मोदी ने कहा 'भारत दुनिया की सबसे उदार अर्थव्यवस्था'
भारत की कारोबार सुगमता रैंकिंग एक साल में कई पायदान सुधरी है। विश्वबैंक की ताजा कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत 39वें स्थान पर आ गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार के सुधार कार्यक्रमों के नतीजे अब दिखने लगे हैं और भारत अपनी मजबूत वृद्धि दर के साथ आज दुनिया की सबसे उदार अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है।
मोदी ने आठवें ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स व्यापार परिषद को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पिछले दो साल में हमने कई उल्लेखनीय सुधारवादी कदम उठाए हैं ताकि काम काज के संचालन की व्यवस्था अधिक स्पष्ट और सरल हो और विशेषरूप से व्यवसाय करना आसान हो सके। इसके नतीजे स्पष्ट दिखने लगे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमने इस तरह के प्रदर्शन का आकलन करने वाले वैश्विक स्तर के सभी सूचकांकों में अपना स्थान उंचा किया है। आज हमने भारत को दुनिया की सबसे उदार अर्थव्यवस्थाओं में तब्दील कर दिया है। हमारी वृद्धि दर मजबूत है और हम इस रफ्तार को कायम रखने के लिए कदम उठा रहे हैं।"
मोदी सरकार ने कई सुधार पारित किए हैं। इनमें देश को एकल बाजार बनाने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अलावा दिवाला संहिता को पारित करना शामिल है। इस संहिता से विफल या संकटग्रस्त कंपनी को कारोबार छोड़ कर बाहर निकलने का रास्ता मिलेगा। इसके अलावा प्रशासनिक मोर्चे पर सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ तथा ‘डिजिटल इंडिया’ जैसे प्रमुख कार्यक्रम पेश किए हैं।
भारत की कारोबार सुगमता रैंकिंग एक साल में कई पायदान सुधरी है। विश्वबैंक की ताजा कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत 39वें स्थान पर आ गया है।
इसके अलावा सरकार निरंतर आधार पर रक्षा और बीमा जैसे क्षेत्रों की घरेलू कंपनियों में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ा रही है। वित्त मंत्रालय के अनुसार अर्थव्यवस्था के अधिकांश महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति है और इसमें 90 प्रतिशत में इसकी अनुमति आटोमैटिक तरीके (स्वत: स्वीकृत मार्ग) से जिसमें निवेश के लिए सरकार से मंजूरी की जरूरत नहीं होती है।हालांकि, जून तिमाही में देश की वृद्धि दर की रफ्तार इससे पिछली तिमाही के 7.6 प्रतिशत से घटकर 7.1 प्रतिशत पर आ गई है, इसके बावजूद एशिया की यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में है।
मोदी ने कहा कि ब्रिक्स व्यापार परिषद और उनकी सरकार की कई ‘प्राथमिकताओं में समानता’ है। इन प्राथमिकताओं में व्यापार अड़चनों को दूर करना, कौशल विकास को प्रोत्साहन, विनिर्माण आपूर्ति श्रृंखलाओं की स्थापना तथा बुनियादी ढांचा विकास शामिल है।
सरकार का बुनियादी ढांचा विकास पर भी ध्यान है। अगले एक दशक में सड़क-राजमार्ग, हवाई अड्डा, बंदरगाहों आदि के निर्माण के लिए अनुमानत: 1,000 अरब डालर का निवेश किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स व्यापार परिषद की पिछले तीन साल की प्रगति पर भी संतोष जताया। इस परिषद का विचार सबसे पहले डरबन शिखर सम्मेलन में आया था।
प्रधानंत्री ने कहा, "यह परिषद दुनिया की तेजी से आगे बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्थाओं के पांच राष्ट्रों के समूह की आर्थिक ताकत तथा विविधता का प्रतिनिधित्व करती है।"
मोदी ने आर्थिक और व्यावसायिक रिश्तों को आगे बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए इसे ब्रिक्स की ‘बुनियादी प्रेरणा’ बताया। उन्होंने कहा कि इस भागीदाररी से संपदा तथा समाज में मूल्यों का सृजन होगा। प्रधानमंत्री ने नव विकास बैंक द्वारा पिछले साल किए गए कार्यों की भी सराहना की।
उन्होंने ब्रिक्स विकास बैंक से बड़ी परियोजनाओं की पहचान और क्रियान्वयन के लिए ब्रिक्स व्यापार परिषद के साथ नजदीकी से काम करने को कहा। इससे इन अर्थव्यवस्थाओं तथा गरीबों के जीवनस्तर में सुधार लाने में मदद मिलेगी।