पैरों से है प्यार, तो न करें Thehapppyfeet को इंकार
thehapppyfeet एक ऐसा ब्रांड है, जो आपके घर या दफ्तर में आपके पैरों के देखभाल की सेवाएं देता हैआपकी एक फोन कॉल पर सेवाएं देता है thehapppyfeetThehapppyfeet के 85% ग्राहक महिलाएं हैं15 महीने के दौरान thehapppyfeet ने 70 लाख की कमाई की
‘आपके पैर बहुत खूबसूरत हैं। इन्हें ज़मीन पर मत रखिए, ये मैले हो जाएंगे’
फिल्म 'पाकीजा' का ये डायलॉग तो आपको याद होगा, लेकिन क्या आपको याद है कि आज की भागमभाग वाली जिंदगी में आपने अपने पैरों के लिए आखिरी बार कब वक्त निकाला था? इसमें याद करने की बात क्या है, बजाहिर ज्यादातर लोगों का जवाब होगा, कहां हुजूर छुट्टी के दिन अपने घर का काम तो पूरा होता नहीं, तो भला पैरों के लिए वक्त कहां से निकालें. इसी वक्त की कमी का जवाब है Thehapppyfeet-
कारपोरेट संस्कृति में लगातार बढ़ते दबाव के स्तर की वजह से लोगों के पास, खासकर कामकाजी महिलाओं के पास अपने पैरों का ख्याल रखने के लिए पर्याप्त समय नहीं होता। अगर वो इसका ख्याल रखती भी हैं, तो इसमें उनकी छुट्टी मसाज पार्लर तक जाने और आने में ही खत्म हो जाया करती है। जॉनी का कहना है कि वो ऐसे लोगों के शनिवार और रविवार को बचाने में मदद कर उनकी जिंदगी को आसान बनाते हैं, जिससे वे छुट्टी के दिनों को छुट्टी की तरह बिता सकें।
“अपने पैरों की मालिश कराने के लिए आपको बहुत दूर तक नहीं जाना चाहिए और न ही किसी फीट केयर सेशन की ओर भागना चाहिए, इससे तो पैर की मालिश का मकसद ही पूरा नहीं होता है।” बस इसी सोच के साथ संस्थापक और सीईओ जॉनी स्टीफेन और संस्थापक व सीओओ शरथ किशन केशवनारायण ने thehapppyfeet.com की शुरुआत की।
thehapppyfeet.com पैरों की देखभाल पर केंद्रित लाइफस्टाइल ब्रांड है, जिसके थेरेपिस्ट आपके घर या दफ्तर पहुंचकर आपके पैरों की मालिश करते हैं।
बकौल शरथ, “हमारा मकसद एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाने का है, जो पैरों का पर्याय बन जाए।”
जॉनी और शरथ दोनों बेंगलुरू से हैं और संयोगवश दोनों ने एक ही दिन अकामाई टेक्नोलॉजीज ज्वाइन किया था। जॉनी के मुताबिक, दोनों की मुलाकात अकामाई टेक्नोलॉजीज के लिए अमेरिका के वेस्ट कोस्ट और ईस्ट कोस्ट रिजन को क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विसेस बेचने के दौरान हुई थी। लंदन जाते समय लंबे हवाई सफर के दौरान जॉनी ने शरथ के साथ सैन फ्रांसिस्को में पैरों के बेहद शानदार मालिश किए जाने का अपना अनुभव साझा किया था। जब तक दोनों लंदन पहुंचे, तब तक दोनों ये तय कर चुके थे कि उन्हें अब कुछ अपना ही शुरू करना है। अगस्त, 2012 में दोनों ने दोस्तों और परिजनों से उधार लेकर करीब 40 लाख रुपये की पूंजी के साथ thehapppyfeet की शुरुआत की। जनवरी, 2013 में thehapppyfeet ने अपनी सेवाएं लॉन्च की।
Thehapppyfeet का अतीत और वर्तमान
आज thehapppyfeet एक ऐसा ब्रांड है, जो आपकी एक फोन कॉल पर आपके घर या दफ्तर में आपके पैरों के देखभाल की सेवाएं देता है। बाद में thehapppyfeet एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनेगा जहां एक क्लिक के जरिए वेलनेस सर्विसेज़ मुहैया हुआ करेंगी।
अभी ग्राहक दफ्तर में फोन करते हैं और मिलने का वक्त तय करते हैं। एक थेरापिस्ट (महिला या पुरुष) को ग्राहक के घर या दफ्तर में सेवा मुहैया कराने के लिए भेजा जाता है।
अब ये टीम iOS और एंड्रॉयड पर thehapppyfeet ऐप लाने की कोशिश में है, जिससे फीटकेयर सर्विस को ऑन-डिमांड पूरा किया जा सके। इस ऐप में वो सभी फीचर्स होंगे जो एक आम जियो-बेस्ड ऐप में होते हैं।
* ग्राहक के सटीक ठिकाने की जानकारी के लिए ऐप में डिवाइस लोकेशन आइडेंटिफिकेशन होगा
* ग्राहक के बताए ठिकाने तक तय वक्त पर पहुंचने के लिए थेरेपिस्ट/ड्राइवर्स को दिशा निर्देश देना, रूट बनाकर देना और मैप इंटिग्रेशन की सुविधा देना भी शामिल है
* ऐप के जरिए ग्राहक भी थेरेपिस्ट के लोकेशन का पता लगा सकेंगे, सेवाओं के शुल्क जान सकेंगे, सेवाओं की समीक्षा पढ़ सकेंगे, पहले के ऑर्डर देख सकेंगे और तो और स्पेशल ऑफर्स की जानकारी भी हासिल कर सकेंगे
