‘हर सोच के लिए संगीत’ की भावना को उड़ान देता स्टार्टअप म्युज़िक फ़ॉर थॉट
म्युजिक फॉर थॉट्स लोगों की भावनाओं से जुड़कर खुशी और आनंद को संगीत में पिरोने के लिए शुरू किया गया स्टार्टप है।
आईटी कंपनियों के कार्पोरेट कल्चर में लगभग 15 वर्षों तक काम करने के बाद रोहित श्रीवास्तव को लगा कि वो किसी और काम के लिए बने हैं। उन्होंने उस ‘किसी’ की तलाश करनी शुरू कर दी। उस विचार के दौरान वे अपनी पत्नी प्रीति सिन्हा से भी इस मामले पर चर्चा करते रहे और दोनों एक नतीजे पर पहुँचे कि कुछ नया करना चाहिए। इसी विचार ने म्युज़िक फॉर थॉट का आकार लिया।
रोहित श्रीवास्तव बताते हैं, मेरी शादी की पहली रात जब मैं अपनी पत्नी की सुंदरता की सराहना करना चाहता था, तो मेरे पास बहुत सारी भावनाएँ थी, मैं बहुत कुछ बोलना चाहता था, लेकिन वह सब बातें बोल नहीं पाया, जो बोलना चाहता था। मैं इंजीनियर था। जिस कंपनी में काम करता था, वहाँ बहुत बोलता था, बहुत से लोगों को बहुत से मुद्दों पर समझाता था, लेकिन अपने ही खास मामले में बोल नहीं पाया। आखिरकार किसी फिल्मी गीत का सहारा लेकर उस ख्वाहिश को पूरा करना पड़ा।
रोहित को लगता है कि उस समय तो उन्होंने फिल्मी गीत का सहारा लिया था, लेकिन उसमें भी वह सब कुछ अभिव्यक्त नहीं कर पाये, जो वो कहना चाहता थे। तब से ही उनके दिमाग़ में यह खलिश बाकी रह गयी थी। वे उस खलिश को अपने में पालते रहे, ताकि एक न एक दिन इस समस्या का हल निकल आएगा और ऐसा हुआ भी।
रोहित ने इसका हल निकाल ही लिया। आज वो उन सभी लोगों की ऐसी समस्या का हल निकालने के लिए म्युज़िक फॉर थाट की शुरुआत कर चुके हैं, जो अपनी भावनाओं को अपने शब्दों में उस ढंग से अभिव्यक्त नहीं कर सकते, जिस तरह वो चाहते हैं। वह कहते हैं कि लम्हे गुज़र जाते हैं, यादें ताज़ा रह जाती हैं। हालाँकि आज हमारे पास पुरानी बहुत सारी तस्वीरें हैं, लेकिन उन तस्वीरों में भावनाओं को पूरी तरह समेटना मुश्किल है। इसे समेटने का एक ही ज़रिया है गीत और संगीत।
रोहित के साथ उनकी पत्नी प्रीति भी इस उद्देश्य को कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। प्रीति सिन्हा बताती हैं कि जब वह पहली बार माँ बनीं तो उनकी खुशी का अंदाज़ा नहीं था। वह अपने बेटी को पाकर बहुत खुश थीं। इस खुशी को बाँटना चाहती थी। अपने सारे रिश्तेदारों को बताना चाहती थीं कि वह बहुत खुश हैं, लेकिन उनके साथ भी वही हुआ जो कभी उनके पति के साथ हुआ था। प्रीति भी वह सबकुछ नहीं कह पायी, जो कहना चाहती थी। अब उन्हें लगता है कि यह सब कहने के लिए उनके पास उनका स्टार्टअप है।
हर सोच के लिए संगीत की संकल्पना के साथ नये उद्यम म्युज़िक फ़ॉर थॉट की घोषणा करने वाले रोहित श्रीवास्तव और प्रीति सिन्हा पूरे देश में लोगों की इच्छाओं, आकांक्षाओं और भावनाओं के अनुसार, उनके अपने गीतों की रचना जुट गये हैं।
रोहित का संबंध इंदौर से है। वे साफ्टवेयर इंजीनियर हैं और एमबीए की उपाधि भी रखते हैं। डिलाइट, इंफोसेस एवं टीसीएस जैसी कंपनियों में काम कर चुके हैं।
