पंजाब के इन नन्हें जुड़वा भाइयों ने खेल-खेल में तैयार किया बिजली बचाने वाला सेंसर
बड़े कमाल का मनप्रीत और खुशप्रीत का सैंसर चिप
पंजाब के मनसा में रहने वाले दो जुड़वा भाइयों मनप्रीत सिंह और खुशप्रीत सिंह ने एक ऐसा सैंसर चिप तैयार किया है, जिसको बिजली के बल्ब या ट्यूब लाइट से कनेक्ट कर देने पर विद्युत प्रवाह आटोमैटिक हो जाता है। कमाल की बात ये है कि ये जुड़वा भाई अभी नौवीं कक्षा में पढ़ते हैं और यह आविष्कार उन्होंने खेल-खेल में किया है। इससे पहले दोनो भाइयों ने रिमोट से पंखा चलाने का मॉडल तैयार किया था।
मनप्रीत और खुशप्रीत ने अपने घर में ही ऐसा रिमोट तैयार किया, जिससे टेबल पंखा, ट्यूब लाइट और मिक्सर चलाए जा सकते हैं। यद्यपि कुछ समय पहले रिमोट कंट्रोल डिवाइस की मदद से घरेलू गैजेट्स कंट्रोल करने के आधुनिक तरीके इजाद हो चुके हैं।
आजकल जबकि बिजली की खपत बढ़ती जा रही है और आपूर्ति घटती जा रही, ऐसे में जब कोई ऐसा उपाय मिल जाए, जिसमें विद्युत की बचत होने लगे, फिर तो बल्ले-बल्ले। पंजाब के नन्हे जुड़वा भाइयों ने ऐसा ही तो कर दिखाया है। वैसे तो बिजली बचाने के सौ तरीके इजाद हो चुके हैं, मसलन, कमरे की लाइट बंद कर दें, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस यानी मोशन सेंसर, ऑटोमेटिक टाइमर का इस्तेमाल करें, स्विच को ऑन और ऑफ़ करते रहें, घर में जहाँ भी साधारण बल्ब लगे हों, वहां सीएफएल और एलईडी बल्ब लगा लें, घर में नेचुरल लाइट का इंतजाम कर लें, गन्दी ट्यूबलाइट और बल्ब साफ़ करते रहें, सौर उर्जा का इस्तेमाल करें लेकिन सैंसर चिप की तो बात ही कुछ और है।
भटिंडा (पंजाब) के मानसा शहर के डा. विश्वजीत सिंह खंडा के जुड़वां बेटों मनप्रीत सिंह व खुशप्रीत सिंह ने स्कूल से छुट्टी के दिनों में अपने श्रम और विवेक से खेल-खेल में एक अनोखा आविष्कार कर डाला है। दोनो ने एक ऐसा सैंसर चिप तैयार किया है जिसको रोशनी वाले बिजली के बल्ब या ट्यूब लाइट से कनेक्ट कर देने पर बिजली का संचार आटोमैटिक हो जाता है। यह सैंसर चिप सुबह सूर्योदय के बाद ऑफ और सूर्यास्त के बाद लाइट को ऑन कर देता है। इससे पहले दोनो भाइयों ने पंखे, ट्यूबलाइट आदि को रिमोट से चलाने का सिस्टम विकसित कर लिया था।
दोनों भाई मानसा के एसएस मित्तल नेशन हाई स्कूल में पढ़ते हैं। मनप्रीत और खुशप्रीत ने जो सैंसर चिप बनाया है, उसकी मदद से रोशनी की कमी होते ही बल्ब-ट्यूबलाइट स्वयं जल उठते हैं। बताया जाता है कि सालाना परीक्षा के बाद जब दोनो भाई अपने ननिहाल जाते हैं, छुट्टियां मस्ती में बिताने की बजाए किसी न किसी प्रोजेक्ट में मशगूल हो जाते हैं। इसी धुन में उन्होंने छुट्टी के केवल नौ दिन के भीतर डेढ़ इंच का ऐसा सैंसर चिप विकसित कर लिया, जिससे बिजली की बचत तो होती ही है, फालतू बिजली भी खर्च नहीं होती है। डॉ खंडा कहते हैं कि अपने जुड़वां बेटों को प्रोत्साहित करने के लिए वह उनकी डिमांड पर बाजार से हर सामान तुरंत उपलब्ध करा देते हैं।
इससे पहले नवंबर 2017 में पिछले साल मनप्रीत और खुशप्रीत ने रिमोट के जरिए पंखा चलाने का मॉडल तैयार कर दिया। जब उन्होंने इसका प्रदर्शन किया, उनके मॉडल पर स्कूल अपना श्रेय जताने लगा जिससे विवाद खड़ा हो गया। जब ये नौबत आई तो डॉ खंडा बच्चों की तरफदारी में उतर आए। उन्होंने मीडिया को बताया कि स्कूल चाहता है, बच्चों द्वारा तैयार किया मॉडल स्कूल को दे दिया जाए। उन्होंने एसएस मित्तल पब्लिक स्कूल की इस नाजायज मांग का विरोध किया। प्रिंसिपल सुमन मिड्ढा का कहना है कि मनप्रीत और खुशप्रीत ने जो मॉडल तैयार किया है, उसे तैयार करने में स्कूल के साइंस टीचर ने बच्चों को गाइड किया है।
