्राहकों तक पहुंचा रहा यह स्टार्टअप
ब्लॉग सर्विस से आगे बढ़ते हुए आज की तारीख़ में ज़िंगफ़ाई क्लब वियर, ट्रेडिशनल वियर और लाइफ़स्टाइल फ़र्निंशिंग से जुड़े प्रोडक्ट्स की शानदार रेंज पेश कर रहा है।
छोटे शहर से पढ़ने के लिए बाहर जाना और फिर ख़ुद को विदेशी जीवनशैली का मुरीद बना लेना, इस तरह की घटनाएं हम सभी आमतौर पर सुनते रहते हैं। लेकिन ऐसे लोगों की तादाद न के बराबर होगी, जो विदेश में मिलने वाली सहूलियतों को मानक बनाकर, अपने देश के लोगों की जीवनशैली को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास करें। भोपाल में पैदा हुईं और पली-बढ़ीं दो बहनों, हेली कूल्स और नैली कूल्स ने यह काम कर दिखाया है। हेली ने भारत से इलेक्ट्रॉनिक कम्यूनिकेशन्स में ग्रैजुएशन के बाद यूएस से म्यूज़िक की तालीम ली है। वहीं नैली को डिजिटल मार्केटिंग का अच्छा अनुभव है।
दोनों बहनों ने 2015 में ज़िंगफ़ाई नाम से एक ब्लॉग की शुरुआत की, जिसपर फ़ैशन और लाइफ़स्टाइल टिप्स से जुड़े ब्लॉग्स होते थे। इस ब्लॉग्स के ज़रिए यूज़र्स को लेटेस्ट ट्रेंड्स आदि के बारे में जानकारी दी जाती थी। दोनों बहनों ने एक फ़ैमिली फ़्रेंड तबीश ख़ान के साथ मिलकर ज़िंगफ़ाई की शुरुआत की थी। फ़िलहाल यह स्टार्टअप पूरी तरह से बूटस्ट्रैप्ड फ़ंडिंग के साथ आगे बढ़ रहा है। हेली बताती हैं कि इंटरनैशनल फ़ैशन ब्रैंड्स की तरफ़ उनका काफ़ी रुझान रहा है और अपने इसी पैशन का इस्तेमाल वह ज़िंगफ़ाई को आगे बढ़ाने में कर रही हैं। वहीं दूसरी ओर ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म की डिजिटल मार्केटिंग का जिम्मा नैली के पास है, जिनके पास इस क्षेत्र में लंबा अनुभव रहा है। कंपनी के तीसरे को-फ़ाउंडर तबीश को भी लाइफ़स्टाइल प्रोडक्ट्स के बिज़नेस का अनुभव रहा है।
ब्लॉग सर्विस से आगे बढ़ते हुए आज की तारीख़ में ज़िंगफ़ाई क्लब वियर, ट्रेडिशनल वियर और लाइफ़स्टाइल फ़र्निंशिंग से जुड़े प्रोडक्ट्स की शानदार रेंज पेश कर रहा है। हेली बताती हैं कि उनके पोर्टफ़ोलियो में विमिंज वियर, मेन्स वियर, लेदर जैकेट्स और लाइफ़स्टाइल प्रोडक्ट्स की विस्तृत रेंज शामिल है।
ज़िंगफ़ाई में क्या है ख़ास?
फ़ैशन और लाइफ़स्टाइल के सेक्टर में पहले से ऐसे नाम मौजूद हैं, जो नैशनल और इंटरनैशनल डिज़ानर्स के प्रोडक्ट्स ग्राहकों तक पहुंचा रहे हैं तो ज़िंगफ़ाई उनसे किन मायनों में अलग है? इस संबंध में सवाल करने पर हेली ने बताया कि भारत में क्लब वियर और प्लस साइज़ पार्टीवियर्स के बेहद सीमित विकल्प मौजूद हैं और ज़िंगफ़ाई की मदद से वह भारतीय ऑडियंस के लिए इस कमी को ही पूरा करने की कोशिश कर रही हैं। उनका कहना है कि बाक़ी क्लब वियर ब्रैंड्स की प्राइस रेंज काफ़ी अधिक है, जबकि ज़िंगफ़ाई बेहद किफ़ायती क़ीमतों पर इंटरनैशनल स्टैंडर्ड के प्रोडक्ट्स भारतीय ग्राहकों तक पहुंचा रहा है। ज़िंगफ़ाई पर मौजूद क्लब वियर्स का टिकट साइज़ मात्र 5-6 हज़ार रुपए है।
हेली बताती हैं कि प्रोडक्ट्स को किफ़ायती बनाने के लिए उनका ब्रैंड किसी भी स्तर पर क्वॉलिटी से समझौता नहीं कर रहा है। ज़िंगफ़ाई इंडियन ऑडियंस को इटली, जापान और स्पेन आदि देशों में डिज़ाइन और मैनुफ़ैक्चर किए हुए कपड़े बेहद किफ़ायती दामों में उपलब्ध करा रहा है।
म़्यूजिशियन से फ़ैशन ऑन्त्रप्रन्योर बनने का फ़ैसला कब लिया?
