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दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 8-सूत्रीय कार्य योजना लागू की

नागरिकों को सलाह दी जाती है कि बच्चे, बुजुर्ग और श्वसन, हृदय, मस्तिष्कवाहिकीय या अन्य पुरानी बीमारियों वाले लोग बाहरी गतिविधियों से बचें और जितना संभव हो घर के अंदर रहें.

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 8-सूत्रीय कार्य योजना लागू की

Monday November 06, 2023 , 4 min Read

दिल्ली एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के परिचालन के लिए 03.11.2023 को आयोजित अपनी पिछली बैठक में उप-समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जीआरएपी के चरण-IV के अंतर्गत ज्यादा कठोर और विघटनकारी कदम लागू करने से पहले, वायु गुणवत्ता के हालात की और निगरानी की जाएगी, क्योंकि दिल्ली के औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में कमी आनी शुरू हो गई थी.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा उपलब्ध कराए दैनिक एक्यूआई बुलेटिन के अनुसार, रविवार को दिल्ली का औसत AQI 454 दर्ज किया गया. दिल्ली-एनसीआर में मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों से एक्यूआई में आए इस चलन के मद्देनजर, रविवार को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के परिचालन के लिए उप-समिति की बैठक हुई. उप-समिति ने अपनी बैठक के दौरान इस क्षेत्र में पूरी वायु गुणवत्ता स्थिति के साथ-साथ आईएमडी/आईआईटीएम द्वारा उपलब्ध कराई मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूर्वानुमानों की व्यापक समीक्षा करते हुए पाया कि 04.11.2023 को शाम 4 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 415 दर्ज किया गया जो और निरंतर बढ़ने लगा. रविवार सुबह 5 बजे, दिल्ली का औसत एक्यूआई 454 था, जो लगातार प्रतिकूल मौसम और जलवायु परिस्थितियों के कारण दोपहर 3 बजे बढ़कर 463 हो गया.

वायु गुणवत्ता की इस मौजूदा स्थिति को देखते हुए और क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में गिरावट को और अधिक रोकने के लिए उप-समिति ने जीआरएपी चरण-IV - 'गंभीर+' वायु गुणवत्ता (दिल्ली का एक्यूआई > 450) के अंतर्गत निर्धारित सब कदम पूरे एनसीआर में आज तत्काल प्रभाव से लागू करने का आह्वान किया है. ये कदम जीआरएपी के चरण-I, चरण-II और चरण-III में उल्लिखित निवारक/प्रतिबंधात्मक कार्रवाइयों के अलावा हैं. जीआरएपी के अंतर्गत उपायों को लागू करने के लिए जिम्मेदार विभिन्न एजेंसियों और एनसीआर तथा डीपीसीसी के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (पीसीबी) को भी सलाह दी गई है कि जीआरएपी के वर्तमान में लागू चरण-I, चरण-II, चरण-III के सभी कदमों के अलावा संशोधित जीआरएपी के चरण-IV के कदमों का भी कड़ाई से कार्यान्वयन सुनिश्चित करवाएं.

जीआरएपी के चरण-IV के अनुरूप 8-सूत्रीय कार्य योजना रविवार से पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है. इस 8-सूत्रीय कार्य योजना में विभिन्न एजेंसियों और एनसीआर तथा डीपीसीसी के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों द्वारा कार्यान्वित/सुनिश्चित किए जाने वाले कदम शामिल हैं. ये कदम हैं:

दिल्ली में ट्रक यातायात का प्रवेश रोकना (आवश्यक वस्तुएं लाने-ले जाने वाले/आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले ट्रकों और सभी एलएनजी/सीएनजी/इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर).

ईवी/सीएनजी/बीएस-VI डीजल वाहनों के अलावा दिल्ली के बाहर पंजीकृत एलसीवी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति न देना. इसमें सिर्फ आवश्यक वस्तुएं ले जाने वाले/आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले वाहन अपवाद होंगे.

दिल्ली में पंजीकृत, डीजल चालित मध्यम माल वाहनों (एमजीवी) और भारी माल वाहनों (एचजीवी) के दिल्ली में चलने पर प्रतिबंध होगा. आवश्यक वस्तुएं ले जाने वाले/आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले ऐसे वाहन अपवाद होंगे.

राजमार्ग, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, बिजली ट्रांसमिशन, पाइपलाइन जैसी रैखिक सार्वजनिक परियोजनाओं में भी सी एंड डी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाएं.

एनसीआर राज्य सरकारें और जीएनसीटीडी कक्षा VI से IX, कक्षा XI के लिए भी भौतिक कक्षाएं बंद करने और ऑनलाइन मोड में पढ़ाई करवाने पर निर्णय ले सकती हैं.

एनसीआर राज्य सरकारें/जीएनसीटीडी सरकारी, नगरपालिका और निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की अनुमति देने पर निर्णय लेंगी.

केंद्र सरकार के कार्यालयों में कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने पर केंद्र सरकार उचित निर्णय ले सकती है.

राज्य सरकारें कॉलेजों/शैक्षिक संस्थानों को बंद करने और गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद करने, पंजीकरण संख्या के आधार पर सम-विषम के रूप में वाहनों को चलाने की अनुमति देने जैसे अतिरिक्त आपातकालीन उपायों पर भी विचार कर सकती हैं.

इसके अलावा, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग एनसीआर के नागरिकों से अपील करता है कि वे जीआरएपी को लागू करने में सहयोग करें और जीआरएपी के अंतर्गत नागरिक चार्टर में वर्णित चरणों का पालन करें. नागरिकों को सलाह दी जाती है कि बच्चे, बुजुर्ग और श्वसन, हृदय, मस्तिष्कवाहिकीय या अन्य पुरानी बीमारियों वाले लोग बाहरी गतिविधियों से बचें और जितना संभव हो घर के अंदर रहें.