शरथ के मुताबिक सीआरएम का काम हर वक्त जानकारियों को अपडेट करना होगा, जिससे नई बुकिंग लेने और बुकिंग पूरी होने के बाद खाली स्लॉट की जानकारी संभावित ग्राहकों को मिल सके।
टारगेट ऑडियंस और मार्केटिंग चैनल
Thehapppyfeet के 85% ग्राहक महिलाएं हैं जो मां, पत्नी और कर्मचारी/उद्यमी के तौर पर एक से ज्यादा भूमिकाएं निभाकर काफी स्ट्रेस में रहती हैं। ग्राहकों की जानकारी देते हुए जॉनी बताते हैं कि ज्यादातर महिला ग्राहक स्वच्छंद हैं, आत्मनिर्भर हैं। कई तो छोटे-छोटे समूहों की अगुवा भी हैं, जिनके अच्छे-खासे प्रशंसक हैं।
जॉनी के मुताबिक, अब तो बड़ी-बड़ी कंपनियां भी उनकी सेवाएं ले रही हैं और उनके कर्मचारियों को सम्मानित कर रही हैं। कंपनियां उन्हें अपने कारपोरेट इवेंट्स और कर्मचारियों की बेहतरी के लिए की जाने वाली मुहिम में आमंत्रित करती हैं।
ग्राहक मुख्य रूप से thehapppyfeet का इस्तेमाल इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें ये सर्विस उनकी सुविधा के मुताबिक घर या दफ्तर में मिल जाती है। लोग अपने और अपने परिवार के लिए मासिक और तिमाही सब्सक्रिप्शन पैकेज भी ले रहे हैं।
शरथ ने बताया कि वो अपनी सर्विस का विज्ञापन मुख्य तौर पर फेसबुक जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ही करते हैं। अपनी मार्केटिंग रणनीति का ब्योरा देते हुए शरथ ने कहा, ‘फेसबुक पर हमारे 21,000 से ज्यादा फैन्स हैं और हमारे यूजर एंगेजमेंट में पिछले छह महीने में 500% का इजाफा हुआ है। हमारे पोस्ट का मुख्य रूप से 27 साल से 45 उम्र वर्ग की महिलाओं के बीच प्रचार किया जाता है, और इसके लिए हमने स्मार्टफोन्स और टैबलेट पर विज्ञापन करने का लक्ष्य रखा है।’
कमाई और निवेश की योजना
Thehapppyfeet की आय का मुख्य स्रोत घर या दफ्तर में फीट रिफ्लेक्सोलॉजी या पेडीक्योर की सर्विस है। टीम पिछले 18 महीने में व्यक्तिगत और परिवारों को 200 से ज्यादा तिमाही सब्सक्रिप्शन बेच चुकी है। इसके अलावा कारपोरेट, मैराथन और फैमिली गैदरिंग के लिए अलग-अलग दर पर सेवा भी उपलब्ध है।
जनवरी, 2013 से मार्च, 2014 के 15 महीने के दौरान thehapppyfeet ने 70 लाख की कमाई की। टीम कई निवेशकों से बातचीत कर रही है और उम्मीद है कि अगले दो महीने के अंदर इस पर अंतिम फैसला हो जाएगा।
अगले 3 महीने की योजना
अगले 90 दिनों में शरथ और जॉनी की कोशिश है कि वो thehapppyfeet का एंड्रॉयड और iOS वर्जन के ऐप तैयार करने के साथ ही एक इन-हाउस तकनीकी टीम भी तैयार करें। इसके अलावा, दोनों थेरेपिस्ट्स का एक ऐसा पारिस्थितिक तंत्र तैयार करना चाहते हैं, जिसमें शुरुआत में बैंगलोर में ही 10 थेरेपिस्ट-पार्टनर हों और जिन्हें बाद में बढ़ाकर 20 थेरेपिस्ट कर दिया जाए।
ऐसे में जब टीम अपने कारोबार में बेहतर प्रदर्शन कर रही है, तब दोनों की योजना है कि वो फीट केयर प्रोडक्ट्स और फुटवेयर सॉल्यूशंस के बिजनेस में भी हाथ आजमाएं।
हमने बैंगलोर के एक शांत इलाके में स्थित thehapppyfeet के कार्यालय का दौरा किया। नीचे दिए वीडियो को देखें:
Thehapppyfeet की कहानी पर हमारी राय
* टीम की योजना है कि वे थेरेपिस्ट्स को किराए पर नहीं लेंगे, बल्कि उन्हें पार्टनर बनाएंगे।
* उबर की तरह एक ऑन-डिमांड ऐप की मदद से ये सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी के बजाए तकनीकी कंपनी बनना चाहती है।
* कंपनी के दोनों संस्थापकों का सेल्स में बेहतरीन अनुभव है और वे इसकी बारीकियां अच्छी तरह समझते हैं।
* Thehapppyfeet उस वर्ग के लोगों को टारगेट करती है जो इसके प्रोडक्ट के लिए मोटी रकम खर्च करने को तैयार है।
* अपने ग्राहकों के साथ इनकी जिस तरह की सूझबूझ है, उसमें इन्हें अपने दूसरे प्रोडक्ट बेचने में आसानी होती है।
“लियोनार्डो दा विंसी ने कहा था कि इंसानों के पैर इंजीनियरिंग की उत्कृष्ट कृति और कलाकृति है। हम इसमें पूरा विश्वास करते हैं। ‘पैरों की बात हो, तो याद हमारी आए’, लोगों में हम यही सोच पैदा करना चाहते हैं और इसी एक चाह में हम हर रोज आगे बढ़ रहे हैं।”