हेली बताती हैं कि फ़ैशन प्रोडक्ट्स की ओर उनका हमेशा ही ख़ास रुझान रहा है। यूएस में लंबा समय बिताने के बाद जब वह भारत लौटीं तो उन्हें अपनी पसंद के कपड़े ख़रीदने में बहुद दिक्कत पेश आती थी। वह बताती हैं कि जब वह घंटों शॉपिंग के बाद भी अपने लिए कुछ भी नहीं ख़रीद पाती थीं, तो घरवाले उनका मज़ाक बनाया करते थे। हालात ऐसे थे कि विदेश में रहने वाले अपने दोस्तों से कपड़े मंगवाने पड़ते थे। हेली को लगा कि यह समस्या सिर्फ़ उनकी ही नहीं बल्कि उनके जैसे कई लोगों की हो सकती है, जिसे वह अपने स्टार्टअप के माध्यम से हल कर सकती हैं।
ट्रेडिशनल वियर से था परहेज़, नोटबंदी ने बदली सोच
वह बताती हैं, “ट्रेडिशन इंडियन क्लोदिंग के ऊपर हमारा कुछ ख़ास भरोसा नहीं था। हमने कुछ वेंडर्स से करार ज़रूर किया, लेकिन ट्रेडिशनल वियर्स की ब्रैंडिंग और ऐडवरटाइज़िंग पर ज़्यादा मेहनत नहीं की।” हेली ने बताया कि नोटबंदी के दौरान उनके साथ एक ऐसी घटना हुई, जिसने ट्रेडिशनल वियर्स के स्कोप को लेकर उनकी सोच को पूरी तरह से बदलकर रख दिया। उन्होंने घटना का ज़िक्र करते हुए बताया कि भोपाल शहर में उनके पड़ोसी के एक रिश्तेदार को अपनी शादी के लिए लहंगा ख़रीदना था, लेकिन नोटबंदी की वजह से उनके पास कैश की कमी हो गई। हेली के पड़ोसी ने अपने रिश्तेदार को उनके बिज़नेस के बारे में बताया और फ़ोटोग्राफ़ दिखाने के बाद उस रिश्तेदार को हेली के ब्रैंड का कलेक्शन काफ़ी पसंद भी आया।
इसके बाद नोटबंदी के दौरान ही हेली ने 10 हज़ार के अंदर ब्राइडल कलेक्शन का तेज़ी के साथ प्रमोशन शुरू किया और उनका यह कैंपेन काफ़ी सफल भी हुआ। हेली का कहना है कि जहां एक तरफ़ उनके क्लब वियर कलेक्शन की भारी मांग है, वहीं दूसरी ओर ट्रेडिशन सेक्शन में भी उनके पास पर्याप्त ग्राहक आते रहते हैं।
ज़िंगफ़ाई की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सबसे पहले किसी डिज़ाइनर के सैंपल प्रोडक्ट्स बेचे जाते हैं और अगर मार्केट में डिज़ाइनर के उत्पादों की पर्याप्त मांग आने लगती हैं तो सेलर को प्लेटफ़ॉर्म पर जगह दी जाती है।
पिछले दो सालों से कंपनी का बिज़नेस स्थिर गति के साथ आगे बढ़ रहा है। हेली ने बताया कि इस साल उनके बिज़नेस को अच्छी ग्रोथ मिल रही है। कंपनी का दावा है कि हर महीने उनके प्लेटफ़ॉर्म से 30-40 ऑर्डर्स पूरे किए जा रहे हैं और प्रोडक्ट्स की यह मांग ऑफ़-सीज़न में भी जारी रहती है। कंपनी का मानना है कि आगामी तीन सालों में कंपनी की ग्रॉस सेल 1 करोड़ रुपए से भी अधिक पहुंच जाएगी। मासिक तौर पर कंपनी की वेबसाइट पर 20 हज़ार से भी अधिक विज़िटर्स आते हैं। हेली ने जानकारी दी कि न सिर्फ़ देश से बल्कि विदेश से भी उनके पास ऑर्डर आते रहते हैं।
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