स्टार्ट अप्स के जरिए ‘स्टैंड’ करेगा इंडिया
2 हजार करोड़ रुपए के आईएएफ यानी इंडिया एस्पिरेशन फंड लॉन्च वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किया लॉन्चइस फंड को सिडबी यानी स्माल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक संचालित करेगीइस फंड के लिए एलआईसी को-इन्वेस्टर की भूमिका निभाएगी
यूं तो स्टार्ट अप के बारे में सोचना और उसे अंजाम तक ले जाना एक लंबी और कठिन प्रकिया मानी जाती है। इसमें खूब सारी मेहनत की दरकार होती है, साथ ही सीडिंग फंड की भी बड़ी जरुरत होती है। इतना ही नहीं, स्टार्ट अप को बड़ा करने और करते चले जाने के लिए भी वक्त-वक्त पर निवेश की जरुरत पड़ती है। इस काम के लिए अब तक प्राइवेट इन्वेस्टर्स की तरफ देखना पड़ता था, लेकिन अब भारत में स्टार्ट अप शुरू करना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो चुका है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सपनों को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2 हजार करोड़ रुपए के आईएएफ यानी इंडिया एस्पिरेशन फंड लॉन्च कर दिया। इस फंड को सिडबी यानी स्माल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक संचालित करेगी। इस फंड के लिए एलआईसी को-इन्वेस्टर की भूमिका निभाएगी। उधर, इससे पहले मार्केट रेगुलेटरी सेबी ने स्टार्ट अप्स के लिए मार्केट से आसान फंडिंग के लिए लिस्टिंग के नए कायदों वाली अधिसूचना जारी कर दी थी।
स्टार्टअप्स के लिस्टिंग के नए कायदे
- स्टार्ट अप कंपनियों की लिस्टिंग के लिए प्रमोटर के कॉन्सेप्ट को खत्म कर दिया गया है
- लॉक इन के नियमों में छूट दी गई है, ये अब 3 साल से घटकर 6 महीने हो गया है
- फंड के इस्तेमाल को लेकर भी नियमों में ढील दी गई है
- स्टार्ट अप के लिए मिनिमम इन्वेस्टमेंट की सीमा 10 लाख रुपए कर दी गई है
- स्टार्ट अप्स की सुविधा के लिए डिस्क्लोजर रुल्स में भी रियायत दी गई है
- इन्वेस्टर्स के लिए स्टार्ट अप से बाहर निकलने के नियम आसान कर दिए गए हैं
- तकीनीकी स्टार्ट अप के लिए प्री-इश्यू कैपिटल का 25 फीसदी हिस्सा संस्थागत निवेशकों के पास होना चाहिए जबकि गैर तकनीकी स्टार्ट अप के लिए ये सीमा 25 फीसदी है
पहले ही हुई थी घोषणा
इस साल के बजट में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने स्टार्ट अप्स के लिए 10 हजार करोड़ के फंड की घोषणा की थी। जिसमें से 2 हजार करोड़ तो आईएएफ में चले गए। बाकी के 8 हजार करोड़ की रकम का इस्तेमाल सिडबी माइक्रो, स्माल और मीडियम यूनिट्स को रियायती दरों पर सॉफ्ट लोन देने में करेगी। इस योजना के तहत स्टार्ट अप्स और एमएसएमई 10-12 फीसदी ब्याज दर पर सॉफ्ट लोन हासिल कर सकते हैं, जो अन्य बैंकों के ब्याज दर के मुकाबले काफी कम है। यह लोन खासतौर से उन कंपनियों को दिया जाएगा, जो मेक इन इंडिया कार्यक्रम में भाग ले रही हैं।
और भी हैं सहूलियतें
बजट में मुद्रा बैंक की भी घोषणा की गई थी, जो सिडबी के अंतर्गत ही है और इसका लक्ष्य माइक्रो एंटरप्राइजेज को लोन रिफाइनेंसिंग करना है। हालांकि, सिडबी और मुद्रा बैंक के बीच मुद्दों के ओवर-लैप होने का कोई सवाल नहीं है। मुद्रा बैंक अब तक बेनेफिशियरी एंटरप्राइजेज को 5,000 मुद्रा कार्ड जारी कर चुका है और 120 करोड़ रुपए से अधिक रिफाइनेंस हो चुका है।
15 अगस्त, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपील की थी कि बैंक, छोटे स्टार्टअप्स को दिल खोलकर लोन दें, ताकि वो फल फूल सकें और विकसिक भारत की कल्पना को साकार करने में मदद कर सकें। यानी, स्टार्ट अप के लिए मौसम बहार का है। तो स्टार्ट अप के बारे में सिर्फ सोचिए मत, कदम बढ़ाइए, डट जाइए, क्योंकि मौका भी है, माहौल भी है, फिर देर किस बात की।