एक नए अभिभावक युग की सुबह, 'ई कवच'
आपके बच्चों की डिजिटल गतिविधियों पर नजर रखने के लिए है "eKAVACH”
एक सामाजिक समूह में नूपुर रघुनाथ बच्चों द्वारा इंटरनेट से सूचना प्राप्त करने और उनकी सुरक्षा पर बात कर रही थी. उन्हें अपनी एक निकट मित्र की कही गयी बात आ रही है,
"अगर हमारे पास भी किसी जहाज को नियंत्रित करने वाले बटन जैसा बटन अपने बच्चों को नियंत्रित करने के लिए सम्भव होता तो हम तो उसका दुगुना मूल्य चुकाना के लिए भी तैयार हैं.”
और इसी बात ने नूपुर को आगे सोचने के लिए मज़बूर कर दिया. वो अपनी मित्रों से उनके बच्चों के इंटरनेट से संबंधित व्याधियों के विषय में प्रायः सुनती रहती थी. कुछ ऐसे अभिभावक भी थे जो अपने बच्चे के इंटरनेट की बुरी लत पकड़ने की आशंका से परेशान थे.
और आगे बैठकों की श्रृंखला में उनकी कुछ सहेलियों ने भी इंटरनेट को अपने अस्तित्व के अभिन्न अंग के रूप में होने के नकारात्मक प्रभाव और स्वास्थ्य के मुद्दों पर अपनी चिंता व्यक्त की. नूपुर कहती हैं,
"एक विमर्श के दौरान यह चौंकाने वाली बात सामने आई कि इंटरनेट के मोह की वजह से कई किशोर चिंता और अवसाद से पीड़ित थे. दूसरी चिंता ये थी कि इंटरनेट के लगाव के कारण कोई भी व्यायाम या मैदानी खेल-कूद के प्रति अरुचि हो जाने कि वजह से बच्चे बाहर नहीं जाते है और इस वजह से बच्चों में मोटापे की समस्या बढ़ रही है. एक माँ होने के नाते मैं भी इन मुद्दों पर चिंतित थी."
और आश्चर्यजनक यह था की उनकी कोई भी मित्र अपने बच्चे से लैपटॉप या टेबलेट वापस नहीं लेना चाहती थी. वो सभी चाहती थीं की उनके बच्चे इसका इस्तेमाल सीखने और मनोरंजन के लिए करें. उन सब की इक्षा थी कि यह सबकुछ स्वस्थ्य और संतुलित तरीके से हो जाये. नूपुर बताती हैं
"और अब बीज बो दिया गया है. मैं एक ऐसा रास्ता तलाश रही हूँ जिसके माध्यम से एक सुरक्षित और विलक्षण ऑनलाइन अनुभव हम अभिभावक को महसूस करा सकें. और मैं ने तुरंत ही अपने परिवार में ही इस पर विचार के लिए पहल की."
और फिर गहन विमर्श के बाद समाधान के रूप में eKAVACH सामने आया. यह अभिभावकों के लिए एक लाभकारी माध्यम है जो उनकी अनुपस्थिति में वास्तविक समय पर सन्देश भेज कर उन्हें सतर्क करता रहता है. "हमारा उद्देश्य अभिभावक और बच्चे के मध्य प्रभावी संवाद के माध्यम से परस्पर विश्वास को मजबूत करने के साथ बिना उनके उपकरण के पास रह के भी बच्चे की इंटरनेट की दुनिया से उन्हें रूबरू करना था" नूपुर इशारा करती हैं. नूपुर जोड़ती हैं,
"हम एक ऐसा नाम चाहते थे जो कि भारतीय हो और साथ ही उस नाम से उसका उद्देश्य भी परिलक्षित हो. eKAVACH संस्कृत भाषा के शब्द कवच से लिया गया है, जिसका तातपर्य होता है ढाल या रक्षा करने वाला यंत्र. इस तरह हम एक मोबाईल इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा eKAVACH द्वारा अभिभावकों को साइबर बदमाशी, अनुपुक्त सामग्री और ऑनलाइन सुरक्षा के अन्य जोखिमों से अपने बच्चों को सुरक्षित रखने में उनकी मदद करते हैं.”
यह तकनीक बच्चों के लिए सुरक्षित और माता पिता की चिंताओं को कम करने के लिए सक्रिय समाधान प्रदान करती है. eKAVACH अभिभावक को यह विलक्षण सुविधा देता है जिस से कि वो अपने बच्चे से दूर से भी किसी भी समय सम्बद्ध हो सके और उनकी निगरानी कर सकें. इसके द्वारा माता-पिता अपने बच्चे की ऑनलाइन गतिविधि के विषय में तत्काल सूचनाएं प्राप्त कर सकते हैं, आवश्यकतानुसार उसकी सेटिंग परिवर्तित कर सकते हैं और साथ ही गतिशील रूप से बच्चे की जरूरतों के अनुसार उनकी मदद कर सकते हैं.
eKAVACH’ की वास्तविक समय की सुविधा अभिभावकों को किसी भी वेबसाइट या अनुपयुक्त सामग्री को बाधित कर देने में मदद करती है. साथ ही इसके माध्यम से माता-पिता उपयोग का कुल समय निर्धारित कर सकतें है. यह खोज परिणामों से हानिकारक साइटों को ब्लॉक कर के खोज को 'सुरक्षित खोज ' सक्षम बनता है.
eKAVACH का मौजूदा रिलीज, eKAVACHv1.0, इंटरनेट सामग्री की सुरक्षा और समय पर केंद्रित है. महत्वपूर्ण बात यह है कि, यह माता-पिता को विशिष्ट श्रेणियों/वेबसाइटों को प्रतिबंधित या अप्रतिबंधित और सप्ताह के प्रत्येक दिन के लिए इंटरनेट का उपयोग के समय को परिभाषित करने की क्षमता प्रदान करता है.
इस बीच, आगामी रिलीज eKAVACH v2.0 में सामाजिक मीडिया निगरानी भी शामिल होंगी. साथ ही इंस्टेंट मेसेजिंग और चैट रूम निगरानी, साइबर बदमाशी से सुरक्षा, फोन कॉल/एसएमएस और फोन मीडिया निगरानी के फीचर भी होंगें जबकि v3.0 संस्करण में बच्चों की शारीरिक सुरक्षा के लिए स्थान आधारित सेवाएं शामिल होगीं.
इस प्रकार आप दूर रह कर भी अपने बच्चों की निगरानी और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित कर सकेंगें. है न कमाल की बात.