मनप्रीत और खुशप्रीत ने अपने घर में ही ऐसा रिमोट तैयार किया, जिससे टेबल पंखा, ट्यूब लाइट और मिक्सर चलाए जा सकते हैं। यद्यपि कुछ समय पहले रिमोट कंट्रोल डिवाइस की मदद से घरेलू गैजेट्स कंट्रोल करने के आधुनिक तरीके इजाद हो चुके हैं। जैसे टीवी रिमोट, कार रिमोट, होम एप्लाईसेंस रिमोट, लेकिन अलग-अलग डिवाइसेस को कंट्रोल करने के लिए अलग-अलग रिमोट प्रयोग करने की बजाए यूीनीवर्सल रिमोट कंट्रोल बाजार में आ चुका है। अगर आपके पास एक अच्छा स्मार्टफोन है तो उसे भी रिमोट कंट्रोल की तरह प्रयोग किया जा सकता है।
बस इसके लिए अपने स्मार्टफोन में कुछ एप्लीकेशन इंस्टॉल करनी होती है। होम आटोमेशन बनाने वाली कंपनी केस्ट्रॉन भी मोबाइन रिमोट कंट्रोल एप्लीकेशन प्रोवाइड कराती है जिसकी मदद से आप अपने फोन को रिमोट कंट्रोल की तरह प्रयोग कर सकते हैं। एप्लीकेशन वाईफाई की मदद से कनेक्ट होकर होम एप्लाइसेंस को कंट्रोल करती है। एंड्रायड यूजरों लिए एप्लीकेशन दो वर्जनों में उपलब्ध है जिसमें पहला वर्जन फ्री है वहीं दूसरे वर्जन प्रो को डाउनलोड करने के लिए 5,000 रुपए देने होते हैं।
तकनीक चाहे कोई भी है, आज जरूरत घरेलू स्तर पर ज्यादा से ज्यादा बिजली की खपत रोकने की रहती है। इसलिए आज मनप्रीत और खुशप्रीत के सैंसर चिप के अलावा बिजली बचाने के आसान तरीके आजमाते रहने में भी कोई हर्ज नहीं है। मसलन, इसके लिए सामान्य बल्ब की जगह कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लैंप यानि सीएफएल का इस्तेमाल किया जा सकता है। सीएफएल लैंप 80 फीसदी कम बिजली का इस्तेमाल करता है और 10 से 15 गुना ज्यादा चलता है। पांच महीने में सीएफएल लैंप के दाम वसूल हो जाते हैं। एक और तरीका है, अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को पावर एक्सटेंशन कॉर्ड से जोड़ दें और रात को इस्तेमाल नहीं होने पर उसे बंद कर दें। यह कंप्यूटर, प्रिंटर, टीवी, डीवीडी प्लेयर पर लागू होता है।
पावर एक्सटेंशन कॉर्ड की मदद से आप दस फीसदी बिजली की बचत कर सकते हैं। अपने वॉटर हीटर के तापमान के स्तर को कम करके 48 डिग्री पर सेट कर दें, साथ ही अगर आपका वॉटर हीटर इनसुलेटेड नहीं है, तो उस पर इनसुलेशन की चादर चढ़ा दें। फ्रीजर अगर भरा हो तो वह अधिक कुशलता से काम करता है। मौसमी फल और सब्जियां खरीदकर फ्रीजर में रख दें जिसका इस्तेमाल साल भर तक किया जा सकता है। एक सस्ता विकल्प है सौर फिल्म का। खिड़की पर सौर फिल्म लगाना आसान है। इससे बिजली के बिल में गिरावट आ जाती है। बचत का एक तरीका और।
वॉशिंग मशीन में कपड़े धोने के लिए डालें तो यह देख लें कि वॉशिंग मशीन की क्षमता के हिसाब से कपड़े हों यानी कम कपड़े धोने के बजाय एकमुश्त धुलाई करें। बत्ती जलती हुई कभी न छोड़ें। जब कभी कमरे से बाहर जाएं तो पंखे और लाइट का स्विच बंद कर दें। इस तरह के और भी कई नुस्खे तो आते रहेंगे लेकिन फिर भी मनसा के जुड़वा भाइयों ने जो कमाल कर दिखाया है, उससे इतनी प्रेरणा तो मिलती ही है कि नए जमाने के बच्चों से भी बहुत सीखा, किया जा सकता है। यदि उनके आविष्कार पर सरकार अथवा सम्बंधित विभाग ध्यान दे दे, उनकी मदद करे तो बिजली की बचत का एक बड़ा कारगर उपाय बिजली की जरूरत भर आपूर्ति व्यवस्थित कर सकता है।
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