कोविड पॉज़िटिव मरीजों के पालतू पशुओं का ध्यान रख रहे हैं ये दोनों, 'पेट रिसॉर्ट' में कर रहे हैं खातिरदारी
आशा और अरुण ने कोरोना प्रभावित मरीजों के पालतू पशुओं की देखरेख के लिए अपने घर के दरवाजे खोल रखे हैं।
दिल्ली इस समय देश में सबसे अधिक कोरोना प्रभावित राज्यों में से एक है और फिलहाल राजधानी से रोजाना बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। बढ़ते कोरोना मामलों के साथ इस समय कोरोना प्रभावित लोगों के बीच उनके पालतू पशुओं की देखरेख एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आई है, लेकिन कुछ अन्य लोग ऐसे लोगों की इस समस्या को हल करने में उनकी मदद कर रहे हैं।
ऐसे ही दो शख्स आशा और अरुण ने कोरोना प्रभावित मरीजों के पालतू पशुओं की देखरेख के लिए अपने घर के दरवाजे खोल रखे हैं। आशा और अरुण की इस पहल के चलते कोरोना प्रभावित मरीजों को उनके पालतू-पशुओं की देख रेख में ख़ासी मदद मिल रही है।
फिलहाल पास हैं 38 कुत्ते
कोरोना वायरस संक्रमण के बाद अधिकतर लोग अपने घरेलू पशुओं की देखरेख करने में सक्षम नहीं रह पाते हैं। मीडिया से बात करते हुए अरुण ने बताया है कि उनके पास फिलहाल 38 पालतू कुत्ते हैं जिनकी देखरेख वो कर रहे हैं। इनमे से 32 पालतू कुत्ते कोरोना प्रभावित परिवारों के हैं।
आशा और अरुण ऐसे में कुत्तों के साथ ही अपनी सुरक्षा का भी पूरी तरह ध्यान रखते हैं। कोरोना प्रभावित मरीज के घर से कुत्ते को लाने के दौरान वह काफी सावधानी बरतते हैं। उनके अनुसार ऐसे में मरीजों के परिवार का कोई ऐसा सदस्य जो कोरोना संक्रमित न हो वो उन्हे उनके घर के बाहर कुत्ता दे जाता है या फिर जहां पूरा परिवार ही कोरोना पॉज़िटिव है ऐसे केस में अरुण उनके घर के बाहर जाते हैं जहां वह सुरक्षा का ध्यान रखते हुए दरवाजे से ही कुत्ते को अपने साथ ले आते हैं।
कुत्तों के साथ घोड़े भी
दोनों इस तरह पालतू पशुओ की देखरेख का काम को बीते 6 सालों से कर रहे हैं। आशा के अनुसार यह पहले एक अपार्टमेंट में शुरू हुआ था लेकिन अब जब इन पालतू पशुओं की संख्या अधिक हो गई है तो उन्हे एक ‘पेट रिज़ॉर्ट’ में रखा गया है।
इन पशुओं की बोर्डिंग को ध्यान में रखते हुए आशा और अरुण ने दिल्ली के छतरपुर में एक फार्म हाउस किराए पर लिया हुआ है। इस खास ‘पेट रिज़ॉर्ट’ में कुत्तों के साथ दो घोड़े भी रह रहे हैं। आशा और अरुण के अनुसार बीते कुछ साल में एक बार में अधिकतम 66 कुत्ते उनके पास रह चुके हैं।
खास है ये ‘पेट रिज़ॉर्ट’
कुत्तों के लिए इस ‘पेट रिज़ॉर्ट’ में बेहद खास इंतजाम किए गए हैं। उनके लिए अच्छे खाने से लेकर नहाने के लिए स्वीमिंग पूल तक की व्यवस्था की गई है। कुत्तों के लिए दिन में दो बार खाना बनाया जाता है। ‘पेट रिज़ॉर्ट’ में इन सभी कुत्तों को घर पर बना खाना ही दिया जाता है।
आशा और अरुण बताते हैं कि अपने मूल मालिकों से दूर आकर ये कुत्ते कई बार परेशान और बेचैन हो जाते हैं, ऐसे में उन्हे बेहतर माहौल देना अधिक आवश्यक हो जाता है।
आशा और अरुण को इन पालतू कुत्तों के मालिकों से उन्हे एक दिन से लेकर एक-डेढ़ साल तक के लिए उनके पास रखने की रिक्वेस्ट आती है जो पूरी तरह उन मालिकों के व्यक्तिगत कारणों पर निर्भर करती है।