असम की पूर्णिमा देवी बर्मन को संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च पर्यावरण पुरस्कार से नवाज़ा गया
भारत में असम की पूर्णिमा देवी बर्मन (Purnima Devi Barman) को यूएन (United Nations) के सर्वोच्च पर्यावरण पुरस्कार “चैंपियंस ऑफ़ द अर्थ 2022” (Champions of the Earth 2022) से सम्मानित किया गया है. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने वन्यजीव जीवविज्ञानी पूर्णिमा देवी बर्मन को यह अवार्ड पारिस्थितिकी तंत्र के बचाव में किये गए उनके योगदान के लिए दिया है. डॉ पूर्णिमा देवी बर्मन को एंटरप्रेन्योरियल विजन श्रेणी (Entrepreneurial Vision category) में सम्मानित किआ गया है.
पूर्णिमा देवी बर्मन हरगिला आर्मी (Hargila Army) का नेतृत्व करती हैं, जो ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क (Greater Adjutant Stork) को विलुप्त होने से बचाने के लिए समर्पित मूवमेंट है, जिसमें केवल महिलाएं शामिल हैं. आज हरगीला आर्मी में 10,000 हज़ार से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं जो सारस के घोसले को बचाती हैं, घायल पक्षियों की सेवा इत्यादि करती हैं.पूर्णिमा देवी बर्मन की मदद से हरगिला आर्मी की महिलाएं सारस पक्षी जैसे मुखौटे बनाती और बेचती हैं, जिससे अपनी वित्तीय स्वतंत्रता के साथ ही विलुप्त होती प्रजाति के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलती है.
यूएनईपी की वेबसाइट के मुताबिक, पांच साल की उम्र में बर्मन को असम में ब्रह्मपुत्र नदी के नजदीक रहने वाली अपनी दादी के पास भेज दिया गया था. वहीँ उन्होंने सारस और पक्षियों की कई अन्य प्रजातियों को देखा. उनकी दादी ने उन्हें पक्षियों से जुड़े गीत सिखाए. बगुले और सारस के बीच में रहते रहते Purnima देवी बर्मन ने इनके कंजर्वेशन के लिए काम करने की सोची.
हरगिला को बचाने के प्रयास में पूर्णिमा की पीएचडी भी छूटी. कैंपेन में महिलाओं को जोड़ा, जो आसान नहीं था. जागरुकता बढाने के उद्देश्य से कुकिंग फेस्टिवल मनाए. संरक्षण अभियान से लोगों को जोड़ने के लिए धार्मिक कार्यों से लेकर खाना पकाने की प्रतियोगिताओं, नुक्कड़ नाटकों और सामुदायिक नृत्यों के दौरान संरक्षण संदेश प्रस्तुत करना इत्यादि शामिल रहा. धीरे-धीरे कर हरगीला आर्मी बढती गई और आज दस हज़ार से महिलाएं इस अभियान से जुडी हैं.
बर्मन भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा प्रस्तुत 2017 नारी शक्ति पुरस्कार ( भारतीय महिलाओं के लिए सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार) से नवाजी जा चुकीं हैं. इसके अलावा 2017 में, यूनाइटेड किंगडम की राजकुमारी रॉयल ऐनी द्वारा उन्हें व्हिटली पुरस्कार (जिसे ग्रीन ऑस्कर भी कहा जाता है) प्रदान किया जा चूका है. पूर्णिमा देवी बर्मन को कंजर्वेशन लीडरशिप प्रोग्राम (सीएलपी) से लीडरशिप अवार्ड 2015, फ्यूचर कंजर्वेशनिस्ट अवार्ड 2009, संयुक्त राष्ट्र से यूएनडीपी इंडिया बायोडायवर्सिटी अवार्ड 2016 भी मिल चुका है. रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड आरबीएस "अर्थ हीरो अवार्ड" 2016, 2017 में बीएसएनएल से भारत संचार रोल ऑफ़ ऑनर 2017, 2016 में बालीपारा फाउंडेशन "ग्रीन गुरु अवार्ड" और 2017 में उत्तर पूर्व से एफआईआईसीआई एफएलओ महिला अचीवर पुरस्कार भी इन्हें प्राप्त हुआ है.
(फीचर इमेज क्रेडिट: unep.org)
Edited by Prerna Bhardwaj