World Heart Day: जानिए अपने कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के 5 तरीके
इस वर्ल्ड हार्ट डे के मौके पर इन पांच जरूरी उपायों की मदद से अपने कोलेस्ट्रॉल को काबू में करने का संकल्प लें. याद रखें, आज आपके द्वारा चुना गया हर अच्छा विकल्प, कल एक मजबूत, स्वस्थ हृदय बनाने में आपकी मदद करेगा.
आज, 29 सितंबर को, वर्ल्ड हार्ट डे (World Heart Day) मनाया जा रहा है और यह समय है, अपने दिल की सेहत से जुड़ी कई बातों के बारे में जानने का! लेकिन इस पहेली के कई सारे टुकड़े हैं, जिन्हें आप नजरअंदाज नहीं कर सकते, जैसे कोलेस्ट्रॉल और दिल की सेहत पर पड़ने वाला उसका प्रभाव. हर साल आने वाले दिल से जुड़ी समस्याओं के 44 लाख मामलों की बात करें तो कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर हृदय रोगों तथा कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं का खतरा काफी बढ़ा सकता है. उन लोगों में यह खतरा और भी ज्यादा हो सकता है, जिन्हें पहले भी कार्डियोवेस्कुलर समस्याएं रही हैं. आइए, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के बारे में गहराई से जानें.
क्या आप जानते हैं, 10 में से 6 भारतीयों में उच्च एलडीएल कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है?
कोलेस्ट्रॉल को समझना और दिल की सेहत पर उसके प्रभाव को जानना, एक लंबी तथा सेहतमंद जिंदगी के लिए बेहद जरूरी है. कोलेस्ट्रॉल, हमारे खून में मौजूद एक वसा तत्व है, जोकि कई सारी शारीरिक कार्यप्रणालियों के लिए जरूरी होता है. इसमें कोशिकाओं के मेंब्रेन और हॉर्मोन्स का निर्माण भी शामिल है. हालांकि, जब कोलेस्ट्रॉल का स्तर असंतुलित हो जाता है, खासकर लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल-सी), हृदय रोगों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. इसे अक्सर “बैड कोलेस्ट्रॉल” के नाम से भी पुकारा जाता है. वहीं, दूसरी तरफ “गुड कोलेस्ट्रॉल” कहलाने वाला हाई-प्रोटीन लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल-सी) खून से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल निकालने में भी बचाव की भूमिका निभाता है. इससे हृदय रोगों का जोखिम कम हो जाता है. इसलिए, आपके दिल की सेहत को जानने के लिए एलडीएल-सी के स्तर को जानना बहुत जरूरी है.
डॉ. अश्चिन मेहता, सीनियर कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट, सर गंगाराम हॉस्पिटल, दिल्ली, का कहना है: “कोलेस्ट्रॉल के स्तर और हृदय रोगों के बीच के संबंध को समझना जरूरी है, खासकर जिनके साथ कार्डियोवैस्कुलर रोगों का इतिहास जुड़ा हो. कार्डियोलॉजिस्ट होने की वजह से, मैं 60% ऐसे रोगियों से मिला, जिनका एलडीएल-सी स्तर बढ़ा हुआ था. इससे हृदय रोगों जैसे दिल का दौरा पड़ना या स्ट्रोक का खतरा दबे पांव अपना रास्ता बना सकता है. एलडीएल-सी को जानने के लिए नियमित जांच करवाना जरूरी है, खासकर जब रोगी को डायबिटीज या हाइपरटेंशन जैसे अतिरिक्त खतरे हैं. दिल को स्वस्थ रखने के लिए जानकारी सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है.”
इसलिए, अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखना और उस पर नजर बनाए रखना, दिल की सेहत बरकरार रखने की दिशा में जरूरी सुरक्षात्मक कदम हैं. यह आपको दिल से जुड़े संभावित जोखिमों को कम करने के लिए विवेकपूर्ण निर्णय लेने में मदद करता है.
यहां सेहतमंद दिल को अनब्लॉक करने के लिए 5 बातें बताई गई हैं:-
1.नियमित जांच और चिकित्सकीय सलाह
कोलेस्ट्रॉल को पूरी तरह काबू करने के लिए जानकारी सबसे बड़ी कुंजी है. अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर नजर रखने और दिल की सेहत को बनाए रखने के लिए अपने चिकित्सक से नियमित रूप से जांच कराने के का समय निर्धारित करें. ब्लड टेस्ट से आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को जानने में मदद मिलेगी. इससे आप और आपके डॉक्टर, आपके भोजन, व्यायाम की दिनचर्या और जरूरत पड़ने पर दवाओं को लेकर समझदारी भरा फैसला ले पाएंगे. चिकित्सकीय सलाह का पालन करने और अपनी सेहत के बारे में जागरूक होने से आपको कोलेस्ट्रॉल के अपने इस सफर की कमान अपने हाथों में रखने में मदद मिलेगी.
2.सक्रिय और फुर्तीले रहें
नियमित रूप से व्यायाम करना, दिल की सेहत और कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण के लिए अहम होता है. अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बेहतर बनाने के लिए कम तीव्रता वाली गतिविधियां जैसे ब्रिस्क वॉकिंग, जॉगिंग, स्वीमिंग या साइकलिंग करने पर ध्यान दें. व्यायाम करने से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और वजन नियंत्रित रखने में मदद मिलती है, मोटापे से जुड़े कोलेस्ट्रॉल का खतरा कम होता है. अपने कोलेस्ट्रॉल को पूरी तरह काबू करने के लिए रोजाना व्यायाम को दिनचर्या बनाएं.
3.दिल की सेहत के लिए सोच-समझकर खाएं
आपका खाना आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को काफी प्रभावित करता है. अपने खाने में, फाइबर से भरपूर तथा एलडीएल (“बैड”) कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें. चिकित्सक की सलाह के अनुरूप एक सेहतमंद भोजन, सेहतमंद दिल के लिए काफी अच्छा है.
4. सही वजन बनाए रखें
अत्यधिक वजन, खासकर कमर के आस-पास, निश्चित तौर पर एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के बढ़े हुए स्तर से जुड़ा होता है. संतुलित भोजन और नियमित व्यायाम की मदद से वजन कम करने से आपका कोलेस्ट्रॉल प्रोफाइल काफी अच्छा हो जाता है. सही वजन से दिल के रोगों का खतरा कम होता है और आपकी पूरी सेहत में सुधार होता है.
5.बुरी लतों को कहें ना
धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन आपके दिल की सेहत और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नुकसान पहुंचा सकते हैं. धूम्रपान करने से वेसल्स क्षतिग्रस्त होते हैं और ज्यादा कोलेस्ट्रॉल का निर्माण होता है. धूम्रपान छोड़ना और शराब के सेवन को कम करने जैसे समझदारी भरे विकल्प चुनकर अपने दिल की सेहत को महत्व दें.
इस वर्ल्ड हार्ट डे के मौके पर इन पांच जरूरी उपायों की मदद से अपने कोलेस्ट्रॉल को काबू में करने का संकल्प लें. चिकित्सक से नियमित सलाह लेना, खानपान का विकल्प समझदारी से चुनना, शारीरिक रूप से सक्रिय रहना, सेहतमंद वजन बनाए रखना और बुरी लतों को छोड़ना, आपको सेहतमंद दिल पाने की मंजिल पर पहुंचा सकता है. याद रखें, आज आपके द्वारा चुना गया हर अच्छा विकल्प, कल एक मजबूत, स्वस्थ हृदय बनाने में आपकी मदद करेगा.
Edited by रविकांत पारीक