17 दिन में 9 रोबोटिक्स सर्जरी करने वाली पहली सर्जन डॉ. लावण्या किरन
बैंगलोर की महिला डॉक्टर लावण्या से पहले कोयम्बटूर के एक सर्जन 33 दिन में 9 सर्जरी कर चुके हैं।
बैंगलोर के नारायणा हेल्थ में काम करने वाली 38 वर्षीय डॉ. लावण्या किरन की उपलब्धि किसी करिश्मे से कम नहीं है। अभी कुछ दिन पहले ही लावण्या 17 दिनों में 9 रोबॉटिक सर्जरी करने वाली पहली सर्जन बनी हैं। डॉ. लावण्या ने सर्जरी की ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट ऑफ रोबॉटिक सर्जरी से ली है।
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दुनिया का सबसे पहला शल्य चिकित्सा रोबोट अर्थ्रोबोट था, जिसे 1983 में वैंकूवर, बीसी, कनाडा में विकसित करके पहली बार इस्तेमाल में लाया गया था।
रोबोटिक सर्जरी के दौरान सर्जन्स एक खास तरह के कंसोल पर बैठते हैं, कंसोल के जरिए वे मरीज़ की 3डी (हाइ रेज़ोल्यूशन) छवि देखते हैं। सर्जरी मरीज़ को एनेसथिसिया देने के बाद शुरू की जाती है। सर्जन्स कंसोल पर लगे लीवर, पैडल और बटन के जरिए रोबोट को नियंत्रित करते हैं। वह कंप्यूटर चिकित्सक की गतिविधियों को संपादित करता है, जिसे फिर रोगी के ऊपर रोबोट द्वारा किया जाता है। उदाहरण के लिए, रोबोटिक प्रणाली की अन्य विशेषताओं में शामिल है, एक एकीकृत कंपन फिल्टर और हरकत के मापन की क्षमता। सर्जिकल रोबोटिक प्रणाली यूरोलॉजी, स्त्री रोग, हृदय रोग, मोटापे के क्षेत्र और साथ ही साथ नींद से जुड़ी कुछ बीमारियों को दूर करने के लिए होती है। यह बेहद ही सामान्य सी प्रक्रिया है, जिसमें रोबोट बिना किसी मानव सर्जन के शल्य चिकित्सा करते हैं।
सोच कर थोड़ा अजीब लगता है, कि मनुष्य की सर्जरी रोबोट कैसे कर सकती हैं। बहुत से लोग तो रोबोटिक सर्जरी करवाने से डरते भी हैं, लेकिन ये अब मुमकिन है, वो भी सफलतापूर्वक। क्योंकि यदि डॉ. लावण्या किरण जैसी डॉक्टर्स हों तो डर कैसा।
रोबोटिक सर्जरी, कंप्यूटर-समर्थित सर्जरी और रोबोट-समर्थित सर्जरी, उन विभिन्न तकनीकी विकासों के लिए शब्दावली है जिन्हें वर्तमान में विभिन्न प्रकार की शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं की सहायता के लिए विकसित किया गया है।
रोबोट का विकास आर्थोपेडिक सर्जन, डॉ. ब्रायन डे के सहयोग से डॉ. जेम्स मैकएवेन और जिओफ़ औशिन्लेक ने किया था।
डॉ. लावण्या की अपलब्धी प्रशंसनीय होने के साथ साथ किसी को भी अचरज में डाल सकती है। लावण्या ने सिर्फ 17 दिनों में ही 9 रोबोटिक सर्जरी करके चिकित्सा के क्षेत्र में रिकॉर्ड बनाया है। डॉ. लावण्या बैंगलोर के नारायणा हेल्थ में काम सेवारत हैं। इनसे पहले कोयम्बटूर के एक डॉक्टर ने 33 दिन में 9 रोबोटिक सर्जरी करने का रिकॉर्ड बनाया था। लावण्या ने यह रिकॉर्ड सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपनी सफलता का परचम लहराया है। यह रिकॉर्ड इन्होंने इशी साल के जनवरी माह में बनाया था।
38 साल की डॉ. लावण्या ने सर्जरी की ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट ऑफ रोबॉटिक सर्जरी से ली है। रोबोटिक सर्जरी के बारे में बात करते हुए डॉ. लावण्या कहती हैं,
"यह रोबोटिक सिस्टम हमें सही तरीके से ऑपरेट करने में मदद करता है। इसका 360 डिग्री रिस्ट मूवमेंट तकरीबन 10 गुना ज्यादा ताकतवर है, जो हमें हर जगह आसानी से पहुंचने देता है। इस सर्जरी में कॉम्प्लिकेशन की आशंका बहुत कम होती है और सबसे अच्छी बात है कि मरीज़ थोड़े दिन तक हॉस्पिटल में रहने के बाद ही घर जा सकता है।"
रोबोटिक सर्जरी को लेकर सीनियर सर्जन्स का मानना है, कि गायनकोलॉजी, गैस्ट्रोइन्टेस्टाइन, यूरोलॉजिकल, अॉन्कोलॉजिकल और पेडिया ट्रिक से संबंधित अॉपरेशन्स में रोबोटिक का इस्तमाल किया जाता है। लेकिन, बच्चों की रोबोटिक सर्जरी में कई तरह की मुश्किलो का सामना करना पड़ता है। गुड़गांव की एक वरिष्ठ डॉक्टर का कहना है, कि बच्चे बहुत छोटे होते हैं, जबकि रोबोटिक सिस्टम बड़ा होता है, जिसके चलते दिक्कत आती है।