100 साल की उम्र में भी ये दादी अम्मा चला रही है हैंड-पेंटेड साड़ी बिजनेस
वह एक साड़ी के लिए लगभग 11,000 रुपये लेती है, जिसमें साड़ी की कीमत इन्क्लुडेड होती है और दुपट्टे के लिए 3000 रुपये लेती है।
केरल के त्रिशूर के वडक्कानचेरी में साल 1920 में जन्मी पद्मावती (पद्म) नायर, जो कि अब 100 साल की हो चुकी हैं, का एक ही मंत्र है, "व्यस्त रहें और दूसरों के जीवन में हस्तक्षेप न करें।"
हर दिन, वह खुद के लिये तीन घंटे काम करने का लक्ष्य निर्धारित करती है, और सावधानीपूर्वक दिन के लिए अपना काम पूरा करती है। यह पूछे जाने पर कि वह अब भी काम क्यों करती है, वह कहती है, "मुझे इसमें मज़ा आता है, और इससे मुझे बहुत संतुष्टि मिलती है।"
हर समय एक्टिव और प्रोडक्टिव रहने वाली 100 वर्षीय पद्म एक सफल व्यवसायी है जो साड़ी डिजाइन और पेंट करती है।
एक साड़ी को डिज़ाइन करने में समय भी लगता है और सावधानी भी बरतनी होती है। 100 साल की उम्र में, पद्म अभी भी अपने काम के बारे में बहुत सीरियस है और अपने काम वह खुद करना पसंद करती है। वह पहले डिजाइन की रूपरेखा तैयार करती है, फिर उसे रंगों से भर देती है। वह विभिन्न सामग्रियों से बनी साड़ियों पर पेंट करती है। "तुषार सिल्क पर काम करना थोड़ा अधिक चुनौतीपूर्ण है," वह कहती हैं।
उन्होंने आगे बताया,
"मेरी बेटियाँ और बहुएँ मेरे लिए साड़ी लाती हैं, और मैं पेंट करती हूँ।"
द बेटर इंडिया से बात करते हुए उनकी बेटी लता कहती हैं,
पद्म को एक साड़ी पर काम पूरा करने में लगभग एक महीने का समय लगता है, और अब उनके पास पहले से ही पांच साड़ियाँ हैं, जिन्हें उन्हें पूरा करना है। “वह जो पैसा कमाती है वह खुशी से अपने पोते पर खर्च करती है। लता कहती हैं, उन्होंने अपने लिए कभी कुछ नहीं रखा।"
वह एक साड़ी के लिए लगभग 11,000 रुपये लेती है, जिसमें साड़ी की कीमत इन्क्लुडेड होती है और दुपट्टे के लिए 3000 रुपये लेती है।
दुनिया भर में फैले एक बड़े परिवार के साथ जुड़े रहने के लिए पद्म सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करती है। वह व्हाट्सएप का उपयोग करती है, अक्सर अपने पोते को वीडियो कॉल करती है, और ई-मेल के माध्यम से परिवार और दोस्तों के संपर्क में रहती है।
आपको बता दें कि अपना 100 वां जन्मदिन मनाने के लिए, परिवार ने एक ऑनलाइन वर्चुअल मीट का आयोजन किया था, जिसका पद्म ने भरपूर आनंद उठाया।
सभी महिलाओं के लिए उनका संदेश यह है कि जब आप अपने दम पर कुछ करना चाहते हैं, तो कोई मायने नहीं रखता है: "व्यस्त रहें, कुछ ऐसा करें जिसे आप करना पसंद करते हैं, और दूसरों के जीवन में हस्तक्षेप करने का प्रयास न करें।"
Edited by रविकांत पारीक