Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

थाने में ही सजा मंडप: राजस्थान पुलिस ने पैसे जुटा कराई गरीब मां की बेटी की शादी

बेटी की शादी हुई थाने में...

थाने में ही सजा मंडप: राजस्थान पुलिस ने पैसे जुटा कराई गरीब मां की बेटी की शादी

Thursday April 26, 2018 , 4 min Read

पुलिस कई बार अपने काम से सबका दिल जीत लेती है। राजस्थान पुलिस ने अभी हाल ही में कुछ ऐसा ही किया है। कोई यकीन भी नहीं कर सकता कि पुलिस थाना भी वेडिंग डेस्टिनेशन हो सकता है। लेकिन ऐसा हुआ। 

फोटो साभार- राजस्थान पुलिस

फोटो साभार- राजस्थान पुलिस


शादी में लगभग 2 लाख रुपये का खर्च आया जिसे पुलिसकर्मियों ने मिलकर वहन किया। ग्राम पंचायत ने भी शादी के कार्यक्रम में मदद की और टेंट, डेकोरेशन जैसे कामों की जिम्मेदारी ली। यह शादी पुलिस थाने में ही हुई। थाने को अच्छे से सजाया गया और थाने में ही मंडप लगाया गया।

जब भी पुलिस की बात होती है तो हमारे मन में एक नकारात्मक सी छवि उभर आती है। उसकी वजह ये है कि हमें पुलिस के बारे में सिर्फ नकारात्मक खबरें ही जानने सुनने को मिलती हैं। लेकिन पुलिस कई बार अपने काम से सबका दिल जीत लेती है। राजस्थान पुलिस ने अभी हाल ही में कुछ ऐसा ही किया है। कोई यकीन भी नहीं कर सकता कि पुलिस थाना भी वेडिंग डेस्टिनेशन हो सकता है। लेकिन ऐसा हुआ। राजस्थान के टोंक जिले के दतवास कस्बे में एक गरीब बेटी की शादी करने के लिए 25 पुलिसवाले आगे और शादी संपन्न कराई।

दतवास कस्बे में दिहाड़ी मजदूरी करने वाली सीमा महावर की आर्थिक स्थिति काफी तंग है। कई साल पहले उनके पति का भी देहांत हो चुका है। किसी तरह मेहनत मजदूरी से वह अपना और अपनी बेटी ममता का गुजारा करती थीं। दो साल पहले उनका बेटा गंभीर बीमारी के चलते उन्हें हमेशा के लिए छोड़कर चला गया। सीमा ने अपने बेटे के इलाज के लिए काफी कर्ज लिया था, लेकिन फिर भी वह बेटे को नहीं बचा पाईं। बेटे के चले जाने के बाद उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। अब उनकी बेटी की उम्र भी शादी की हो चली थी। लेकिन उनके पास बिलकुल भी पैसे नहीं थे और इस तंगहाली में कोई व्यक्ति उन्हें कर्ज भी नहीं देना चाहता था।

image


कुछ साल पहले सीमा ने मनरेगा के तहत दतवास पुलिस थाने की बिल्डिंग की मरम्मत करने का काम किया था। लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी उन्हें मजदूरी नहीं मिली थी। इसके लिए वह थाने गईं तो वहां पुलिसकर्मियों ने उनकी मदद की और ग्राम पंचायत से उनका मेहनताना दिलवाया। कुछ दिन बाद सीमा फिर से थाने पहुंचीं और थानाध्यक्ष दयाराम चौधरी के सामने अपनी हालत बयां कर दी। उन्होंने बताया कि वह अपनी बेटी की शादी करना चाहती हैं, लेकिन उनके पास पैसे नहीं हैं। दयाराम चौधरी ने अपने साथी पुलिसकर्मियों के साथ इस बात को साझा किया। थाने में तैनात 25 पुलिसकर्मी सीमा की बेटी ममता की शादी करवाने के लिए आगे आए।

शादी में लगभग 2 लाख रुपये का खर्च आया जिसे पुलिसकर्मियों ने मिलकर वहन किया। ग्राम पंचायत ने भी शादी के कार्यक्रम में मदद की और टेंट, डेकोरेशन जैसे कामों की जिम्मेदारी ली। यह शादी पुलिस थाने में ही हुई। थाने को अच्छे से सजाया गया और थाने में ही मंडप लगाया गया। थाने में पुलिसकर्मियों ने बारात का स्वागत किया। पुलिस के इस रवैये से प्रेरित होकर गांव के भी लोग ममता की शादी करवाने के लिए आगे आए और जिससे जो हो सका उसने किया। इस तरह से ममता की शादी अच्छे से संपन्न हो गई।

पुलिस के इस काम से हर कोई खुश है। लेकिन हमारे देश में आज न जाने कितनी ऐसी ममता हैं जो गरीबी का दंश झेलने को मजबूर हैं। हमारे देश में लड़कियों की शिक्षा से ज्यादा उनकी शादी में खर्च कर दिया जाता है। समाज के बड़े तबके के लोग तो इस खर्च को आराम से वहन कर लेते हैं, लेकिन गरीबों के लिए एक एक पाई जुटाना पहाड़ तोड़ने जैसा होता है। वक्त है कि लोगों की मानसिकता को बदला जाए और लड़कियों को पढ़ा लिखाकर इतना आत्मनिर्भर बना दिया जाए कि किसी भी माता-पिता को उसकी शादी के लिए किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े।

यह भी पढ़ें: किसान के बेटे ने IIT से पढ़ाई कर शुरू किया स्टार्टअप, मौसम और बीमारियों से फसल को करेगा सुरक्षित