Brands
YS TV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

तिजोरीः इंडियन हैंडीक्राफ़्ट्स के प्रति अपने प्यार को बनाया बिज़नेस, आज है 50 करोड़ का टर्नओवर

तिजोरीः इंडियन हैंडीक्राफ़्ट्स के प्रति अपने प्यार को बनाया बिज़नेस, आज है 50 करोड़ का टर्नओवर

Friday September 06, 2019 , 5 min Read

मान्सी गुप्ता हमेशा से ही परंपरागत भारतीय हैंडीक्राफ़्ट्स (हथकरघा उत्पाद) और परिधानों की ओर आकर्षित रही हैं। इन उत्पादों के प्रति अपने प्यार के चलते और साथ ही, वैश्विक स्तर पर भारतीय हथकरघा उत्पादों की मांग को पूरा करने के उद्देश्य के साथ मान्सी ने 2013 में नई दिल्ली से तिजोरी नाम के स्टार्टअप की शुरुआत की।


mansi

Tjori की को-फाउंडर और सीईओ मान्सी गुप्ता


36 साल की मान्सी बताती हैं,

"जब मैं पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी के वार्टन स्कूल में पढ़ाई कर रही थी, तब मैंने देखा कि विदेश में इंडियन हैंडीक्राफ़्ट्स की काफ़ी मांग है। जबकि, मुझे लगा कि इस मांग को ठीक ढंग से पूरा करने के लिए कोई भी इंडियन ब्रैंड नहीं है। इसलिए मैंने सोचा कि मैं इस कमी को पूरा करूंगी।"


योरस्टोरी के साथ हुई एक ख़ास बातचीत में, मान्सी ने एक व्यवसाई (ऑन्त्रप्रन्योर) के तौर पर अपनी अभी तक की यात्रा हमारे साथ साझा की और बताया कि उनके ब्रैंड तिजोरी की शुरुआत कैसे हुई और उसने देश-विदेश में ग्राहकों को किस तरह से आकर्षित किया।


पेश हैं इस ख़ास बातचीत के कुछ अंशः


तिजोरी क्या है? इसकी शुरुआत कैसे हुई?

मान्सी गुप्ताः तिजोरी ब्रैंड कई श्रेणियों में काम करता है और यह पहला ऑनलाइन एथनिक ब्रैंड है, जहां पर आपको एक ही जगह कपड़े, वेलनेस प्रोडक्ट्स, घर की ज़रूरतों के सामान और साथ ही, मदर और चाइल्ड केयर प्रोडक्ट्स भी उपलब्ध हैं। यह ब्रैंड मुख्य रूप से हैंडमेड उत्पादों पर केंद्रित है और यह भारत की परंपरागत संस्कृति की छवि को अपने उत्पादों में संजोकर रखता है।


हमने ज़ारा ब्रैंड से प्रेरणा ली, जो स्पेन में एक छोटे से बुटिक से शुरू हुआ था और दुनियाभर में फ़ैशन इंडस्ट्री में ब्रैंड की अपनी अलग जगह है। मैंने अपनी बचत के 10 लाख रुपयों से कंपनी की शुरुआत की, जिसका सालाना टर्नओवर अब 50 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है।


वर्तमान में, हमारा ब्रैंड तिजोरी दुनियाभर के 195 देशों तक अपने प्रोडक्ट्स पहुंचा रहा है और इसके लिए हम डिजिटल मार्केटिंग और ई-कॉमर्स का सहारा ले रहे हैं। हम अपने कोरियर सर्विस पार्टनर फ़ेड एक्स की मदद से इन देशों तक अपने प्रोडक्ट्स पहुंचा रहे हैं।


2016-17 में मैंने अपने दोस्तों और परिवार की मदद से 1.5 करोड़ रुपए की फ़ंडिंग भी जुटाई। हमने 2019 में सीरीज़ ए लेवल की फ़ंडिंग भी हासिल की।


ू


कंपनी इतनी सारी श्रेणियों में किस तरह से काम कर रही है?

