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साल 2022 में रोज़गार की फैक्ट्री बने भारत के ये शहर

तेजी से बढ़ते रोज़गार के मामले में, पिछली दो तिमाहियों में नौकरियां देने में 96% की वृद्धि के साथ, आईटी सबसे टॉप सेक्टर रहा है. 2022 में सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करने वाले अन्य सेक्टर ई-कॉमर्स, BFSI, और FMCG हैं.

साल 2022 में रोज़गार की फैक्ट्री बने भारत के ये शहर

Wednesday September 21, 2022 , 3 min Read

अवसर (Avsar), जोकि टैलेंट मैनेजमेंट संबंधी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए एक वन-स्टॉप सॉल्यूशन है, ने हाल ही में देश में सबसे अधिक रोजगार पैदा करने वाले शहरों और क्षेत्रों का एक सर्वे किया है. तेजी से बढ़ते रोज़गार के मामले में, पिछली दो तिमाहियों में नौकरियां देने में 96% की वृद्धि के साथ, आईटी सबसे टॉप सेक्टर रहा है. नौकरियां देने वाले टॉप शहरों की बात करें तो बैंगलोर, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पुणे और हैदराबाद - ये वे शहर हैं जिन्होंने इस साल सबसे ज्यादा नौकरियां दी है. 2022 में सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करने वाले अन्य सेक्टर ई-कॉमर्स, BFSI, और FMCG हैं.

सर्वे में एंट्री-लेवल हायरिंग ट्रेंड भी शेयर किया गया है, जिसमें काफी वृद्धि हुई है. नियोक्ता (Employers) नए टैलेंट की मांग कर रहे हैं, और इसके परिणामस्वरूप, जून 2022 में एंट्री-लेवल हायरिंग में 30% वार्षिक वृद्धि हुई है. विशेष रूप से, मुंबई में, एंट्री-लेवल प्रोफेशनल्स की हायरिंग में 93% की वृद्धि हुई है. सेक्टर्स पर नज़र डालें तो ट्रेवल एंड हॉस्पिटैलिटी में 158% की वृद्धि हुई, और इंश्योरेंस में एंट्री-लेवल हायरिंग में 101% की वृद्धि देखी गई. अकाउंटिंग और फाइनेंस, BFSI और एजुकेशन में फ्रेशर हायरिंग में क्रमश: 85-95% और 70% की वृद्धि हुई.

कोविड के बाद के हालातों पर प्रकाश डालते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि अलग-अलग कैंडिडेट्स फुलटाइम या ऑफिस जाकर काम करने के अवसरों की तलाश नहीं कर रहे हैं. वर्तमान में, वर्कफोर्स का 75% हाइब्रिड और रिमोट है. इससे यह संकेत मिलते हैं कि हाइब्रिड मॉडल वर्कप्लेस का भविष्य होगा. अब तक के जॉब मार्केट के हालातों का विश्लेषण करते हुए, यह सर्वे एक प्रगतिशील भविष्य की भी भविष्यवाणी करता है. यह बताता है कि 2022 की अंतिम तिमाही में रोज़गार के मामले में 30-35% की वृद्धि देखी जाएगी.

सर्वे के बारे में बताते हुए, अवसर के सीईओ नवनीत सिंह ने कहा, “पिछले दो साल महामारी के प्रकोप के कारण नियोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों के लिए एक रोलरकोस्टर की सवारी रहे हैं. हालांकि, अब जैसे-जैसे कुछ सामान्य हो रहा है, जॉब मार्केट भी पटरी पर लौट रहा है. हम धीरे-धीरे एक ऐसे चरण की ओर बढ़ रहे हैं जहां नियोक्ताओं के पास विविध टैलेंट पूल है, और कर्मचारियों के पास तलाशने के लिए प्रासंगिक अवसर हैं. महानगरीय शहर और प्रमुख क्षेत्र बड़ी संख्या में रोज़गार पैदा कर रहे हैं, और एंट्री-लेवल टैलेंट के साथ-साथ अनुभवी पेशेवरों के लिए भी हालात प्रगतिशील लगते हैं.”

बता दें कि सरकार भी रोज़गार के अवसरों को लेकर सचेत है वित्त मंत्रालय ने बुधवार को सरकारी बैंकों के प्रमुखों की बैठक बुलाई है. इसमें इन बैंकों में कर्मचारियों की संख्या की समीक्षा की जाएगी और उनसे मंथली हायरिंग प्लान मांगा जाएगा.