शहर के आवारा जानवरों को बचाने के लिए इन दो टीवी ऐक्ट्रेसेस ने शुरू की एंबुलेंस सर्विस
मुंबई में दो टीवी ऐक्ट्रेस जया भट्टाचार्य और रूपाली गांगुली ने इन जानवरों की देखभाल करने के लिए एंबुलेंस सर्विस शुरू की है। यह एंबुलेंस सर्विस कुछ वॉलंटियर द्वारा संचालित की जा रही है। जिसके तहत सिर्फ एक कॉल पर एंबुलेंस मुंबई के कुछ चुनिंदा इलाकों में जरूरतमंद पशुओं की सेवा करने पहुंच जाती है।
जानवरों की ये एंबुलेंस बांद्रा और भंयदर से सुबह 10.30 बजे और रात 6.30 पर चलती है। लोग एंबुलेंस को बुलाने के लिए 9920499404 पर कॉल कर या मैसेज कर सकते हैं। कुछ सामाजिक कार्यकर्ता इस मुहिम में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं।
शहरों में जैसे-जैसे आबादी बढ़ती जा रही है वहां रहने वाले जानवरों और पक्षियों के जीवन पर संकट मंडराता जा रहा है। अक्सर सड़क पर ये जानवर दुर्घटना का शिकार होते रहते हैं। दुखद बात यह है कि फिर इन बीमार और दुर्घटनाग्रस्त जानवरों की देखभाल करने वाला कोई नहीं होता। लेकिन मुंबई में दो टीवी ऐक्ट्रेस जया भट्टाचार्य और रूपाली गांगुली ने इन जानवरों की देखभाल करने के लिए एंबुलेंस सर्विस शुरू की है। यह एंबुलेंस सर्विस कुछ वॉलंटियर द्वारा संचालित की जा रही है। जिसके तहत सिर्फ एक कॉल पर एंबुलेंस मुंबई के कुछ चुनिंदा इलाकों में जरूरतमंद पशुओं की सेवा करने पहुंच जाती है।
'थपकी प्यार की' और 'क्योंकि सास भी बहू थी' जैसे सीरियलों में काम करने वाली जया ने बताया, 'हमने कुछ दिन पहले ही एंबुलेंस सर्विस शुरू की थी। अब यह अच्छे तरीके से जरूरतमंद जानवरों की देखभाल करने में लगी है। मैं उम्मीद करती हूं कि हमारे समाज के लोग आगे आएंगे और जानवरों को बचाएंगे।' उन्होंने कहा कि शहर में रहने वाले जानवरों को भी अच्छे से जीने का हक है। हम अपने फायदे के लिए उन्हें उनके हक से वंचित नहीं कर सकते।
जया ने बताया कि एंबुलेंस बांद्रा और भंयदर से सुबह 10.30 बजे और रात 6.30 पर चलती है। लोग एंबुलेंस को बुलाने के लिए 9920499404 पर कॉल कर या मैसेज कर सकते हैं। कुछ सामाजिक कार्यकर्ता इस मुहिम में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। इनमें बकुल खाटू, अश्विन वर्मा, गीता, करण, मधुगंधा कुलकर्णी और निधि ओमकार शामिल हैं। ऐक्ट्रेस रूपाली गांगुली 'परवरिश', 'साराभाई वर्सस साराभाई' और 'कुठ खट्टी कुछ मीठी' जैसे लोकप्रिय सीरियलों में काम कर चुकी हैं
यह एंबुलेंस उन घायल जानवरों की देखभाल करेगी जो बेसहारा होते हैं। रूपाली ने कहा कि वह इस मुहिम का हिस्सा बनकर काफी खुश हैं। मुंबई में 'सेव अवर स्ट्रे' जैसे कुछ और संगठन इस दिशा में काम कर रहे हैं। इस संगठन की स्थापना 2003 में शिर्ले मेनन ने की थी। यह बांद्रा और गोरेगांव में जानवरों की देखभाल करता है। शिर्ले मेनन को जानवरों से बेहद लगाव है। उनके पास कई सारे कुच्चे भी हैं। शहर में जानवरों की बदतर हालत देखकर उन्होंने इस संगठन की स्थापना की थी। वह इसे काफी अच्छे ढंग से संचालित कर रही हैं।
दो साल पहले मुंबई में ही एक छोटी सी बच्ची ने आवारा जानवरों की हालत से दुखी होकर अपना 12वां जन्मदिन 1,200 आवारा कुत्तों के साथ मनाने का फैसला किया था। पूरे मुंबई शहर से लोगों को इसमें शामिल होने का न्योता दिया गया था। उस बच्ची ने बाद में अपने परिवार की मदद से 'एनिमल मैटर टू मी' नाम से एनिमल वेलफेयर एनजीओ की स्थापना की थी। उस छोटी समझदार बच्ची का कहना था कि वह अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने के बजाय इन कुत्तों के लिए कुछ करना चाहती है। छोटी सी बच्ची ने तो समझदारी की बात की, लेकिन क्या आप भी समझदार बनने की कोशिश कर रहे हैं? इन आवारा जानवरों को आपकी सहानुभूति औऱ मदद की जरूरत है। आगे आइए।
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