रोहित श्रीवस्तव ने बताया कि उनकी कंपनी ने बीते एक वर्ष में शोध और अनुभवों के आधार पर कई प्रयोग किये हैं। इस दौरान उन्हें एहसास हुए कि लोगों को अपनी शादी, सालगिरह और अन्य समारोह में अपनी निजी भावानाओं को अभिव्यक्त करने वाले संगीत की इच्छा होती है, लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाते। इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने म्युजिक फार थॉट की स्थापना की। अब तक उन्होंने 37 वीडियो बनाए हैं, जिसमें 10 ओरिजनल हैं।
संगीत की दुनिया में अपना खास स्थान बनाने वाले परीक्षित शर्मा, जोहेब अहमद और पल्लव अग्रवाल भी अब म्युज़िक फार थॉट्स से जुड़ गये हैं। उन्होंने बताया कि यह कंपनी नये विचार के साथ सामने आयी हैं। इसमें काफी संभावनाएं हैं। यही कारण है कि वे देश भर में लोगों की भावनाओं के साथ जुड़ना चाहते हैं। परीक्षित ने कहा कि लोग अपनी भावनाओं को लेखकों के सामने रख सकते हैं और फिर उसके आधार पर गीत लिखा जाएगा, उसके लिए संगीत का संयोजन कर गायक की सुविधाएं प्राप्त की जाएँगी। उन्होंने बताया कि जारी वर्ष में उनका उद्देश्य 100 एलबम जारी करने का है।
ज़ोहेब ने कहा कि वे गायक के रूप में इस कपनी के साथ जुड़े हैं और उनके लिए भी एक नया अनुभव होगा कि यह काम किसी धारावाहिक फिल्म या स्टेज के लिए नहीं बल्कि सीधे उस आदमी के गाना गाने का मौका मिलेगा, जो खुद अपनी बात किसी को सुनाना चाहता है।
कैसे बंधेंगी भावनाएँ गीत और संगीत में
रोहित बताते हैं कि जिस किसी को अपनी शादी या सालगिरह में फिल्मी गीतों के बजाय अपने गीत बजवाने हैं, लोगों के अपनी भावनाओं से ओत प्रोत संगीत सुनाना है, तो वे उनके स्टार्टअप का सहयोग ले सकते हैं। सब से पहले यह देखा जाएगा इच्छुक व्यक्ति किस स्तर तक अपनी भावना को अभिव्यक्त करता है। क्या वह गाना लिख सकता है। या फिर केवल काग़ज़ पर अपनी भावनाओं को शब्दों में बयान कर सकता है या फिर बोल कर ही बता सकता है। इसके अनुसार, गीत लिखवाए जाएँगे, उनका संगीत संयोजन होगा और फिर रिकार्डिंग के साथ इच्छुक व्यक्ति का अपना गीत या अलबम उसके हाथ में होगा।
आपका अपना ओरिज्नल म्युज़िक... इसी एक विचार के साथ म्युजिक फॉर थाट (music4thought) ने अपना काम शुरू किया है। रोहित बताते हैं कि उनके प्रारंभिक अध्ययन में सामने आया है कि यह 40 बिलियन डालर का बाज़ार है। हर साल लगभग 10 मिलियन शादियाँ होती हैं और हर शादी गीत संगीत के बिना नहीं होती। म्युज़िक फार थॉट उनके लिए परफेक्ट सेवाएँ प्रदान कर रहा है।
रोहित बताते हैं कि यह स्टार्टअप दूसरे स्टार्टअप से कुछ अलग है। यह कोई 10 से 5 बजे तक के कार्यालय में काम करने जैसा नहीं है, बल्कि किसी विचार को शब्द देना और उसे संगीत देना, संपूर्ण रूप से रचनात्मक कार्य है। यह समय भी मांगता है। यही कारण है कि उन्होंने अपनी कंपनी के साथ न केवल गीतकार और संगीतकार जोड़े हैं, बल्कि कई साउँड इंजीनियर भी कंपनी के साथ हैं। वे बताते हैं कि इस व्यापार का संबंध केवल पैसे से नहीं है, बल्कि इसमें लोगों की खुशी को कई गुणा बढ़ाने का उद्देश्य भी है। इसमें हर दिन कुछ न कुच सीखा जा सकता है। हर दिन नये लोगों की भावनाओं के नये नये पहलु जाने जान सकते हैं।
रोहित ने बताया कि वर्तमान में वे हैदराबाद, मुंबई और पूणे में काम कर रहे हैं, लेकिन भविष्य में देश के विभिन्न शहरों में इस काम को विस्तार दिया जाएगा और जिसके लिए जो जगह सुविधाजनक होगी, वहीं के स्टूडियो की सेवाएँ प्राप्त की जाएँगी।