करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण को मिली मंजूरी, सिख तीर्थ यात्रियों की राह हुई आसान
भारत सरकार द्वारा सिख तीर्थयात्रियों की सेवा करने के लिये पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक शाह से करतारपुर साहिब कॉरिडोर का प्रस्ताव देने के उन्नीस वर्ष बाद आखिरकार केंद्र ने इसका निर्माण शुरू करने को हरी झंडी प्रदान कर दी है।
पाकिस्तान ने भी प्रस्तावित करतारपुर कॉरिडोर के साथ ही एक समान कॉरिडोर तैयार करने पर हामी भरी है। सराकर ने ध्यान दिया है कि यह गलियारा भारत से आने वाले यात्रियों की यात्रा को सुगम बनाने में मदद करेगा और तमाम आवश्यक सुविधाओं से लैस होगा।
पाकिस्तान में रावी नदी के किनारे बने पवित्र गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर तक भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के लिये अंतरराष्ट्रीय सीमा तक एक करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा ताकि वे आसानी से इस पवित्र स्थान की यात्रा कर सकें। भारत सरकार द्वारा सिख तीर्थयात्रियों की सेवा करने के लिये पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक शाह से करतारपुर साहिब कॉरिडोर का प्रस्ताव देने के उन्नीस वर्ष बाद आखिरकार केंद्र ने इसका निर्माण शुरू करने को हरी झंडी प्रदान कर दी है।
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि पाकिस्तान में राबी नदी के किनारे बने पवित्र गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर, जहां गुरुनानक जी ने अपने अंतिम 18 साल बिताए थे, तक भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के लिये अंतरराष्ट्रीय सीमा तक एक करतारपुर कॉरिडोर को विकसित किया जाएगा। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब सिख समुदाय गुरू नानक देवजी की 550 वीं जयंती मनाने की तैयारियों में जुटा हुआ है।
सरकार इस कॉरिडोर के निर्माण को एक एकीकृत विकास परियोजना के रूप में वित्तपोषित करेगी। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान ने भी प्रस्तावित करतारपुर कॉरिडोर के साथ ही एक समान कॉरिडोर तैयार करने पर हामी भरी है। सराकर ने ध्यान दिया है कि यह गलियारा भारत से आने वाले यात्रियों की यात्रा को सुगम बनाने में मदद करेगा और तमाम आवश्यक सुविधाओं से लैस होगा।
सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि वह गुरू नानक के जन्मस्थान पंजाब के सुल्तानपुर लोढ़ी को भी एक हेरिटेज शहर के रूप में विकसित करेगी जिसमें स्मार्ट शहर की तमाम सुविधाएं मिलेंगी। इसके अलावा गुरु नानक के प्रकृति संरक्षण के प्रति नजरिये को ध्यान में रखते हुए इस शहर को ऊर्जा-कार्यदक्ष के रूप में विकसित किया जाएगा।
साथ ही, गुरु नानक के जीवन चक्र को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से पिंड बागे नानक दे के नाम से एक हेरिटेज कॉम्प्लेक्स को भी विकसित किया जाएगा और सुल्तानपुर लोढ़ी रेलवे स्टेशन को तमाम आधुनिक सुविधाओं से भी अपग्रेड किया जाएगा। मौजूदा समय में भारतीय तीर्थयात्री नियमित वीज़ा पर पाकिस्तान जाते हैं जिसमें पाकिस्तानी अधिकारियों की ओर से किसी विशेष अनुमति की जरूरत नहीं होती है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 1999 में पाकिस्तान के साथ शांति के प्रयासों को शुरू करने के तहत की गई लाहौर बस यात्रा के दौरान सबसे पहले करतारपुर कॉरिडोर का प्रस्ताव दिया था।
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