मान्सीः मूलरूप से तिजोरी ब्रैंड परंपरागत भारतीय चीज़ों को अपने प्रोडक्ट्स में संजोकर रखने की कोशिश करता है। यह हमारी सबसे पहली कोशिश रहती है और इस कारक की वजह से ही ग्राहकों द्वारा हमें पसंद किया जाता है। हम जितनी भी श्रेणियों में उत्पाद बनाते और बेचते हैं, उन सभी श्रेणियों में इस कारक की मांग है। 


हम जिस सेक्टर में काम कर रहे हैं, उसका मार्केट 12 बिलियन डॉलर का है और हम अपने प्रतिद्वंद्वियों से बिल्कुल अलग हैं। हम लिमिटेड सेल्स मॉडल पर काम करते हैं। हम इनवेन्टरी का ढेर नहीं बढ़ाते और न ही पूंजी को रोक कर रखते हैं। हम हर 20-30 दिनों में क्लियरेन्स करते हैं और नया स्टॉक लाते हैं।


ग्राहकों और समाज पर आपके काम का क्या असर आपको मालूम पड़ा है?

मान्सीः हमारे उत्पाद पूरी तरह से भारत में निर्मित हैं। हम दुनियाभर के बड़े ब्रैंड्स से टक्कर लेने को तैयार हो रहे हैं। हमारे कलेक्शन को इतना लाजवाब बनाने में हमारे देश के विभिन्न कारीगरों और कलाकारों का हाथ है। हमने 500 से ज़्यादा कलाकारों को रोज़गार का अवसर दिया और जितना हम आगे बढ़ते हैं, उतना ही तरक्की हमारे कारीगर और कलाकार भी करते हैं। 

 

हमारी वेबसाइट पर हर महीने 10 लाख से भी ज़्यादा विज़िट्स आते हैं और हमारे ब्रैंड के पास 40-50 प्रतिशत ग्राहक ऐसे हैं, जो एक से ज़्यादा बार हमारे उत्पादों को ख़रीद चुके हैं।


दिल्ली/एनसीआर में हमारी कई मैनुफ़ैक्चरिंग यूनिट्स हैं। हम अपने प्रोडक्ट्स के लिए रॉ मटीरियल जुटाते समय इस बात का विशेष ध्यान  रखते हैं, वे पूरी तरह से असली हों। जैसे कि जमदानी कलेक्शन को तैयार करने के लिए रॉ मटीरियल पश्चिम बंगाल के उन क्षेत्रों से मंगवाया गया था, जहां से उनका वास्तविक संबंध है।


तिजोरी में हम पूरी तरह से केमिकल-फ़्री और ऐसे उत्पाद इस्तेमाल करते हैं, जिनसे बच्चों की नाजुक त्वचा को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे। हम बच्चों के लिए तैयार होने वाले उत्पादों में पौधों से मिलने वाले फ़ाइबर और मिल्क फ़ैब्रिक का इस्तेमाल करते हैं।


क


आपने डिजिटल माध्यम को किस तरह इस्तेमाल किया?

मान्सीः हमने तकनीक की मदद से एक नई तरह की सप्लाई चेन विकसित की है, जिसकी मदद से हम बड़े स्तर पर हैंडमेड उत्पादों को तैयार कर पाते हैं। हम नए-नए ट्रेंड्स के लिए तैयार रहते हैं और उनकी भनक लगते ही हम नया कलेक्शन मार्केट में उतार देते हैं। इस तरह से हमारे ग्राहकों को हर हफ़्ते नए प्रोडक्ट्स की रेंज मिलती रहती है। 


भविष्य के लिए आपने क्या सोचा है?

मान्सीः हम अपने ब्रैंड तिजोरी की मदद से नए और उपयुक्त प्रोडक्ट्स को सिर्फ़ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में पहुंचाना चाहते हैं और ग्राहकों को भारतीय हस्तकला से रूबरू कराना चाहते हैं। हम इस साल के अंत तक नई दिल्ली में अपना पहला ब्रिक ऐंड मोर्टार स्टोर खोलने की योजना बना रहे हैं। साथ ही, अगली तिमाही में हम मेन्स अपेयरल कैटेगरी भी लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं।